रेडियोधर्मी प्रदूषण : कारण, प्रभाव एवं समाधान
वैश्विक स्तर पर रेडियोधर्मी प्रदूषण की घटनाओं में पिछले कुछ वर्षों में वृद्धि दर्ज की गई है, जो मानवीय स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। रेडियोधर्मी तत्वों का परमाणु हथियारों, एक्स-रे, एमआरआई तथा अन्य चिकित्सा उपकरणों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। स्वास्थ्य, सुरक्षा तथा अन्य अनुप्रयोगों के कारण मानव के इन तत्वों के संपर्क में आने की प्रबल संभावना बनी रहती है। दीर्घकालिक तथा स्थायी प्रभावों को देखते हुए रेडियोधर्मी प्रदूषण से निपटने के लिए त्वरित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
14 फरवरी, 2022 को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने जापान में फुकुशिमा ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 कृत्रिम बुद्धिमत्ता का पर्यावरणीय प्रभाव : नवाचार और धारणीयता का संतुलन
- 2 भारत की वैश्विक रणनीतिक साझेदारियां
- 3 भारत की साइबर प्रतिरोधक क्षमता का सुदृढ़ीकरण एक राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यता - संपादकीय डेस्क
- 4 पुनरुत्थान के मार्ग पर बिम्सटेक भारत के लिए रणनीतिक एवं आर्थिक अवसर - आलोक सिंह
- 5 डिजिटलीकरण: सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक - संपादकीय डेस्क
- 6 अमेरिका की नई टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार युद्ध की दस्तक - डॉ. उदय भान सिंह
- 7 पीटलैंड्स का संरक्षण वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने का सतत समाधान - संपादकीय डेस्क
- 8 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संभावनाएं, चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 9 हिंद महासागर क्षेत्र परिवर्तनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की आर्थिक एवं रणनीतिक अनिवार्यताएं - आलोक सिंह
- 10 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव

- 1 भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी : अनुप्रयोग, महत्व एवं चुनौतियां- (डॉ. अमरजीत भार्गव)
- 2 भारत-यूएई संबंध : आर्थिक साझेदारी का एक नया पड़ाव- (सतीश कुमार कर्ण)
- 3 मेटावर्स : इंटरनेट और डिजिटल दुनिया का भविष्य
- 4 इंडस्ट्री 4.0 : भारत की तैयारी, अंगीकरण एवं चुनौतियां
- 5 प्रतिस्पर्धात्मक संघवाद : स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का प्रतिमान- (महेन्द्र चिलकोटी)
- 6 हरित हाइड्रोजन नीति : शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम