वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत ने अस्थाई सदस्य के रूप में अपना 2 वर्ष का कार्यकाल आरंभ किया। स्थितियों का लाभ उठाते हुए भारत बहुपक्षीय वैश्विक व्यवस्था को आगे बढ़ाने तथा अपने वैश्विक कूटनीति को आकार प्रदान करने में सफल हो सकता है। टिप्पणी कीजिये।

उत्तरः बहुपक्षवाद की स्थापना भारतीय विदेश नीति का मुख्य सिद्धांत है। स्वतंत्रता के पश्चात ही भारत ने इस दिशा में व्यापक प्रयास किए हैं। इस संदर्भ में, भारत का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 2 वर्ष का कार्यकाल भारत की बहुपक्षीय स्थिति और पारंपरिक दृष्टिकोण को आकार प्रदान करने के लिए व्यापक संभावनाएं प्रस्तुत करता है।

भारत किस प्रकार लाभान्वित हो सकता है?

भारत का प्रयास है कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बने। इस दिशा में भारत अपनी अस्थायी सदस्यता की स्थिति का प्रयोग एक प्रारंभिक सोपान के रूप में कर सकता है।

  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा ....

क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |

पूर्व सदस्य? लॉग इन करें


वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |

संबंधित सामग्री

प्रश्न पत्र