एक्स-रे परिरक्षण टाइल्स
हाल ही में ‘प्रगत पदार्थ तथा प्रक्रम अनुसंधान संस्थान’ (एम्प्री),भोपाल ने निश्चित वजन प्रतिशत में उच्च जेड पदार्थ और जोड़ने वाले पदार्थ को मिलाकर सिरेमिक रूट के जरिए पर्यावरण अनुकूल और आर्थिक रूप से व्यवहार्य तरीके से रेड मड को ‘एक्स-रे परिरक्षण टाइल्स’ में परिवर्तित किया है।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- 12 मिमी मोटी टाइल्स में 100 केवी पर 2-1 मिमी लेड के बराबर क्षीणता होती है। इसके अलावा, तैयार की गई टाइल में 34 न्यूटन प्रति वर्ग मिमी की फ्लेक्सुरल क्षमता और 3,369 न्यूटन की विभंजन क्षमता है।
- डायग्नोस्टिक एक्स-रे, सीटी स्कैनर रूम, कैथ लैब, बोन मिनरल डेंसिटी, डेंटल एक्स-रे आदि में जनता को विकिरण के खतरों से बचाने के लिए जहरीली लेड शीट के बजाय इन टाइलों का उपयोग विकिरण परिरक्षण संरचनाओं के निर्माण के लिए किया जा सकता है।
GK फ़ैक्ट
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पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी
- 1 वनलाइनर समसामयिकी
- 2 भारत का पहला हाइड्रोजन फ्यूल सेल कटमरैन वेसल
- 3 सेना स्पेक्टाबिलिस
- 4 कावेरी साउथ वाइल्डलाइफ़
- 5 भारत का पहला एक्वा पार्क
- 6 अरिट्टापट्टी जैव विविधता विरासत स्थल
- 7 फ़ंगल संक्रमण सूची
- 8 ग्रीन मोबिलिटी पहल
- 9 G-7 "ग्लोबल शील्ड" क्लाइमेट फ़ंडिंग
- 10 तियागोंग अंतरिक्ष स्टेशन
- 11 इथेनॉल खरीद प्रक्रिया को मंजूरी
- 12 हाउ टू ब्लो अप ए पाइपलाइन
- 13 साइट्स कॉप-19 बैठक