लोकतांत्रिक भारत में महिला प्रतिनिधित्व
राष्ट्र के नीति निर्माताओं को अब यह महसूस करना होगा कि न्यायपालिका, सशत्र बलों तथा राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व अब मजबूरी नहीं बल्कि समय की मांग है।
- स्वतंत्रता के सात दशक बीत जाने के बाद तथा सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के संवैधानिक अधिकार के बावजूद भारत में राजनीति, न्यायपालिका, आर्थिक क्षेत्र, सैन्य और अन्य संस्थानों में महिलाओं की भागीदारी अभी भी कम है।
- लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हाल ही में उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की गई। विभिन्न पार्टियों के 1200 से अधिक उम्मीदवारों के बीच केवल 8» महिला उम्मीदवारों को ही टिकट दिया गया है। इस तथ्य ने भारत में ....
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