द्वैतवाद के प्रवर्तक : श्री माधवाचार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 फरवरी, 2022 को माधव नवमी (Madhwa Navami) के अवसर पर श्री माधवाचार्य (Sri Madhwacharya) को श्रद्धांजलि दी।
- प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान का उनका नेक संदेश पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
जीवन परिचय
- श्री माधवाचार्य, विचारकों की उन त्रिमूर्ति में से तीसरे थे जिन्होंने वैदिक और पौराणिक युगों के बाद भारतीय सोच को आकार दिया। अन्य दो शंकराचार्य और रामानुजाचार्य थे।
- उन्हें अच्युतप्रेक्ष (Achyutapreksha) द्वारा संन्यास में दीक्षा दी गई थी, जोकि अद्वैत दर्शनशास्त्र के एक महान शिक्षक थे।
- अच्युतप्रेक्ष ने उन्हें 'माधव' की उपाधि दी, जिससे वे और अधिक प्रसिद्ध हो ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 कर्मा उत्सव
- 2 बथुकम्मा उत्सव
- 3 उन्मेषः अंतरराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव
- 4 नुआखाई महोत्सव 2025
- 5 राष्ट्रीय अभिलेखपाल समिति की 50वीं स्वर्ण जयंती बैठक
- 6 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष
- 7 पूम्पुहार (कावेरीपट्टनम)
- 8 दादाभाई नौरोजी: आर्थिक राष्ट्रवाद के जनक
- 9 बुद्ध के पवित्र अवशेषों की रूस में ”प्रथम प्रदर्शनी“
- 10 त्रिपुर सुंदरी मंदिर

