झारखंड
सरना संहिता के प्रावधान के लिए प्रस्ताव पारित
- झारखंड विधान सभा ने 11 नवंबर, 2020 को आदिवासियों के लिए एक अलग ‘सरना संहिता’ के प्रावधान के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
- प्रस्ताव के माध्यम से 2021 की जनगणना में ‘सरना’ धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष कॉलम की मांग की गई है।
- ‘सरना’ के अनुयायी ऐसे प्रकृति पूजक हैं, जो खुद को हिंदू नहीं मानते हैं और दशकों से एक अलग धार्मिक पहचान की लड़ाई लड़ रहे हैं।
- वर्तमान में, उन्हें एक अलग धार्मिक इकाई के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है। अब तक, जनगणना सर्वेक्षणों में उन्हें धर्म में ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सभासार
- 2 भारत की पहली नारी अदालत
- 3 कोपिल नदी पर राष्ट्रीय जलमार्ग-57 चालू
- 4 लैंडरेस
- 5 देवदासी पुनर्वास विधोयक
- 6 भारत का पहला 100% डिजिटल साक्षर राज्य
- 7 किशोर न्याय अधिनियम के तहत सांकेतिक भाषा विशेषज्ञों को शामिल करने वाला पंजाब पहला राज्य
- 8 भारत की पहली ड्रोन-आधारित क्लाउड सीडिंग
- 9 भारत में पहली बार निकल-तांबा-प्लैटिनम समूह तत्त्व (Ni-Cu-PGE) सल्फ़ाइड की खोज
- 10 मातृ वन पहल