ईरान द्वारा सैन्य उपग्रह- नूर का प्रक्षेपण
ईरान ने 22 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय रेगिस्तान से अपने पहले सैन्य उपग्रह (मिलिट्री सैटेलाइट) को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया है, इस हेतु क़ासिद या "मैसेंजर" उपग्रह वाहक का उपयोग किया गया था, जिसमें तीन-चरण वाले ठोस और तरल ईंधन के संयोजन का उपयोग किया गया.
- ईरान ने अपने इस पहले सैन्य उपग्रह का नाम 'नूर' रखा है, यह पृथ्वी की सतह से 425 किमी ऊपर से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा है.
- ईरान ने अपना सैन्य उपग्रह ऐसे समय में छोड़ा है जब संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके संबंध, विशेष रूप से अमेरिका द्वारा 3 जनवरी, 2020 ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन
- 2 ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV)
- 3 सेल्फ-एमप्लीफाइंग mRNA (saRNA) वैक्सीन
- 4 भविष्य का सर्कुलर कोलाइडर
- 5 खारे पानी के उपचार हेतु सोलर एवैपोरेटर
- 6 शनि को 128 नए आधिकारिक चंद्रमा प्राप्त हुए
- 7 डेटा सेंटरों के लिए ऊर्जा की मांग दोगुनी होने की संभावना: IEA
- 8 'हिम अद्यतन रिपोर्ट'
- 9 सुनामी प्रवण क्षेत्र
- 10 डायटम्स
करेंट अफेयर्स न्यूज़
- 1 नेशनल टेलीकम्युनिकेशन सेंटर- कॉनटेक
- 2 मेगा ऑनलाइन चैलेंज: समाधान
- 3 कमोडिटी मार्केट्स आउटलुक रिपोर्ट
- 4 भारत के लिए प्रेषित धन में 23% की गिरावट
- 5 कोविड-19 एवं प्रेस की स्वतन्त्रता:UNHRC
- 6 ऑनलाइन हैकाथन: हैक द क्राइसिस
- 7 स्ट्रैंडेड इन इंडिया' पोर्टल
- 8 राष्ट्रीय कार्यक्रम विद्यादान 2.0
- 9 एकीकृत भू-स्थानिक प्लेटफॉर्म: सहयोग
- 10 नैनोब्लिट्ज 3 डी
- 11 यूपी में ईंट-भट्ठों के मैनुअल खनन हेतु पर्यावरण मंजूरी आवश्यक नहीं
- 12 कार्बन उत्सर्जन में अस्थाई गिरावट से नहीं रुकेगा जलवायु परिवर्तन
- 13 कोविड-19 एवं मौसम निगरानी प्रणाली