टेक एनईईवी/नींव/75

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 15 नवंबर, 2021 को ‘टेक एनईईवी/नींव/@75' (Tech NEEV/नींव/75) का उद्घाटन किया।

महत्वपूर्ण तथ्यः सरकार ने आदिवासी समुदायों के बीच वैज्ञानिक प्रतिभा को बढ़ावा देने और उनके समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 2022 के अंत तक अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 30 विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है।

  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए प्रस्तावित 75 STI केंद्र में से 20 पहले ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा स्थापित किए जा चुके हैं।
  • ‘टेक एनईईवी/नींव/75’ एक साल तक चलने वाला उत्सव है, जो समान समावेशी आर्थिक विकास के लिए आदिवासी समुदाय को सशक्त बनाने में विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार के प्रभाव को दर्शाता है।
  • 75 घंटे के इस कार्यक्रम में आत्म-निर्भर भारत की दिशा में 75 प्रभावशाली कहानियों के संकलन के अलावा लाभार्थियों, सामुदायिक परिवर्तन लाने वाले लीडर्स के अनुभव साझा करना और विभिन्न लाभार्थियों की गोलमेज चर्चाएं शामिल हैं।

इस माह के चर्चित संस्थान एवं संगठन

भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना संस्थान

  • भारतीय सेना ने 9 नवंबर, 2021 को गुजरात में गांधीनगर स्थित ‘भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना संस्थान’ (Bhaskaracharya National Institute for Space Applications and Geo-informatics: BISAG-N) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • BISAG-N एक स्वायत्त वैज्ञानिक सोसायटी है, जो भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी विकास और प्रबंधन, अनुसंधान और विकास, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की सुविधा, क्षमता निर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्यमिता विकास के लिए भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत है। BISAG-N का उद्देश्य भू-स्थानिक प्रौद्योगिकियों और भू-स्थानिक डेटा के आधार पर जमीनी स्तर के अनुप्रयोगों को केंद्र और राज्य स्तर पर ई-गवर्नेंस में शामिल करना है। BISAG-N के तीन मुख्य डोमेन क्षेत्र हैं: उपग्रह संचार, भू-सूचना विज्ञान और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी। BISAG-N ने अप्रैल 1997 में अपना संचालन शुरू किया। अब, यह ISO 9001: 2008] ISO 27001: 2005 और CMMI: [Level 5] प्रमाणित संस्थान के रूप में विकसित हो गया है।

राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र

  • केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 19 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मानेसर स्थित ‘राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र’ (National Brain Research Centre: NBRC) में विश्व की सबसे जटिल और अपनी तरह की पहली एमआरआई सुविधा का उद्घाटन किया। इसके साथ ही भारत 3-टी एमआरआई (3- T MRI) की सशक्त कार्य क्षमता के उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ मानव तंत्रिका विज्ञान के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी देशों में भी शामिल हो गया है।
  • मानेसर, हरियाणा में स्थित, NBRC बुनियादी और बहु-विषयक दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए स्वास्थ्य और रोग ग्रसित अवस्था में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिए समर्पित भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषित एक स्वायत्त संस्थान है, और एक डीम्ड-टू-बी विश्वविद्यालय (Deemed-to-be University) भी है। भारत सरकार ने NBRC को उत्कृष्टता संस्थान के रूप में मान्यता दी है।
  • राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (NBRC) की स्थापना वर्ष 1999 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में की गई थी। मस्तिष्क अनुसंधान में संलग्न NBRC को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त है। NBRC में अनुसंधान को पांच प्रभागों में वर्गीकृत किया गया है। यह प्रभाग हैं- सेलुलर और मॉलीक्यूलर, सिस्टम, संज्ञानात्मक, कम्प्यूटेशनल और ट्रांसलेशनल।

पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी