जलियांवाला बाग नरसंहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अप्रैल, 2022 को जलियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
- जलियांवाला बाग हत्याकांड इतिहास के जघन्यतम मानवाधिकार अपराधों में है जिसने उधम सिंह जैसे युवाओं को विदेशी शासन के निर्दय चरित्र के विरुद्ध जागृत किया।
- जलियाँवाला बाग़ नरसंहार को व्यापक रूप से भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जाता है, जिसने "अंग्रेजी राज" के क्रूर और दमनकारी चेहरे को उजागर किया।
जालियांवाला बाग हत्याकांड की पृष्ठभूमि
प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के दौरान औपनिवेशिक ब्रिटिश सरकार ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 कर्मा उत्सव
- 2 बथुकम्मा उत्सव
- 3 उन्मेषः अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव
- 4 नुआखाई महोत्सव 2025
- 5 राष्ट्रीय अभिलेखपाल समिति की 50वीं स्वर्ण जयंती बैठक
- 6 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष
- 7 पूम्पुहार (कावेरीपट्टनम)
- 8 दादाभाई नौरोजी: आर्थिक राष्ट्रवाद के जनक
- 9 बुद्ध के पवित्र अवशेषों की रूस में ”प्रथम प्रदर्शनी“
- 10 त्रिपुर सुंदरी मंदिर