कालानमक चावल की दो किस्मों का सफल परीक्षण

हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने उत्तर प्रदेश में कालानमक चावल की दो नई बौनी किस्मों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

  • कालानमक चावलकी दो किस्में ‘पूसा नरेंद्र कालानमक 1638’ और ‘पूसा नरेंद्र कालानमक 1652’ है, जिनका सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
  • यह किस्म मूल बौद्ध काल (600 ईसा पूर्व) से खेती में है। इसे भगवान बुद्ध की ओर से श्रावस्ती के लोगों के लिए एक उपहार माना जाता है। यह नेपाल के हिमालयी तराई (कपिलवस्तु) और पूर्वी उत्तर प्रदेश में लोकप्रिय है, जहां इसे सुगंधित काले मोती के रूप में जाना जाता है।
  • भारत सरकार द्वारावर्ष 2012 में कालानमक चावल को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग प्रदान किया गया था।

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