सुप्रीम कोर्ट ने दी सेक्स वर्क को 'पेशे' के रूप में मान्यता
सुप्रीम कोर्ट ने 25 मई, 2022 को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुये एक महत्वपूर्ण आदेश में 'सेक्स वर्क' (sex work) को एक 'पेशे' (profession) के रूप में मान्यता दी है और कहा कि सेक्स वर्कर कानून के तहत ‘सम्मान’ और ‘समान सुरक्षा’ के हकदार हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की विशेषताएं: पुलिस को वयस्क और आपसी सहमति वाले सेक्स वर्कर के खिलाफ न तो कोई आपराधिक कार्रवाई करनी चाहिए और न ही कोई हस्तक्षेप करना चाहिए।
- इस देश में प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद- 21 के तहत सम्मानजनक जीवन का अधिकार है, चाहे वह किसी भी पेशे से हो।
- जब भी किसी वेश्यालय पर छापा मारा जाए तो यौनकर्मियों को "गिरफ्तार या दंडित या परेशान या पीड़ित" नहीं किया जाना चाहिए, "चूंकि स्वैच्छिक सेक्स वर्क अवैध नहीं है और केवल वेश्यालय चलाना गैरकानूनी है"।
- सेक्स वर्कर के बच्चे को सिर्फ इस आधार पर मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए कि वह देह व्यापार में संलिप्त है।
- इसके अलावा, यदि कोई नाबालिग वेश्यालय में या सेक्स वर्कर के साथ रहता पाया जाता है, तो यह नहीं माना जाना चाहिए कि बच्चे की तस्करी की गई थी।
- यौन उत्पीड़न के शिकार सेक्स वर्कर को तत्काल चिकित्सा-कानूनी देखभाल सहित हर सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
संसद प्रश्नोत्तर सार भारतीय राष्ट्रीय वर्चुअल पुस्तकालय
विद्यांजलि
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राष्ट्रीय परिदृश्य
- 1 राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद
- 2 केंद्रीय पुरातत्व सलाहकार बोर्ड
- 3 इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज
- 4 एशियाई चुनाव प्राधिकरणों का संघ
- 5 राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र
- 6 नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो
- 7 राजस्व आसूचना निदेशालय
- 8 वन लाइनर सामयिकी
- 9 नियमित हो कारागारों की जांच
- 10 उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर एमके -III स्क्वाड्रन
- 11 लोकपाल को मिलेगा नया कार्यालय
- 12 भारत की पी-75आई परियोजना
- 13 मार्तंड सूर्य मंदिर पूजा विवाद
- 14 भारत-बांग्लादेश सीमा पर फ्लोटिंग सीमा चौकियां
- 15 हाफलोंग हिंदी
- 16 भारतीय नौसेना के युद्धपोत 'सूरत' और 'उदयगिरी'
- 17 दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म संरक्षण परियोजना
- 18 ऑपरेशन दुधी
- 19 राज्य स्तरीय न्यायिक अवसंरचना विकास प्राधिकरण
- 20 लद्दाख में जन्म के समय सर्वाधिक लिंगानुपात