भारत में दुर्लभ मृदा तत्व : सामरिक महत्व एवं उत्पादन
हाल ही में अमेरिका की ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी (Oak Ridge National Laboratory) के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, इस संस्था के शोधकर्ताओं द्वारा ‘दुर्लभ मृदा तत्वों’ (Rare Earth Elements) के रासायनिक पृथक्करण (chemical separation) पर प्रकाश डालने के लिए अत्याधुनिक विधियों का उपयोग किया जा रहा है। यह दुर्लभ मृदा तत्वों को पुनर्प्राप्त करने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
- दुर्लभ मृदा तत्वों के महत्व को देखते हुए ही जून 2022 में दक्षिण कोरिया, अमेरिका के नेतृत्व वाली खनिज सुरक्षा साझेदारी
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समुद्री शैवाल: भारत की तटीय समृद्धि का नया आधार
- 2 भारत के रक्षा निर्यात में वृद्धि: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
- 3 भारतीय न्याय प्रणाली में पर्यावरण-केंद्रित दृष्टिकोण का विकास
- 4 भारतीय जेलों में महिला कैदी: संवैधानिक अधिकार बनाम ज़मीनी हकीकत
- 5 भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु नवाचार और सहयोग आवश्यक
- 6 भारत-मॉरीशस संबंध मजबूत साझेदारी की नई ऊंचाइयों की ओर
- 7 समुद्र-तल युद्ध आधुनिक भू-तकनीकी संघर्ष का नया आयाम
- 8 अंतरराष्ट्रीय मंचों से अमेरिका का अलग होना: प्रभाव और निहितार्थ
- 9 कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
- 10 भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद: कारण प्रभाव एवं संभावित समाधान