बुर्किना फ़ासो में तख्तापलट
बुर्किना फासो की सेना ने 24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रपति रोच काबोरे को अपदस्थ कर दिया, संविधान को निलंबित कर दिया, सरकार और नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और देश की सीमाओं को बंद कर दिया है।
महत्वपूर्ण तथ्यः यह देश में बढ़ती अस्थिरता का प्रत्यक्ष परिणाम था, जिससे निपटने में सरकार बुरी तरह विफल रही।
- बुर्किना फासो की राजधानी औगाडौउगोऊ (Ouagadougou) में सुरक्षा की निगरानी के लिए नियुक्त लेफ्रिटनेंट कर्नल पॉल-हेनरी सांडोगो दामिबा, राष्ट्रपति को अपदस्थ कर पश्चिम अफ्रीकी देश के नए शासक हैं।
- बुर्किना फासो, जिसे कभी पश्चिम अफ्रीका के सबसे स्थिर देशों में से एक के रूप में जाना जाता था, 2015 से जिहादी हिंसा के दुष्चक्र में फंस गया है। काबोरे 2015 में राष्ट्रपति चुने गए थे।
- बुर्किना फासो पश्चिम अफ्रीका में एक भू-आबद्ध (Land-locked) देश है।
पश्चिम अफ्रीकाः पश्चिम अफ्रीका ने हाल के महीनों में कई सफल तख्तापलट देखे हैं।
- सितंबर 2021 में, गिनी में विशेष बलों ने सरकार को हटा दिया और सत्ता पर कब्जा कर लिया। मई 2021 में एक वर्ष से भी कम समय में माली में सेना ने दूसरी बार तख्तापलट किया।
- चाड में, राष्ट्रपति अप्रैल 2021 में संघर्ष में मारे गए थे।
- सैन्य तख्तापलट के बाद राजनीतिक गतिरोध और व्यापक लोकतंत्र समर्थक विरोध के बीच सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमदोक ने 3 जनवरी को अपने इस्तीफे की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय संबंध
- 1 संक्षिप्त सामयिकी
- 2 भारत-इजरायल औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और तकनीकी नवाचार कोष
- 3 फि़लीपींस ने दी ब्रह्मोस मिसाइल के समझौते को मंजूरी
- 4 भारत-मॉरीशस संबंध
- 5 त्रिंकोमाली तेल टैंक फ़ार्म परियोजना
- 6 बारिसिटिनिब और सोट्रोविमैब
- 7 हूती विद्रोही
- 8 नुसंतारा होगी इंडोनेशिया की नई राजधानी
- 9 2021 छठा सबसे गर्म वर्ष
- 10 बाघ संरक्षण पर चौथा एशिया मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
- 11 भारत-आसियान डिजिटल कार्य योजना 2022
- 12 भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2021
- 13 भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन