निधन

गुरुप्रसाद महापात्र

उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव, गुरुप्रसाद महापात्र का 19 जून, 2021 को एम्स, नई दिल्ली में कोविड19 से संबंधित जटिलताओं के कारण निधन हो गया। वे 59 वर्ष के थे।

  • अगस्त 2019 में DPIIT के सचिव के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, महापात्र ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
  • वे गुजरात कैडर के 1986 बैच के आईएएस अधिकारी थे। उन्होंने इससे पहले वाणिज्य विभाग में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया था। राज्य स्तर पर, उन्होंने सूरत, गुजरात में नगर आयुक्त का पद संभाला था।

एस. रामेसन नायर

  • प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार एस- रामेसन नायर का 18 जून, 2021 को निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
  • उन्होंने 1985 में रिलीज हुई फिल्म ‘पथमुदयम’ (Pathamudayam) से मलयालम फिल्मों के लिए गीत लिखना शुरू किया था।
  • कवि ने ‘तिरुक्कुरल’ (Tirukkural) और ‘चिलपथिकरम’ (Chilapathikaram) का मलयालम में अनुवाद भी किया था।
  • नायर ने राज्य भाषा संस्थान, केरल में उप-संपादक के रूप में और ऑल इंडिया रेडियो में निर्माता के रूप में भी काम किया था।
  • उनकी कविताओं के संग्रह ‘गुरुपूर्णमी’ (Gurupowrnami) के लिए उन्हें वर्ष 2018 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • उन्हें वर्ष 2010 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

डॉ. केनेथ डेविड कौंडा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 जून, 2021 को जाम्बिया के प्रथम राष्ट्रपति और आधुनिक जाम्बिया के संस्थापक डॉ. केनेथ डेविड कौंडा के निधन पर शोक व्यक्त किया। वे 97 वर्ष के थे।

  • 28 अप्रैल, 1924 को जन्मे कौंडा 1964 से 1991 तक जाम्बिया के पहले राष्ट्रपति रहे। वह ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता संघर्ष में भी सबसे अग्रणी रहे।
  • उनका सबसे उल्लेखनीय योगदान एचआईवी/एड्स के प्रसार के खिलाफ लड़ाई में था।
  • अहिंसा के सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध रहे गांधीवादी कौंडा ने 1961 में सविनय अवज्ञा का आयोजन किया था, जिसे ‘चा-चा-चा अभियान’ (Cha-cha-cha campaign) के रूप में जाना जाता है।

प्रोफेसर राधामोहन

प्रख्यात अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर राधामोहन का 11 जून, 2021 को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 78 वर्ष के थे।

  • अर्थशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर राधामोहन और उनकी बेटी साबरमती को कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 2020 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पप्र श्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
  • बाप-बेटी की जोड़ी को ओडिशा के नयागढ़ जिले में जैविक खेती तकनीक के माध्यम से बंजर भूमि के एक टुकड़े को हरे- भरे फलों के जंगल में परिवर्तित करने का श्रेय जाता है।
  • वे देश भर के किसानों को सतत जैविक खेती (sustainable organic farming) में सक्षम कर रहे थे। राधामोहन ने किसानों को जैविक खेती और बीजों के विनिमय के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से एक सामाजिक संगठन ‘संभव’ (Sambhav) की स्थापना की थी।
  • ओडिशा सरकार ने उन्हें उनकी उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए ‘उत्कल सेवा सम्मान’ से सम्मानित किया था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने पर्यावरण के लिए उनके विशिष्ट कार्य के लिए उन्हें ‘द ग्लोबल रोल ऑफ ऑनर’ (The Global Roll of Honour) से सम्मानित किया था।
  • ओडिशा सरकार ने उन्हें राज्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया था। इसके अलावा वे राज्य योजना बोर्ड, सलाहकार समिति, राज्य वन्यजीव सलाहकार समिति, एनएसएस सलाहकार समिति, संयुक्त वन प्रबंधन संचालन समिति तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य भी रहे।

डॉ. अशोक पनगढि़या

देश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. अशोक पनगढि़या का 11 जून, 2021 को कोविड-19 जटिलताओं से जूझने के बाद निधन हो गया। वे 70 वर्ष के थे।

  • उन्होंने सवाई मान सिंह मेडिकल (एसएमएस) कॉलेज में न्यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य किया था तथा वे 2006 से 2010 तक एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी रहे।
  • 2014 में उन्हें पप्र श्री से सम्मानित किया गया था।
  • उन्होंने 1992 में राजस्थान सरकार से मेरिट अवॉर्ड प्राप्त किया था। इसके अलावा 2002 में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने उन्हें प्रतिष्ठित डॉ. बीसी रॉय पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।

बुद्धदेव दासगुप्ता

बंगाली फिल्मों के मशहूर फिल्म निर्माता बुद्धदेव दासगुप्ता का 10 जून, 2021 को कोलकाता में निधन हो गया। वे 76 वर्ष के थे

  • उन्होंने अर्थशास्त्र के व्याख्याता (समबजनतमत) के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने जल्द ही फिल्म निर्माण की ओर रुख किया और 1960 के दशक के अंत में वृत्तचित्र बनाना शुरू किया।
  • उनकी पहली फीचर फिल्म ‘दूरत्व’ (1978) थी। उनकी महत्वपूर्ण फिल्मों में ‘फेरा’ (1988), ‘बाघ बहादुर’ (1989), ‘तहदेर कथा’ (1992), ‘चराचर’ (1994), ‘उत्तरा’ (2000), ‘मोंडो मेयर उपाख्यान’ (2002), ‘कालपुरुष’ (2005) और ‘टोपे’ (2016) शामिल हैं।
  • ‘कालपुरुष’ के लिए उन्होंने 2006 में ‘सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार’ जीता। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए पांच राष्ट्रीय पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिए दो पुरस्कार जीते।
  • उन्हें स्पेन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’, एथेंस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘गोल्डन अवार्ड’ और बर्लिन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में ‘गोल्डन बीयर अवार्ड’ (Golden Bear Award) से सम्मानित किया गया था।

अनिरुद्ध जगन्नाथ

मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ का 3 जून, 2021 को निधन हो गया है। वे 91 वर्ष के थे।

  • वह 18 साल से अधिक के कार्यकाल के साथ सबसे लंबे समय तक मॉरीशस के प्रधानमंत्री रहे।
  • जगन्नाथ ने पहले 1982 और 1995 के बीच, फिर 2000 और 2003 के बीच, और बाद में 2014 और 2017 के बीच प्रधानमंत्री का पद संभाला।
  • जगन्नाथ 2003 से 2012 तक मॉरीशस के राष्ट्रपति पद पर भी रहे। उन्हें ‘1980 के दशक के मॉरीशस के आर्थिक चमत्कार का जनक’ (father of the Mauritian economic miracle of the 1980s) माना जाता था।
  • उन्हें 2020 में एनआरआई/पीआईओ/विदेशी श्रेणी के तहत भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरक सम्मान पप्र विभूषण से सम्मानित किया गया था।

जीके फैक्ट

  • अनिरुद्ध जगन्नाथ के पूर्वज उत्तर प्रदेश में बलिया जिले के रसड़ा के मूल निवासी थे। वर्तमान में उनके बेटे प्रविंद जगन्नाथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री हैं।