आक्रामक विदेशी प्रजातियां अपने नए पर्यावरण और क्षेत्र की समग्र जैव विविधता के लिए गंभीर नकारात्मक परिणाम उत्पन्न करते हैं। चर्चा चर्चा कीजिए कि आक्रामक प्रजातियों के प्रसार को किन विधियों से से नियंत्रित किया जा सकता है?

उत्तरः पौधे, जीव-जंतु तथा रोगजनक जो किसी बाहरी पारिस्थितिक तंत्र से दूसरे पारिस्थितिक तंत्र में प्रवेश करते हैं आक्रामक विदेशी प्रजातियां कहलाती हैं। नीडलबुश, गोटवीड, प्रिकलीपोस्पी तथा ब्लैक मिमोसा आक्रामक विदेशी प्रजातियों के उदाहरण हैं।

नकारात्मक परिणाम

जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) के अनुसार 17वीं शताब्दी से वर्तमान समय तक आक्रामक प्रजातियों के कारण लगभग 40% स्थानीय प्रजातियां विनष्ट हो गई हैं। आक्रामक विदेशी प्रजातियां मृदा की गुणवत्ता को कम करके उत्पादन में कमी करती हैं।

  • विदेशी प्रजातियों के कारण खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है तथा मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

नियंत्रित करने के उपाय

उपभोग प्रक्रिया के ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रश्न पत्र