चीन की बांध निर्माण परियोजना एवं भारत की चिंताएं
हाल ही में चीन की सरकार ने नई पंचवर्षीय योजना (2021-2025) को मंजूरी दी, जिसके माध्यम से ब्रह्मपुत्र नदी के निचले हिस्से (चीन में यारलुंग जंगबो) पर बांधों के निर्माण को मंजूरी दी गयी है। चीन का यह कदम भारत और बांग्लादेश के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
- चीन की पंचवर्षीय योजना (2021-25) में ब्रह्मपुत्र नदी के निचले क्षेत्र में जल विद्युत केंद्रों हेतु अगले 5 वर्षों में बांध निर्माण का उल्लेख किया है।
- चीन ने इससे पहले वर्ष 2015 में जांगमू (Zangmu) बांध सहित नदी के ऊपरी हिस्सों पर बांधों का निर्माण किया था। वर्तमान में डागू (Dagu), जियाचा (Jiacha) ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 समुद्री शैवाल: भारत की तटीय समृद्धि का नया आधार
- 2 भारत के रक्षा निर्यात में वृद्धि: आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
- 3 भारतीय न्याय प्रणाली में पर्यावरण-केंद्रित दृष्टिकोण का विकास
- 4 भारतीय जेलों में महिला कैदी: संवैधानिक अधिकार बनाम ज़मीनी हकीकत
- 5 भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु नवाचार और सहयोग आवश्यक
- 6 भारत-मॉरीशस संबंध मजबूत साझेदारी की नई ऊंचाइयों की ओर
- 7 समुद्र-तल युद्ध आधुनिक भू-तकनीकी संघर्ष का नया आयाम
- 8 अंतरराष्ट्रीय मंचों से अमेरिका का अलग होना: प्रभाव और निहितार्थ
- 9 कृत्रिम बुद्धिमत्ता, भारत में न्याय वितरण में किस प्रकार क्रांति ला सकती है?
- 10 भारत-श्रीलंका मत्स्य विवाद: कारण प्रभाव एवं संभावित समाधान
करेंट अफेयर्स के चर्चित मुद्दे
- 1 सोशल मीडिया का विनियमन एवं चुनौतियां
- 2 क्या इंदिरा साहनी वाद पर पुनर्विचार की आवश्यकता है?
- 3 फर्जी अभियोजन के पीडि़तों हेतु न्याय की मांग
- 4 गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम
- 5 सर्कुलर इकोनॉमी की ओर भारत: चुनौतियां एवं अवसर
- 6 अंतरिक्ष के सैन्यीकरण के खतरे एवं इसे रोकने के प्रयास
- 7 केन-बेतवा लिंक परियोजनाः लाभ एवं चिंताएं