गिनी ने की पश्चिम अप्रफ्रीका में मारबर्ग रोग के पहले मामले की पुष्टि

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 9 अगस्त, 2021 को गिनी ने मारबर्ग रोग (Marburg disesae) के पहले मामले की मामले की पुष्टि की है।
  • महत्वपूर्ण तथ्यः पश्चिम अफ्रीका में दर्ज किया गया यह पहला मामला इबोला परिवार से संबंधित घातक वायरस का है और यह कोविड-19 की तरह, पशु होस्ट (animal host) से मनुष्यों में फैलता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ‘मारबर्ग’ फ्रूट बैट (चमगादड़) से मनुष्यों में फैलता है और संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों और सामग्रियों के सीधे संपर्क के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। इसकी मृत्यु दर 88 प्रतिशत तक होती है।
  • तेज बुखार, तेज सिरदर्द और अस्वस्थता के साथ बीमारी अचानक शुरू हो जाती है। कई रोगियों में सात दिनों के भीतर गंभीर रत्तस्रावी लक्षण विकसित होते हैं।
  • डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर इसके खतरे को ‘उच्च’ लेकिन विश्व स्तर पर ‘निम्न’ मानता है।
  • यह मामला डब्ल्यूएचओ द्वारा गिनी के ‘इबोला के दूसरे प्रकोप’ की समाप्ति की घोषणा के ठीक दो महीने बाद आया है।
  • दक्षिण अफ्रीका, अंगोला, केन्या, युगांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में पिछले प्रकोप और इसके छिटपुट मामले सामने आए हैं, लेकिन यह पहली बार है जब पश्चिम अफ्रीका में इस वायरस का मामला दर्ज किया है।

मारबर्ग वायरस रोग की शुरुआत 1967 में जर्मनी के मारबर्ग और फ्रैंकफर्ट में एक साथ फैलने के बाद हुई थी।

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