मेटावर्स : इंटरनेट और डिजिटल दुनिया का भविष्य
इंटरनेट प्रौद्योगिकी, डिजिटल प्लेटफॉर्म तथा आभासी वास्तविकता के विकासक्रम में अगला चरण मेटावर्स का है। हालांकि प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगिक दृष्टिकोण से मेटावर्स की परिकल्पना अभी वास्तविक धरातल पर नहीं उतर सकी है। वर्तमान में मेटावर्स के संबंध में चर्चा करना 1970 के दशक में इंटरनेट के संबंध में बात करने जैसा है, जब इंटरनेट का विकास अपने प्रारंभिक चरण में ही था। किंतु जिस गति से प्रौद्योगिकी के प्रतिमानों में बदलाव आ रहे हैं उसमें इस बात की कल्पना करना कठिन नहीं है कि मेटावर्स इंटरनेट प्लेटफॉर्म का भविष्य है।
- डिजिटल प्रौद्योगिकी की दुनिया में हाल के समय में मेटावर्स सबसे ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत की पाण्डुलिपि धरोहर प्राचीन ज्ञान का अमूल्य भंडार - संपादकीय डेस्क
- 2 ब्लू इकॉनमी व सतत समुद्री प्रगति भारत का दृष्टिकोण एवं रणनीति - आलोक सिंह
- 3 सतत मृदा प्रबंधन खाद्य सुरक्षा, जलवायु और जीवन का आधार - आलोक सिंह
- 4 माइक्रोप्लास्टिक संकट : मानव स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिक तंत्र के लिए अदृश्य खतरा
- 5 भारत के परिवहन क्षेत्र का विकार्बनीकरण
- 6 ब्रिक्स एवं वैश्विक दक्षिण - आलोक सिंह
- 7 भारत की दुर्लभ भू-संपदा का समुचित दोहन: एक रणनीतिक अनिवार्यता - नुपुर जोशी
- 8 प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता: भारत की भावी संवृद्धि का एक प्रमुख स्तंभ - संपादकीय डेस्क
- 9 कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पर्यावरणीय प्रभाव : नवाचार और धारणीयता का संतुलन
- 10 भारत की वैश्विक रणनीतिक साझेदारियां
- 1 भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी : अनुप्रयोग, महत्व एवं चुनौतियां- (डॉ. अमरजीत भार्गव)
- 2 भारत-यूएई संबंध : आर्थिक साझेदारी का एक नया पड़ाव- (सतीश कुमार कर्ण)
- 3 रेडियोधर्मी प्रदूषण : कारण, प्रभाव एवं समाधान
- 4 इंडस्ट्री 4.0 : भारत की तैयारी, अंगीकरण एवं चुनौतियां
- 5 प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद : स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का प्रतिमान- (महेन्द्र चिलकोटी)
- 6 हरित हाइड्रोजन नीति : शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

