पूर्ण न्याय प्रदान करने की सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई, 2022 को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत पूर्ण न्याय (Complete Justice) प्रदान करने के लिए अपनी असाधारण शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में ए.जी. पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया।
- न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने पेरारिवलन की लंबी अवधि की कैद (30 साल से अधिक) को ध्यान में रखते हुए यह रिहाई का आदेश जारी किया।
- अवगत करा दें कि ए. जी. पेरारिवलन को वर्ष 1998 में टाडा अदालत ने मृत्यु दंड की सजा सुनाई थी तथा वर्ष 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 नियंत्रक सम्मेलन 2025
- 2 उत्तर क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों का सम्मेलन 2025
- 3 भारतीय ज्ञान प्रणालियों (IKS) पर पहला शैक्षणिक सम्मेलन
- 4 राष्ट्रपतीय संदर्भ पर केंद्र व राज्यों को नोटिस जारी
- 5 स्टैटैथॉन - विकसित भारत की ओर एक डेटा यात्रा
- 6 भारत विकास परिषद् (BVP) का स्थापना दिवस समारोह
- 7 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरुपयोग में वृद्धि: सुप्रीम कोर्ट
- 8 'सुशासन प्रथाओं' पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- 9 मैनेज्ड एक्विफर रिचार्ज (MAR)
- 10 आदि अन्वेषण: राष्ट्रीय सम्मेलन

- 1 प्रशासनिक अधिाकारी के इस्तीफ़े और बहाली संबंधी नियम
- 2 भारत में पुलिस सुधार
- 3 मध्य प्रदेश स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण
- 4 राजद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अस्थायी रोक
- 5 नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड के परिसर का उद्घाटन
- 6 अंतरराज्यीय परिषद का पुनर्गठन
- 7 जम्मू एवं कश्मीर का नया परिसीमन लागू
- 8 जीएसटी पर कानून निर्माण की केंद्र एवं राज्य की शक्तियां