जन शिक्षण संस्थान
4 जून, 2019 को कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय ने जन शिक्षण संस्थानों (जेएसएस) के अंतर्गत व्यावसायिक प्रशिक्षण ले रहे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए फीस (शुल्क) माफ कर दी है।
- उद्देश्यः यह फैसला जन शिक्षण संस्थान निदेशालय के लिए जनवरी 2019 में किए गए व्यापक सुधारों के बाद किया गया है। इस फैसले का उद्देश्य समाज के सुविधाओं से वंचित लोगों को कौशल विकास का लाभ पहुंचाना है।
मुख्य तथ्य
- पूर्व में जन शिक्षण संस्थान मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अंतर्गत था और वर्ष 2018 में इसे कौशल विकास उद्यमिता मंत्रालय को हस्तांतरित कर दिया गया।
- जन शिक्षण ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 तेलंगाना में अनुसूचित जाति उप-वर्गीकरण
- 2 ओबीसी क्रीमी लेयर पर संसदीय समिति की रिपोर्ट
- 3 आपदा प्रबंधन में लिंग आधारित डेटा की आवश्यकता
- 4 कोच-राजबोंगशी समुदाय: नागरिकता विवाद
- 5 भारत में बाल दत्तक ग्रहण
- 6 महिला सशक्तीकरण में एआई की भूमिका
- 7 भारत में गरीबी मापन ढांचे में संशोधन की आवश्यकता
- 8 भारत में बाल मृत्यु दर में कमी: एक अनुकरणीय उपलब्धि
- 9 स्वावलंबिनी-महिला उद्यमिता कार्यक्रम
- 10 भारत में पारिवारिक मूल्यों का क्षरण एक गंभीर चिंता: सर्वोच्च न्यायालय