भारतीय जैव जेट ईंधन प्रौद्योगिकी

29 नवंबर, 2021 को ‘भारतीय जैव-जेट ईंधन प्रौद्योगिकी’ (Indian Bio-Jet Fuel Technology) को औपचारिक सैन्य प्रमाणन प्राप्त हुआ।

महत्वपूर्ण तथ्यः जैव जेट ईंधन के उत्पादन के लिए सीएसआईआर- भारतीय पेट्रोलियम संस्थान, देहरादून (CSIR-IIP) की घरेलू तकनीक को भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के सैन्य विमानों में उपयोग के लिए औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी गई है।

  • CSIR-IIP द्वारा इस विकसित प्रौद्योगिकी का पिछले तीन वर्षों में मूल्यांकन, जांच और परीक्षण किया गया है।
  • भारतीय जैव-जेट ईंधन का उत्पादन इस्तेमाल किये गये खाना पकाने के तेल, पेड़ से उत्पन्न तेल, किसानों द्वारा गैर मौसमी और कम समय में तैयार होने वाली तिलहन फसलों और खाद्य तेल प्रसंस्करण इकाइयों से निकले अपशिष्ट से किया जा सकता है।
  • यह पारंपरिक जेट ईंधन की तुलना में अपने बेहद निम्न स्तर के सल्फर तत्व के कारण वायु प्रदूषण को कम करेगा।
  • इससे पहले 26 जनवरी, 2019 को, मिश्रित जैव-जेट ईंधन के साथ एक ‘एएन-32 विमान’ गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान नई दिल्ली में राज पथ के ऊपर से उड़ा था।

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