कालानमक चावल की दो किस्मों का सफल परीक्षण
हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने उत्तर प्रदेश में कालानमक चावल की दो नई बौनी किस्मों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- कालानमक चावलकी दो किस्में ‘पूसा नरेंद्र कालानमक 1638’ और ‘पूसा नरेंद्र कालानमक 1652’ है, जिनका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
- यह किस्म मूल बौद्ध काल (600 ईसा पूर्व) से खेती में है। इसे भगवान बुद्ध की ओर से श्रावस्ती के लोगों के लिए एक उपहार माना जाता है। यह नेपाल के हिमालयी तराई (कपिलवस्तु) और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है, जहां इसे सुगंधित काले मोती के रूप में जाना जाता है।
- भारत सरकार द्वारावर्ष 2012 में कालानमक चावल को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया गया था।
राज्य परिदृश्य
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 भारतीय जनसंचार संस्थान
- 3 मुख्यमंत्री लखपति दीदी योजना
- 4 ‘लाडली लक्ष्मी 2.0’ वित्तीय सहायता योजना
- 5 M & M के पहले फार्म मशीनरी प्लांट का शुभारंभ
- 6 राष्ट्रीय राजमार्ग-163 को 4 लेन की मंजूरी
- 7 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना
- 8 भगवान राम की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा
- 9 पीओपी रैंकिंग-2022 में बांका जिला शीर्ष
- 10 क्रेडिट पोर्टल ‘सफल’
- 11 ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट ‘इन्वेस्ट कर्नाटक 2022’
- 12 ‘नादप्रभु’ केम्पेगौड़ा की 108 फुट प्रतिमा का अनावरण
- 13 पहले इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर को मंजूरी
- 14 भिवानी-हांसी सड़क परियोजना को मंजूरी
- 15 उत्तर प्रदेश का दूसरा एलीफैंट रिजर्व
- 16 कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन
- 17 ‘डोनी पोलो हवाई अड्डा’
- 18 क्षेत्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान