नियमित हो कारागारों की जांच

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 2 मई, 2022 को राज्यों में जेल अधिकारियों से 'कारागार पुस्तकालयों में उपलब्ध साहित्य' पर "उचित निगरानी" बनाए रखने के लिए कहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कैदियों पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश: कारागार गतिविधियों में शामिल गैर-सरकारी संगठनों की पृष्ठभूमि का समय-समय पर सत्यापन किया जा सकता है।

  • राज्य सरकारों और कारागार प्राधिकारियों को जेलों को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र बनने से रोकने के लिए कारागारों का नियमित निरीक्षण करना होगा।
  • कैदियों को अपराध का जीवन त्यागने और राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए भी प्रेरित करना होगा।
  • मंत्रालय ने कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के अवैध उपयोग / पहुँच को प्रतिबंधित करने के लिए प्रभावी जैमिंग समाधान (jamming solutions) और उन्नत तकनीक को तैनात करने का आह्वान किया है।
  • गृह मंत्रालय ने कहा है कि कई राज्यों ने अभी तक अपने अधिकार क्षेत्र में आदर्श कारागार नियमावली, 2016 (Model Prison Manual, 2016) को लागू करने की पुष्टि नहीं की है।
  • गृह मंत्रालय ने कहा है कि "पहली बार अपराध करने वालों और बार-बार आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों को अलग-अलग वार्ड व परिसर में रखा जाना चाहिए, ताकि आदतन अपराधी पहली बार अपराध करने वालों को प्रभावित न कर पाएं"।
  • कैदियों में अवसाद को कम करने के लिए सक्षम चिकित्सा पेशेवरों द्वारा कैदियों के मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • आदर्श कारागार नियमावली, 2016 का उद्देश्य देश की जेलों को संचालित करने वाले बुनियादी सिद्धांतों में एकरूपता लाना है।

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