भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 जनवरी, 2022 को आभासी प्रारूप में पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
महत्वपूर्ण तथ्यः इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने भाग लिया।
- भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ पर यह पहला भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया।
- नेताओं ने इसे हर 2 साल में आयोजित करने का निर्णय लेकर शिखर सम्मेलन तंत्र को संस्थागत बनाने पर सहमति व्यक्त की। इसके लिए नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा।
- भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच (उनकी भू- आबद्ध प्रकृति और भारत के साथ भूमिगत कनेक्टिविटी की कमी के संदर्भ में) व्यापार और वाणिज्य को बढ़ाने के लिए आपसी संपर्क के और विकास की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ भारतीय व्यापार को वर्तमान में लगभग 2 बिलियन डॉलर के निम्न स्तर से आगे बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
अंतरराष्ट्रीय संबंध
- 1 संक्षिप्त सामयिकी
- 2 भारत-इजरायल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी नवाचार कोष
- 3 फि़लीपींस ने दी ब्रह्मोस मिसाइल के समझौते को मंजूरी
- 4 भारत-मॉरीशस संबंध
- 5 त्रिंकोमाली तेल टैंक फ़ार्म परियोजना
- 6 बारिसिटिनिब और सोट्रोविमैब
- 7 हूती विद्रोही
- 8 नुसंतारा होगी इंडोनेशिया की नई राजधानी
- 9 2021 छठा सबसे गर्म वर्ष
- 10 बुर्किना फ़ासो में तख्तापलट
- 11 बाघ संरक्षण पर चौथा एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
- 12 भारत-आसियान डिजिटल कार्य योजना 2022
- 13 भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2021