महिला प्रतिनिधित्व: सशक्त समाज एवं समावेशी लोकतंत्र की बुनियाद
महिला प्रतिनिधित्व का उनकी आबादी के अनुपात में होना, महिला सशक्तीकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। भारत द्वारा समानता आधारित समावेशी लोकतंत्र की स्थापना के 70 वर्षों के बाद भी लैंगिक स्तर पर समावेशी लोकतंत्र का लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका है। इसके कारणों का विश्लेषण करना तथा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए एक ठोस रोडमैप तैयार करना आवश्यक है, ताकि एक सशक्त समाज तथा समावेशी लोकतंत्र के स्वप्न को वास्तविकता में बदला जा सके।
समाज के सभी पहलुओं में महिलाओं की पूर्ण और समान भागीदारी एक बुनियादी मानवाधिकार (Fundamental Human Right) है। फिर भी, दुनिया ....
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