पराली दहन से निपटने की नई जैव अपघटक तकनीक
- पराली दहन (stubble burning) की समस्या से निपटने हेतु एक समाधान खोजने के लिए दिल्ली के उत्तर पश्चिमी जिले के हिरंकी गाँव में नई जैव अपघटक तकनीक (bio-decomposer technique) का क्षेत्र परीक्षण किया गया।
- यह तकनीक किसानों को बिना पराली जलाए फसल अवशेषों के निपटान का एक बेहतर विकल्प प्रदान करती है।
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 4 नवंबर, 2020 को यह घोषणा की गई कि पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान विभाग द्वारा जैव-अपघटक विलयन के रूप में विकसित पूसा बायो-डीकंपोज़र तकनीक, पराली दहन की समस्या को दूर करने में सफल साबित हुई है।
- मुख्यमंत्री ने पंजाब और हरियाणा जैसे ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 सीबीएसई का बड़ा कदम: स्कूलों में ‘शुगर बोर्ड’ अनिवार्य
- 2 रोहिंग्याओं से संबंधित मामलों का निपटान विदेशी अधिनियम के तहत
- 3 नए मल्टी एजेंसी सेंटर (MAC) का उद्घाटन
- 4 नीति फ्रंटियर टेक हब (NITI-FTH) द्वारा उच्च-स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
- 5 'राष्ट्रीय कर्मयोगी - व्यापक जन सेवा कार्यक्रम' के तहत प्रशिक्षण कार्यक्रम
- 6 युग्म नवाचार सम्मेलन
- 7 वन भूमि के गैर-वानिकी आवंटन पर राज्य एसआईटी गठित करें: सुप्रीम कोर्ट
- 8 ‘DNTs के आर्थिक सशक्तीकरण की योजना’ के क्रियान्वयन की समीक्षा
- 9 समावेशी भारत शिखर सम्मेलन 2025
- 10 कोझिकोड को WHO की "एज-फ्रेंडली सिटीज़ नेटवर्क" में स्थान