भारत में ग्रामीण महिलाओं के समक्ष प्रमुख चुनौतियां एवं उपाय
15 अक्टूबर, 2022 को अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस मनाया गया।
- वर्ष 2022 के लिये थीमः ‘ग्रामीण महिलाएं, भूख और गरीबी से मुक्ति हेतु विश्व की कुंजी’ (Rural Women, key for a world free from hunger and poverty)।
अंतरराष्ट्रीय ग्रामीण महिला दिवस के बारे में
- स्थापनाः वर्ष 1995 में बीजिंग में आयोजित महिलाओं पर चौथे विश्व सम्मेलन में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों द्वारा एक विशेष दिवस के रूप में ‘ग्रामीण महिला दिवस’ की घोषित की गई थी।
- आरंभः ‘ग्रामीण महिलाओं का पहला अंतरराष्ट्रीय दिवस’ 15 अक्टूबर, 2008 को मनाया गया। इस नए ‘अंतरराष्ट्रीय’ दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 महिला सशक्तीकरण में एआई की भूमिका
- 2 भारत में गरीबी मापन ढांचे में संशोधन की आवश्यकता
- 3 भारत में बाल मृत्यु दर में कमी: एक अनुकरणीय उपलब्धि
- 4 स्वावलंबिनी-महिला उद्यमिता कार्यक्रम
- 5 भारत में पारिवारिक मूल्यों का क्षरण एक गंभीर चिंता: सर्वोच्च न्यायालय
- 6 छात्र आत्महत्याओं पर रोक के लिए टास्क फोर्स का गठन
- 7 श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा कवरेज हेतु समितियों का गठन
- 8 विज्ञान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने हेतु यूनेस्को का अभियान
- 9 भारत और आईएलओ महानिदेशक के बीच द्विपक्षीय बैठक
- 10 वृद्धावस्था स्वास्थ्य सेवा और नशामुक्ति हेतु साझेदारी