नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 21 नवंबर, 2021 को आईआईटी, गुवाहाटी में ‘नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र’ (Centre for Nanotechnology: CNT) तथा ‘भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्र’ (Centre for Indian Knowledge System) का उद्घाटन किया।

नैनो प्रौद्योगिकी केंद्रः इसका उद्देश्य भविष्य की चुनौतियों का सामना करना और नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्योगों के साथ अकादमिक साझेदारी को बढ़ाना है।

  • केंद्र के लिए अधिकांश फंडिंग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा की गई है।
  • नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र 25 प्रयोगशालाओं की मेजबानी करेगा, जो बहु-विषयक और वैज्ञानिक अनुसंधान में प्रगति पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
  • नैनो प्रौद्योगिकी केंद्र वर्तमान में MeitY और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित दो उत्कृष्टता केंद्रों की मेजबानी करता है।

भारतीय ज्ञान प्रणाली केंद्रः यह देश में अद्वितीय ज्ञान के संरक्षण, दस्तावेजीकरण और उसके प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेगा।

  • इसकी शीर्ष प्राथमिकताओं में भारतीय शास्त्रीय संगीत, योग, संस्कृत, पारंपरिक दवाएं, मंदिर वास्तुकला, चीनी मिट्टी की परंपरा और पूर्वोत्तर क्षेत्र की विशेष कृषि पद्धतियां और औषधीय पौधे शामिल हैं।

इन्हें भी जानें

फिशिंग कैट

  • फिशिंग कैट (Fishing cats) आमतौर पर आर्द्रभूमि में दो प्रकार के आवासों में पाई जाती हैः मैंग्रोव और दलदले आवास। फिशिंग कैट पूर्वी घाट में अलग-अलग स्थानों पर पाई जाती है। पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में सुंदरबन के अलावा, चिलिका लैगून और ओडिशा में आसपास की आर्द्रभूमि, आंध्र प्रदेश में कोरिंगा और कृष्णा मैंग्रोव में फिशिंग कैट का पर्यावास है। इस एकांतवासी जानवर का वजन अधिकतम 15 किलोग्राम होता है और यह घरेलू बिल्ली से भी बड़ा होता है। मछली-प्रधान आहार के लिए इसमें एक स्वादिष्ट तालू है। यह एक निशाचर (nocturnal) जानवर है। फिशिंग कैट, IUCN रेड लिस्ट के तहत एक अतिसंवेदनशील प्रजाति (vulnerable species) के रूप में सूचीबद्ध है।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी