सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल मई 2021

यूपीपीसीएस 2019 टॉपर संत रंजन श्रीवास्तव

नाम: संत रंजन श्रीवास्तव पिता का नाम: हरिधारी श्रीवास्तव माता का नाम: पुष्पा श्रीवास्तव शैक्षिक योग्यता: हाई स्कूल- प्रवीण बाल शिक्षा निकेतन, यूपी बोर्ड, विज्ञान, 74% (2006) इण्टरमीडिएट- एसएसएसवी इंटर कॉलेज, फैजाबाद, यूपी बोर्ड, विज्ञान, 73.4% (2008) बी.टेक.- BBDNITM, लखनऊ, 71.52% एम.टेक.- MMMUT, गोरखपुर, 82.50% अभिरुचियां: लोगों को सांपों के बारे में अवेयर करना, कुकिंग करना आदर्श व्यक्ति: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सकारात्मक पक्ष: ईमानदारी, नेतृत्व, परिश्रमी, विवेकशील नकारात्मक पक्ष: अति भावुकता, स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह वैकल्पिक विषय: इतिहास (हिन्दी माध्यम) उत्कृष्ट उत्तर लेखन के लिए नियमित अभ्यास करें सि.स. क्रॉनिकलः यूपीपीसीएस 2019 में शानदार सफलता के लिए आपको हार्दिक बधाई। आपकी सफलता में परिवार, मित्रों व शिक्षकों का सहयोग कैसा रहा? आपकी पृष्ठभूमि

निबन्ध

बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए

- मोनिका मिश्रा मनुष्य की बौद्धिक शक्ति उसके पास उपलब्ध सबसे मजबूत और उपयोगी शक्तियों में से एक है। यह शक्ति, मनुष्य की कल्पना के साथ मिलकर सफलता अथवा असफलता, खुशी अथवा दुख तथा अवसर अथवा बाधाएं पैदा करती है। इस बौद्धिक शक्ति का विकास सामान्य रूप से ध्यान, मानसिक छवियों एवं विचारों द्वारा होता है। मनुष्य द्वारा दैनिक आधार पर लिए जाने वाले छोटे-छोटे निर्णयों के साथ वैश्विक स्तर पर लिए जाने वाले सभी निर्णय मनुष्य की बौद्धिक क्षमता के परिचायक हैं। स्टर्न ने मनुष्य की बुद्धि को परिभाषित करते हुए कहा है कि ‘बुद्धि व्यक्ति की वह सामान्य योग्यता

व्यक्तिगत स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा

- विवेक उपाध्याय सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने वाला अहसान अहमद लगातार इस द्वंद्व में रहता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में कौन ज्यादा महत्वपूर्ण है। जब वह अन्नादुरई जैसे वैज्ञानिक के बारे में पढ़ता है जिसे प्रतिष्पर्धी देशों की गुप्तचर संस्थाओं ने सूचना के अधिकार से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर षड्यंत्र का शिकार बना लिया तब उसे राष्ट्रीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण लगने लगती है। वहीं जब वह ‘माई नेम इज खान’जैसी फिल्म देखता है जिसमें एक व्यक्ति को मात्र धार्मिक पहचान के आधार पर सुरक्षा संस्थाओं के द्वारा प्रताडि़त किया गया तब उसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता अधिक

राष्ट्रीय परिदृश्य

इन फोकस

सोशल मीडिया का विनियमन एवं चुनौतियां

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeITY) ने 25 फरवरी, 2021 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी प्लेयर्स और डिजिटल मीडिया के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिए दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम 2021 की घोषणा की। ये नियम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 87(2) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए जारी किये गए। सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 सरकार चाहती है कि सोशल मीडिया कंपनियों के पास उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए एक तंत्र हो। इसीलिये सरकार ने सोशल मीडिया मध्यवर्ती इकाइयों सहित मध्यस्थों को उपयोगकर्ताओं या पीडि़तों से मिली शिकायतों के समाधान के लिए एक

राष्ट्रीय मुद्दे

राजव्यवस्था

गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) अधिनियम, 2021

25 मार्च, 2021 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा गर्भ के चिकित्सकीय समापन (संशोधन) अधिनियम, 2021 [Medical Termination of Pregnancy (Amendment) Act, 2021] को मंजूरी प्रदान कर दी गई। विधेयक के रूप में इसे 16 मार्च, 2021 को राज्य सभा द्वारा तथा 17 मार्च, 2020 को लोक सभा द्वारा पारित किया गया था। यह संशोधन अधिनियम ‘चिकित्सा गर्भपात अधिनियम, 1971’ में संशोधन करता है। चिकित्सा गर्भपात (संशोधन) अधिनियम, 2020 का मुख्य लक्ष्य महिलाओं के लिए उपचारात्मक, सुजननिक (eugenic), मानवीय या सामाजिक आधार पर सुरक्षित और वैध गर्भपात सेवाओं का विस्तार करना है। अधिनियम के उद्देश्य महिलाओं तक सुरक्षित गर्भपात सेवा की पहुंच स्थापित करना; असुरक्षित

कला एवं संस्कृति

कोणार्क का सूर्य मंदिर एवं इसका संरक्षण

कोणार्क के सूर्य मंदिर का संरक्षण कार्य एक सतत प्रक्रिया है तथा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा नियमित देखभाल किये जाने के कारण यह स्मारक, संरक्षण की अच्छी स्थिति में है। यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा राज्यसभा में 9 मार्च, 2021 को एक लिखित उत्तर में दी गई। अवगत करा दें कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर के संरक्षण का कार्य कर रहा है। एएसआई द्वारा फरवरी 2020 में कोणार्क स्थित सूर्य मंदिर के जगमोहन मंडप से रेत हटाने का फैसला किया गया था। दरअसल 13वीं शताब्दी के इस स्मारक को स्थायित्व प्रदान करने के

सूचकांक एवं रिपोर्ट

विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2021

यूएन सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क (UN SDSN) द्वारा 19 मार्च, 2021 को जारी ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2021’ (World Happiness Report 2021) में भारत ने 149 देशों की सूची में 139वां स्थान प्राप्त किया। रिपोर्ट के अंतर्गत जारी विश्व प्रसन्नता रैंकिंग में फिनलैंड प्रथम स्थान पर है। इसके बाद डेनमार्क दूसरे, स्विट्जरलैंड तीसरे, आइसलैंड चौथे तथा नीदरलैंड्स पांचवें स्थान पर रहा। विश्व के सबसे खुशहाल देशों की इस सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 10 देशों में से 9 देश यूरोप के हैं। भारत और पड़ोसी देशइस बार की हैप्पीनेस रिपोर्ट में भारत ने वर्ष 2020 के सूचकांक में प्राप्त रैंक (144वीं

विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2021

4 मार्च, 2021 को जारी ‘विषय आधारित क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 2021’ (QS World University Rankings by Subject 2021) में 12 भारतीय संस्थानों ने शीर्ष 100 में स्थान हासिल किया। शीर्ष 100 में 12 भारतीय संस्थानः आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईएससी बेंगलुरू, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईएम बेंगलुरू, आईआईएम अहमदाबाद, जेएनयू, अन्ना विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और ओपी जिन्दल विश्वविद्यालय। इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी की श्रेणी में 3 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) ने शीर्ष-100 संस्थानों में स्थान प्राप्त करने में सफलता अर्जित की है, जिनमें आईआईटी बॉम्बे ने शीर्ष स्थान (49वां) हासिल किया है। रैंकिंग परिचय क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग, वैश्विक उच्च शिक्षा कंसल्टेंसी संस्था

आयोग एवं समिति

एलाइड एवं हेल्थकेयर प्राफ़ेशनल्स हेतु राष्ट्रीय आयोग

एलाइड एवं हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स की शिक्षा और प्रैक्टिस को विनियमित तथा मानकीकृत करने वाले ‘राष्ट्रीय संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग विधेयक, 2020’ (National Commission for Allied and Healthcare Professions Bill, 2020) को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी प्राप्त हो गई। लोक सभा में यह विधेयक 24 मार्च, 2021 को तथा राज्य सभा में यह विधेयक 16 मार्च, 2021 को पारित किया गया। राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करने के बाद यह विधेयक अधिनियम का रूप ले लेगा। यह विधेयक 56 से अधिक प्रकार के स्वास्थ्य पेशेवरों के विशिष्ट कौशल व योगदान को पहचान कर स्वास्थ्य सेवा वितरण के क्षेत्र में व्यापक

स्वतंत्र व्यक्ति हों राज्य चुनाव आयुक्त

12 मार्च, 2021 को एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य या केंद्र सरकार की सेवा के अधीन कार्य करने वाले सरकारी अधिकारी को राज्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त नहीं किया जा सकता। शीर्ष न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया। न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस संबंध में संविधान के अनुच्छेद 142 एवं अनुच्छेद 144 के तहत भारत के सभी राज्यों तथा केन्द्रशासित क्षेत्रों को निर्देश जारी किए। मुख्य बिंदु बेंच ने निर्देश दिया कि भारत के सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों को

कार्यक्रम एवं पहल

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि

देश में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत आधार प्रदान करने के उद्देश्य से केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 10 मार्च, 2021 को स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक ‘सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड’के रूप में ‘प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि’(Pradhan Mantri Swasthya Suraksha Nidhi - PMSSN) के गठन को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि में वित्त अधिनियम 2007 की धारा 136-बी के तहत प्राप्त स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर की राशि आएगी और यह जब्त नहीं होने वाली निधि होगी। मुख्य विशेषताएं यह स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए सार्वजनिक खाते का एक ‘सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड’(non-lapsable reserve fund) है; यानी इस कोष की राशि वित्त वर्ष के

संक्षिप्तिकी

वोटर वेरिफ़ायबल पेपर ऑडिट ट्रेल

चुनाव आयोग ने आगामी चार राज्य विधानसभा चुनावों में सभी मतदान केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) के साथ ‘वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल’(VVPAT) का उपयोग करने का निर्णय लिया है। वीवीपीएटी क्या है? वीवीपीएटी, ईवीएम का उपयोग करके मतदाताओं को फीडबैक प्रदान करने का एक तरीका है। वीवीपीएटी का प्रयोग वोटिंग मशीनों के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली के रूप में किया जाता है तथा यह मतदाताओं को यह जांचने का अवसर देता है कि उनके वोट सही ढंग से डाले गए हैं या नहीं। इसमें उस उम्मीदवार का नाम तथा उस दल/व्यक्तिगत उम्मीदवार का चुनाव चिन्ह अंकित होता है, जिसके लिए

आर्थिक परिदृश्य

इन फोकस

सर्कुलर इकोनॉमी की ओर भारत: चुनौतियां एवं अवसर

भारतीय अर्थव्यवस्था के रैिखक से चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) की ओर संक्रमण को तेज करने के लिए सरकार द्वारा 11 फोकस क्षेत्रों के लिए 11 समितियों का गठन किया गया है। समितियों का नेतृत्व संबंधित मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा तथा इनमें पर्यावरण मंत्रालय, नीति आयोग के अधिकारी तथा विशेषज्ञ, शिक्षाविद और उद्योग प्रतिनिधि शामिल होंगे। ये समितियां रैिखक से चक्रीय अर्थव्यवस्था के संक्रमण के लिए अपने संबंधित क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित करने हेतु व्यापक कार्य योजनाएं तैयार करेंगी। इन समितियों द्वारा अपने निष्कर्षों और सिफारिशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तौर-तरीके भी अपनाए जाएंगे। सर्कुलर इकोनॉमी क्या है? सर्कुलर इकोनॉमी या

कृषि एवं संबंधित क्षेत्र

बांस के लिए अवसरों और चुनौतियों पर सम्मेलन

राष्ट्रीय बांस मिशन ने नीति आयोग और इन्वेस्ट इंडिया के सहयोग से 25-26 फरवरी, 2021 को वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘भारत में बांस के लिए अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परामर्श’ पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में बांस क्षेत्र के लिए अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा की गई तथा विचार विमर्श के दौरान बांस का उत्पादन व उपयोग बढ़ाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए। बांस की उपज व उपयोग हेतु प्रमुख सुझाव उपज बढ़ाने के लिए अच्छी विश्वसनीय रोपण सामग्री तथा उन्नत कृषि पद्धतियों के उपयोग को इस क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

रेशम क्षेत्र में कृषि वानिकी को बढ़ावा देने हेतु समझौता

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 7 मार्च, 2021 को ‘कृषि वानिकी योजना पर उप-मिशन’ (Sub-Mission on Agroforestry) नामक योजना के तहत केंद्रीय रेशम बोर्ड (Central Silk Board) के साथ कृषि वानिकी के कार्यान्वयन के लिए एक अभिसरण मॉडल पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य किसानों को रेशम पालन आधारित कृषि वानिकी मॉडल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया एवं मेक फॉर द वर्ल्ड दृष्टिकोण में योगदान हो। यह लिंकेज उत्पादकों को बेहतर रिटर्न के लिए कृषि वानिकी में एक और आयाम जोड़ेगा तथा साथ ही अनेक प्रकार का रेशम, जिसके

बजट, करारोपण एवं अनुदान

अवसंरचना

बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण हेतु विकास वित्त संस्थान

नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट बिल, 2021 (National Bank for Financing Infrastructure and Development Bill, 2021) को हाल ही में संसद के दोनों सदनों की मंजूरी प्राप्त हो गई। 23 मार्च, 2021 को इसे लोकसभा द्वारा तथा 23 मार्च, 2021 को इसे राज्य सभा द्वारा पारित किया गया। यह विधेयक बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण (infrastructure financing) के लिए एक प्रमुख ‘विकास वित्तीय संस्थान’(Development Finance Institution) के रूप में ‘नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट’(NBFID) की स्थापना का प्रावधान करता है। अवसंरचना परियोजना के वित्तपोषण हेतु डीएफआई स्थापित करने की योजना की घोषणा केंद्रीय बजट 2021-22 में की गई थी। बुनियादी

दूरसंचार कंपनियों के लिए लाइसेंस शर्तों में संशोधन

दूरसंचार विभाग (DoT) ने 10 मार्च, 2021 को दूरसंचार कंपनियों के लिए लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया। ‘दूरसंचार उपकरणों की खरीद के लिए एकीकृत लाइसेंस’में किये गए इस संशोधन के तहत विश्वसनीय स्रोतों से दूरसंचार उपकरणों की खरीद में रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा के कारक को मानदंड के रूप में शामिल किया गया है। निहितार्थः अब नामित प्राधिकरण इन दोनों पहलुओं का हवाला देते हुए दूरसंचार कंपनियों को उन उत्पादों का उपयोग न करने का आदेश दे सकते हैं, जिन्हें वे असुरक्षित मानते हैं। लाइसेंस की संशोधित शर्तें नए मानदंड ऐसे किसी भी उत्पाद के उपयोग को प्रतिबंधित करते हैं जो विश्वसनीय दूरसंचार उपकरण

उद्योग एवं व्यापार

उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020

हाल ही में प्रताप सिंह बाजवा की अध्यक्षता में गठित संसदीय समिति ने उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 [Consumer Protection (E-Commerce) Rules, 2020] में संशोधन पर एक रिपोर्ट पेश की। अवगत करा दें कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों के उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 जारी किये गए थे। ई-कॉमर्स से संबंधित प्रमुख मुद्दे प्रिडेटरी प्राइसिंगः रिपोर्ट में यह पाया गया है कि ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा प्रिडेटरी प्राइसिंग को ध्यान में रखकर मूल्य निर्धारण किया जाता है। ताकि प्रतिस्पर्धा से अन्य प्रतिद्वंद्वियों को बाहर किया जा सके। लंबे समय में यह

इंडेक्स/रिपोर्ट/रैंकिंग

संस्थान एवं निकाय

बीमा लोकपाल नियमावली में संशोधन

2 मार्च, 2021 को वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से बीमा लोकपाल नियमावली 2017 में व्यापक संशोधनों को अधिसूचित किया गया है। उद्देश्यः बीमा लोकपाल से सम्बद्ध तंत्र एवं इसकी कार्यविधि को बेहतर बनाना। लाभः बीमा सेवाओं से संबंधित शिकायतों का समय पर, लागत प्रभावी और निष्पक्ष तरीके से समाधान उपलब्ध हो सकेगा। संशोधन के मुख्य बिंदु बीमा कर्मचारियों, एजेंटों, ब्रोकरों और अन्य बिचौलियों को लोकपाल के दायरे में लाया गया है। इससे इनकी सेवा से संबंधित शिकायतों को लोकपाल के पास दर्ज किया जा सकेगा। अब पॉलिसीधारक लोकपाल को अपनी शिकायतें इलेक्ट्रॉनिक रूप से करने में सक्षम हो जाएंगे। शिकायत प्रबंधन प्रणाली

संक्षिप्तिकी

बीमा संशोधान विधोयक 2021

बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सीमा बढ़ाने से संबंधित ‘बीमा (संशोधन) विधेयक 2021’ [Insurance (Amendment) Bill, 2021] को संसद के दोनों सदनों की मंजूरी प्राप्त हो गई। 18 मार्च, 2021 को यह लोक सभा द्वारा तथा 22 मार्च, 2021 को राज्य सभा द्वारा पारित किया गया। यह विधेयक बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन करता है। विधेयक में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मौजूदा सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रावधान है। बीमा कंपनियों के स्वामित्व और नियंत्रण पर पाबंदियां हटाने का भी प्रावधान किया गया है। पीटी फैक्ट्स बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) आईआरडीएआई, बीमा धारकों के हितों की सुरक्षा

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

पारादीप प्लास्टिक पार्कः इंडियनऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) और ओडिशा इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (IDCO) ने पारादीप प्लास्टिक पार्क (Paradip Plastic Park) को विकसित करने के लिए 9 मार्च, 2021 को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। प्लास्टिक क्षेत्र की उद्यम और रोजगार सृजन क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही भारत सरकार ने प्लास्टिक पार्क योजना के माध्यम से इस उद्योग के क्लस्टर विकास की शुरुआत की है। वर्तमान में, भारत सरकार ने ऐसे 6 पार्कों को मंजूरी दी है और पारादीप प्लास्टिक पार्क उनमें से ही एक है। जबलपुर-चांदफ़ोर्ट विशेष रेलगाड़ीः केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 8 मार्च, 2021

अंतरराष्ट्रीय संबंध एवं संगठन

अभिसमय एवं प्रोटोकॉल

अफ़गानिस्तान शांति प्रक्रियाः भारत की भूमिका एवं महत्त्व

हाल ही में अफगानिस्तान को लेकर ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित ‘हार्ट ऑफ एशिया’ (Heart of Asia Conference) के 9वें मंत्री स्तरीय सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, अफगान सरकार और तालिबान के बीच वार्ता का समर्थन करता है। अफगान शांति प्रक्रिया का उद्देश्य तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के मध्य चल रहे गृह युद्ध को समाप्त करना है। ताकि अफगानिस्तान में हिंसा को रोकने और स्थायी शांति की स्थापना की जा सके। अफ़गान शांति प्रक्रिया में भारत की स्थिति अफगान शांति प्रक्रिया में भारत की स्थिति पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुई है तथा वर्तमान में अफगान

द्विपक्षीय संबंध

श्रीलंका पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का प्रस्ताव एवं भारत

हाल ही में भारत ने श्रीलंका में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में लाए गए एक प्रस्ताव पर मतदान से अनुपस्थित रहने का निर्णय लिया है। भारत ने इस निर्णय के माध्यम से श्रीलंका के साथ राजनयिक संबंधों और देश में श्रीलंकाई तमिल अल्पसंख्यक लोगों के समर्थन के बीच संतुलन बनाए रखा। वर्ष 1983 में श्रीलंका में गृह युद्ध छिड़ा था तथा वर्ष 2009 में लिट्टे के विरुद्ध युद्ध की समाप्ति के बाद पीडि़तों को न्याय दिलाने और मानवाधिकारों का हनन करने वालों को पकड़ने के लिये श्रीलंका नए प्रस्ताव का सामना कर रहा है। यूएनएचआरसी के प्रस्ताव लाने

श्रीलंका द्वारा वेस्ट कंटेनर टर्मिनल प्रस्ताव

हाल ही में श्रीलंका मंत्रिमंडल ने भारत और जापान के साथ संयुक्त उद्यम के तहत कोलंबो पोर्ट के वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (West Container Terminal) को विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। वेस्ट कंटेनर टर्मिनल अवस्थितिः वेस्ट कंटेनर टर्मिनल (WCT) रणनीतिक रूप से चीन द्वारा संचालित कोलंबो इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल (CSTT) के समीप स्थित है। (Build, Operate and Transfer-BOT) टर्मिनल का निर्माण 35 वर्ष की अवधि के लिए ‘बिल्ड, ऑपरेट और ट्रांसफर’(Build, Operate and Transfer-BOT) मॉडल पर किया जाएगा। निवेशकः परियोजना के लिए श्रीलंका द्वारा भारत और जापान को निवेशकों के रूप नामित किया गया है तथा अडानी समूह की एक फर्म

प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा एवं भारत-बांग्लादेश संबंध

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता की स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने के लिए बांग्लादेश की यात्रा की। भारत ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मजीबुर्रहमान को वर्ष 2020 के गांधी शांति पुरस्कार (Gandhi Peace Prize) से भी सम्मानित किया। भारत के प्रधानमंत्री ने तुंगीपारा में बंगबंधु (मुजीब) स्मारक का दौरा किया। ढाका में बंगबंधु-बापू डिजिटल प्रदर्शनी का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया। भारत-बांग्लादेश मित्रता की 50वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करते हुए दोनों पक्षों ने संबंधित स्मारक डाक टिकट जारी किये। भारत-बांग्लादेश के बीच सहयोग जल समझौताः भारत और बांग्लादेश दोनों देश 54 नदियों के जल को साझा करते

संगठन एवं फोरम

प्रथम क्वाड शिखर सम्मेलन

हाल ही में भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों तथा अमेरिकी राष्ट्रपति ने चतुर्भुज फ्रेमवर्क (क्वाड) के प्रथम आभासी शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन में कोविड-19 वैक्सीन तक पहुंच, प्रौद्योगिकी पर सहयोग और जलवायु परिवर्तन संबंधी एजेंडे को प्राथमिकता में रखा गया। शिखर सम्मेलन के प्रमुख निर्णय इस सम्मेलन में नेताओं ने साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने की दिशा में सहयोग के व्यावहारिक क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। साथ ही, इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर शासित करने, सार्वभौमिक मूल्यों को

रिपोर्ट एवं सूचकांक

भारत दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातकः SIPRI

हाल ही में स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीटड्ढूट (Stockholm International Peace Research Institute-SIPRI) द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हथियारों के आयात और निर्यात संबंधी रुझानों पर एक रिपोर्ट जारी की गई। रिपोर्ट में भारतीय संदर्भ दूसरा सबसे बड़ा शस्त्र आयातकः भारत, सऊदी अरब के बाद दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है। हथियार आयातक देशः भारत के लिए वर्ष 2016-20 के दौरान रूस (49%), फ्रांस (18%) और इजराइल (13%) शीर्ष तीन हथियार आपूर्तिकर्ता देश थे। अमेरिका, भारत के लिए चौथा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता था। वर्ष 2016-20 के बीच भारत द्वारा अमेरिका से किए जाने वाले आयात में 46% तक की कमी आयी है।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2021

हाल ही में ‘विश्व आर्थिक मंच’ (World Economic Forum- WEF) द्वारा जारी की गयी वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट 2021 (Global Gender Gap Report 2021) में भारत 156 देशों की सूची में 28 स्थानों की गिरावट के साथ 140वें स्थान पर पहुंच गया। वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट के बारे में वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट विश्व आर्थिक मंच द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाती है। वर्ष 2006 में इसे पहली बार जारी किया गया था। इस रिपोर्ट में निम्नलििखत चार बिंदुओं पर व्यापक सर्वे और अध्ययन के आधार पर आंकड़े प्रस्तुत किये जाते हैं- स्वास्थ्य एवं उत्तरजीविता (Health and survival) राजनीतिक सशक्तीकरण (Political empowerment) शिक्षा प्राप्ति (Educational attainment) आर्थिक

यूएनईपी की फ़ूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट 2021

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (United Nations Environment Programme - UNEP) ने ‘फूड वेस्ट इंडेक्स रिपोर्ट’(Food Waste Index Report), 2021 जारी की। उद्देश्यः रिपोर्ट का लक्ष्य एसडीजी 12-3 के लक्ष्यों का समर्थन करना है। यह रिपोर्ट खाद्य अपशिष्ट के व्यापक डेटा का संग्रह और विश्लेषण कर जारी किया गया है। एसडीजी लक्ष्य 12.3ः इसका लक्ष्य 2030 तक आपूर्ति शृंखलाओं के साथ-साथ खुदरा और उपभोक्ता स्तरों पर वैश्विक खाद्य अपशिष्ट को आधा करना और भोजन के नुकसान को कम करना है। रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दु खाद्य अपशिष्टः वर्ष 2019 में कुल वैश्विक खाद्य उत्पादन का अनुमानित 17% (घरों में 11%, खाद्य सेवा में

मिशन एवं युद्धाभ्यास

दस्तलिक II

10 मार्च से 19 मार्च, 2021 तक उत्तराखंड के विदेशी प्रशिक्षण केंद्र, चौबटिया, रानीखेत में भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास ‘दस्तलिक II’(DUSTLIK II) का आयोजन किया गया। उद्देश्यः संयुक्त राष्ट्र संघ के नियमों के अंतर्गत पर्वतीय/ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद रोधी गतिविधियों का संचालन करने में अपने-अपने कौशल और विशेषज्ञता को साझा करना। यह दोनों देशों की सेनाओं के मध्य वार्षिक द्विपक्षीय संयुक्त सैन्य अभ्यास प्रक्रिया का दूसरा संस्करण है। अभ्यास का पहला संस्करण नवंबर 2019 में उज्बेकिस्तान में आयोजित किया गया था। भारत के लिये उज्बेकिस्तान का महत्त्व उज्बेकिस्तान भारत के लिये मध्य एशियाई क्षेत्रों के साथ संपर्क तथा सुरक्षा की दृष्टि से

युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI

3 से 27 मार्च, 2021 तक संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की मेजबानी में ‘युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI’(Ex Desert Flag-VI) का आयोजन अल-दाफरा एयरबेस पर किया गया। प्रमुख बिंदुयह यूएई की मेजबानी में आयोजित एक वार्षिक बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास है। इसमें भारतीय वायु सेना ने पहली बार भाग लिया। उद्देश्यः प्रतिभागी बलों को बड़ी संख्या में सैन्य बलों को शामिल करने के प्रति अभ्यस्त बनाना, सामरिक क्षमताओं को तेज करना और प्रतिभागी सैन्य बलों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देने के साथ-साथ अंतरसंचालनीयता को बढ़ावा देना। भारत के अलावा, इसमें संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायु सेनाओं ने

विविध

ट्रोइका-प्लस-पाकिस्तान सम्मेलन

हाल ही में रूस की राजधानी मास्को में अफगानिस्तान हेतु ‘ट्रोइका-प्लस-पाकिस्तान सम्मेलन’ (Troika-plus-Pakistan Conference) का आयोजन किया गया। सम्मेलन के बारे में ट्रोइका-प्लस-पाकिस्तान की बैठक में अफगानिस्तान सरकार, तालिबान और अन्य वरिष्ठ अफगान नेताओं के प्रतिनिधियों के साथ अमेरिका, रूस, चीन, पाकिस्तान के बीच परामर्श किया गया। इस सम्मेलन में दोहा में अंतर-अफगान वार्ता को आगे बढ़ाने में सहायता करने के उपायों पर चर्चा की गयी। इसका उद्देश्य हिंसा के स्तर को कम करना और अफगानिस्तान में सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करना है। रूस द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया। भारत को सम्मेलन सेबाहर रखने का कारण रणनीतिक

भारत- फिलीपींस ब्रह्मोस सौदा

हाल ही में भारत और फिलीपींस ने रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद के लिए ‘कार्यान्वयन व्यवस्था’ पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत बिक्री दोनों देशों की सरकारों के मध्य सरकार-से-सरकार मार्ग (Government-To-Government Route) के माध्यम से होगी। भारत के लिये सौदे के निहितार्थ इसके निर्यात से रक्षा निर्यातक के रूप में भारत की विश्वसनीयता बढ़ेगी और विश्व पटल पर भारत की सामरिक स्थिति मजबूत होगी। साथ ही भारत हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख क्षेत्रीय सुरक्षा प्रदाता के रूप में भी स्थापित होगा। वियतनाम, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, अर्जेंटीना, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश भी इस मिसाइल को खरीदने में रुचि दिखा रहे

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

इन फोकस

अंतरिक्ष के सैन्यीकरण के खतरे एवं इसे रोकने के प्रयास

हाल के समय में अन्तरिक्ष के सैन्यीकरण या सैन्य तैयारियों में बढ़ोत्तरी देखी गई है। 8-12 मार्च 2021 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष में सैन्य अभ्यास किया गया। यह सैन्य अभ्यास दक्षिणी फ्रांस के टूलूज नामक स्थल से संचालित किया गया। इस सैन्य अभ्यास का नाम एस्टरएक्स-2021 (AsterX 2021) था, जिसका उद्देश्य किसी हमले की स्थिति में अंतरिक्ष उपग्रहों और अन्य उपकरणों की रक्षा क्षमता का आकलन करना था। अंतरिक्ष के सैन्यीकरण से तात्पर्य, बाह्य अंतरिक्ष में युद्ध के लिए हथियार और सैन्य प्रौद्योगिकी को विकसित करना एवं युद्ध की स्थिति में प्रयोग करने के लिए तैयार रहना

अंतरिक्ष/ब्रह्माण्ड विज्ञान

स्वदेशी ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ़

आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज (एआरआईईएस), नैनीताल के द्वारा हाल ही में ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ (optical spectrograph) को विकसित किया गया, जिसके माध्यम से ब्रह्मांड में मौजूद दूरस्थ तारों और आकाशगंगा से आने वाले मंद प्रकाश के स्रोतों का पता लगाया जा सकता है। मुख्य बिंदु इस ऑप्टिकल स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण को ‘एरीज-देवस्थल फैंट ऑब्जैक्ट स्पेक्ट्रोग्राफ ऐंड कैमरा’ (Aries-Devasthal Faint Object Spectrograph & Camera - एडीएफओएससी) नाम दिया गया है। इस स्पेक्ट्रोस्कोप को उत्तराखंड में नैनीताल के पास ‘3.6-एम देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप’ (डीओटी) पर लगाया गया है। अन्तरिक्ष में शोध के लिए कई प्रकार के यंत्रों की आवश्यकता होती है, जिसमें टेलीस्कोप, स्पेक्ट्रोग्राफ आदि

इसरो द्वारा अमेजोनिया-1 सहित 19 उपग्रहों का प्रमोचन

28 फरवरी, 2021 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पीएसएलवी-सी 51 (PSLV-C 51)यान के द्वारा ब्राजील के अमेजोनिया-1 मिशन को प्रमोचित किया गया। मुख्य बिंदु PSLV-C51 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (SDSC) से प्रमोचित किया गया है। यह इसरो का 53वां ध्रुवीय प्रक्षेपण यान मिशन है। PSLV-C51 मिशन द्वारा ब्राजील के उपग्रह अमेजोनिया-1 को प्राथमिक उपग्रह के रूप में ले जाया गया है। ब्राजील के उपग्रह के साथ, 18 (भारत के 5 और यूएसए के 13) अन्य उपग्रहों को भी प्रमोचित किया गया है। यह मिशन "न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL)" का पहला समर्पित व्यावसायिक मिशन है। अमेजोनिया-1अमेजोनिया-1, ब्राजील के राष्ट्रीय

जैव प्रौद्योगिकी

हिंद महासागर की जीनोम मैपिंग

हाल ही में वैज्ञानिकों तथा राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआईओ) ने हिंद महासागर में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों की जीनोम मैपिंग के लिए एक अभियान शुरू किया है। उपयोग की जाने वाली मुख्य तकनीकेंः हिंद महासागर के पारिस्थितिक तंत्र की गतिशीलता को समझने के लिए आधुनिक आणविक बायोमेडिकल तकनीकों, जीनोम अनुक्रमण (Genome sequencing) और जैव सूचना विज्ञान का उपयोग किया जाएगा। मुख्य बिंदु विशाखापट्टनम पोर्ट से 14 मार्च, 2021 को शुरू हुए इस अभियान के अंतर्गत लगभग 10 हजार समुद्री मील की दूरी तय की जाएगी। इस दौरान 90 दिनों तक हिंद महासागर के रहस्यों को उजागर करने के लिए बड़ी मात्र में

रोगाणुरोधी प्रतिरोधा से लड़ने के लिए नया उपकरण

हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी (NIAB) के शोधकर्ताओं की टीम ने हाल ही में एक उपकरण विकसित किया है, जो दूध में ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन (Oxytetracycline - OTC) नामक प्रतिजैविक (antibiotic) की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम है। वर्तमान स्थितिः वर्तमान में प्रतिजैविक का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली किट का आयात किया जाता है और इसकी उपलब्धता सीमित है। इसका आयात महंगा भी होता है। मुख्य बिंदु यह नया उपकरण काफी संवेदनशील है और मात्र 10 मिनट में गाय, भैंस और बकरी के दूध में 5 एनजी/एमएल ऑक्सीटेट्रासाइक्लिन तक का पता लगाने में सक्षम है। खाद्य सुरक्षा और

नैनो प्रौद्योगिकी

पानी से भारी धातुओं के कुशल निष्कासन की नई विधि

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) मंडी की एक शोध टीम ने एक बायोपॉलिमर-आधारित सामग्री का उपयोग करके एक रेशेदार झिल्ली का फिल्टर विकसित किया है, जो भारी धातुओं को पानी के नमूनों से अलग करने में मदद करता है। अध्ययन को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया गया था। प्रभावः पानी में भारी धातुओं से अल्जाइमर, पार्किंसंस और मल्टीपल स्केलेरोसिस सहित मनुष्यों में कई तंत्रिका संबंधी रोग हो सकते हैं। मुख्य बिंदु यह झिल्ली ऐसे अवशोषक (absorbents) पदार्थ की बनी होती है जो धातुओं को आकर्षित करती है। इसके साथ ही इन्हें अपने में समाहित कर लेती है। इन अवशोषक पदार्थ एवं

एआई एवं रोबोटिक्स

एआई गेमचेंजर्स कार्यक्रम

नेशनल एसोसिएशन ऑफ साॅफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकॉम) ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एआई गेमचेंजर्स कार्यक्रम शुरू किया है। उद्देश्यः कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग कर विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना। मुख्य बिंदु इस कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्रट ‘इनोवेशन पार्टनर’ के रूप में संलग्न होगा। यह कार्यक्रम स्टार्टअप, उद्यम, शिक्षा, सरकार और गैर सरकारी संगठनों के लिए एक मंच के रूप में काम करेगा जो अपने एआई आधारित उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन कर सकेंगे। नैसकॉम द्वारा आयोजित एक्सपीरिएंस एआई शिखर सम्मेलन (Xperience AI Summit) में नवप्रवर्तनकर्ताओं को उनके सफल एआई कार्यान्वयन के लिए पुरष्कृत भी किया जाएगा। मानदंडः प्रविष्टियों को तीन

स्तन कैंसर की पहचान के लिए नई तकनीक

गुवाहाटी के इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) को शोधकर्ताओं ने आईएचसी-नेट नाम की पद्धति को विकसित किया है, जो स्तन कैंसर का समय रहते पता लगाने में सहायक है। मुख्य बिंदु शोधकर्ताओं ने एक ऐसा एल्गोरिद्म विकसित किया है, जो कैंसर कोशिकाओं और स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार हार्माेन के बीच अनुक्रिया का पता लगाता है। इस डीप लर्निंग आधारित तकनीक का उपयोग कर एस्ट्रोजेन या प्रोजेस्ट्रोन के स्तर का आकलन भी किया जाता है। इस पद्धति के माध्यम से स्तन कैंसर के लिए जिम्मेदार हार्माेन्स का आकलन किया जाता है। इस तकनीक को डीप लर्निंग नेटवर्क के आधार पर

स्वास्थ्य विज्ञान

डिप्थीरिया: वैश्विक खतरा बनने की संभावना

भारत, यूके और रूस के शोधकर्ताओं की एक टीम ने डिप्थीरिया के कारक जीवाणु (कोराइन बैक्टीरियम डिप्थीरिया) में प्रतिजैविक (antibiotic) दवाओं के प्रति प्रतिरोधक गुण का पता लगाया है। वर्तमान में डिप्थीरिया अपेक्षाकृत आसानी से रोका जा सकने वाला संक्रमण है, परन्तु भविष्य में इसके वैश्विक महामारी बनने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण विश्व के विभिन्न हिस्सों में इसके विरुद्ध टीकाकरण प्रभावित हुआ है। इसके कारण संक्रमण की संख्या बढ़ने का खतरा बन गया है। शोध के मुख्य बिंदु शोधकर्ताओं ने जीनोमिक्स का उपयोग करके भारत सहित सम्पूर्ण विश्व में संक्रमण का मानचित्रण तैयार किया

कृषि विज्ञान

तकनीक की मदद से उर्वरक चयन

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), खड़गपुर ने डिफरेंशियल ग्लोबल पोजीशन सिस्टम (डीजीपीएस) की सहायता से मृदा मानचित्र (सॉइल मैप) तैयार किया है, जो कृषि भूमि के लिए उपयुक्त उर्वरक के उपयोग का खाका तैयार करने में सहायक है। हाल ही में भारत सरकार द्वारा मानचित्रण के क्षेत्र में नीतिगत परिवर्तन के साथ देश में भू-स्थानिक मानचित्रण की गतिविधियां तेज की गई हैं। उद्देश्यः इस तकनीक का उद्देश्य नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश (एनपीके) की उचित मात्रा मृदा में डालना है, ताकि फसल एवं मृदा की आवश्यकता के अनुरूप उर्वरक दिया जा सके। मुख्य बिंदु प्रत्येक प्रकार की मृदा की प्रकृति अलग होती है। मृदा की प्रकृति

कंप्यूटर एवं रोबोटिक्स

फ़ुगाकू: विश्व का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर

जापानी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान रिकेन (RIKEN) और फुजित्सु (Fujitsu) ने फुगाकू (Fugaku) नामक दुनिया का सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर विकसित किया है। फुगाकू का नाम माउंट फूजी के लिए एक वैकल्पिक नाम के नाम पर रखा गया है। उद्देश्यः जापान को अल्ट्रा-स्मार्ट समाज 5.0 (Society 5.0) के रूप में स्थापित करना। मुख्य बिंदु ‘फुगाकू’ सुपर कंप्यूटर,जापान के ही ‘के सुपर कंप्यूटर’(K supercomputer) की तुलना में 100 गुना अधिक गणना करने की क्षमता से युक्त है। इसमें A64FX माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया गया है, जिसका उत्पादन जापान की ही फुजित्सु द्वारा किया गया है। जापानी सुपर कंप्यूटर फुगाकू के प्रसंस्करण की गति 70,980 gigaTEPS है,

रक्षा-विज्ञान

निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित एमआरसैम मिसाइल

कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स (KRAS) और इजरायल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स (Rafael Advanced Defence Systems) के संयुक्त उद्यम द्वारा निर्मित मध्यम दूरी की सतह से वायु मिसाइल (एमआरसैम) के किट को भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के लिए जारी कर दिया गया है। मुख्य बिंदु कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स द्वारा भारतीय सैन्य बलों को 1000 से अधिक एमआरसैम मिसाइल किट वितरित किया जाना है।भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) द्वारा इन मिसाइल किट को सेना के अन्य युद्धक प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत करने के लिए भेज दिया गया है। मध्यम श्रेणी की सतह से वायु मिसाइल (एमआरसैम) किट, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का उदाहरण

डीआरडीओ द्वारा विकसित एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन प्रणाली

8 मार्च, 2021 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा "एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (Air Independent Propulsion - AIP)"का अंतिम विकास परीक्षण किया गया। एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन क्या है? यह समुद्री प्रणोदन तकनीक है जो गैर-परमाणु पनडुब्बी को वायुमंडलीय ऑक्सीजन तक पहुंच के बिना ही लम्बे समय तक संचालित करने में सहयोग करती है। यह प्रणोदन प्रणाली डीजल-विद्युत प्रणोदन प्रणाली की क्षमता को बढ़ा देती है। यह तकनीक फॉस्फोरिक एसिड फ्यूल सेल पर आधारित है, जो पनडुब्बी को पानी के नीचे लंबे समय तक रहने में सक्षम बनाती है। एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन से युक्त पनडुब्बी को अपनी बैटरी चार्ज करने के लिए सतह

संक्षिप्तिकी

स्पेस हरिकेन की खोज

वैज्ञानिकों ने पहली बार एक "स्पेस हरिकेन" की खोज की है। पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल में उत्तरी ध्रुव पर 8 घंटे तक यह तूफान चला। महत्वः स्पेस हरिकेन के अध्ययन से वैज्ञानिकों को उच्च आवृत्ति रेडियो संचार में गड़बड़ी, सैटेलाइट ड्रैग, उपग्रह नेविगेशन, ओवर-द-होराइजन रडार लोकेशन और संचार प्रणालियों में गड़बड़ी जैसे महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मौसम प्रभावों को समझने में मदद मिलेगी। स्पेस हरिकेन क्या है? प्लाज्मा का घूमता द्रव्यमान जो पानी के बजाय आयनमंडल में इलेक्ट्रॉनों की बारिश करता है, उसे "स्पेस हरिकेन" कहा जाता है। इस तूफान के परिणामस्वरूप आश्चर्यजनक प्रभाव होता है जो एक विशाल, चक्रवात के आकार का चमकता हुआ

पीआईबी कॉर्नर

पीआईबी कॉर्नर

सार्स-कोव-2 का जीनोमिक्स कंसोर्टियमः केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने लोकसभा में एक लििखत उत्तर में बताया कि सरकार ने सार्स-कोव-2 विषाणु की जीनोम संरचना में हो रहे उत्परिवर्तन की निगरानी के लिए "भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG)" की स्थापना की है। इस कंसोर्टियम में जीवन विज्ञान संस्थान (ILS भुवनेश्वर), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल जीनोमिक्स (NIBMG कल्याणी), राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (NCCS पुणे), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एवं निदान केन्द्र (CDFD हैदराबाद), CSIR-CCMB हैदराबाद, NIMHANS बेंगलुरू, InStem / NCBS बेंगलुरू, CSIR&IGIB दिल्ली, और NCDC दिल्ली शामिल हैं। इसरो एवं आईआईएसटी के बीच समझौताः

पर्यावरण एवं जैवविविधता

जैव-विविधाता

अफ्रीकी वन हाथी गंभीर रूप से संकटग्रस्त घोषित

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) द्वारा अफ्रीकी वन हाथियों को गंभीर संकटग्रस्त’(Critically Endangered) और अफ्रीकी सवाना (या बुश) हाथियों को ‘संकटग्रस्त’ (Endangered) घोषित किया गया। आईयूसीएन (IUCN) ने दोनों अफ्रीकी हाथियों को ‘सुभेद्य’(Vulnerable) के रूप में सूचीबद्ध किया था। पूर्व में दोनों अफ्रीकी हाथियों को एक ही प्रजाति के रूप में माना जाता था, किन्तु अब आनुवांशिक प्रमाण के साबित होने के बाद दोनों प्रजातियों को अलग-अलग प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अफ्रीकी हाथियों के बारे मेंअफ्रीकी हाथी पृथ्वी पर पाये जाने वाले जानवरों में से सबसे बड़ा ‘भू-जानवर’(Land Animals) हैं। यह

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से 6 बाघ लापता

हाल ही में राजस्थान के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से दो शावक व चार बाघ पिछले लगभग एक साल से लापता होने के कारण चर्चा में हैं। इनको मार्च 2020 में कैमरा ट्रैप के माध्यम से देखा गया था। चूंकि प्राकृतिक मौत या अवैध शिकार का कोई सबूत नहीं है इसलिए अधिक संभावना यही है कि यह बाघ किसी दूसरे वन क्षेत्रों में चले गए होंगे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघों के लापता होने का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान अरावली तथा विंध्य पर्वतशृंखलाओं के संगम पर स्थित

अंतर-राज्य बाघ पुनर्वास परियोजना

हाल ही में ‘अंतर-राज्यीय बाघ पुनर्वास परियोजना’(Inter-State Tiger Relocation Project) के तहत वर्ष 2018 में मध्य प्रदेश से ओडिशा के ‘सतकोसिया बाघ अभयारण्य में स्थानांतरित की गई एक मादा (सुंदरी) बाघिन को पुनः मध्य प्रदेश स्थानांतरित किया गया है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने अंतर-राज्यीय बाघ स्थानांतरण की प्रक्रिया पर रोक लगा दी तथा अंतर-राज्य बाघ पुनर्वास परियोजना को स्थगित कर दिया है। परियोजना को स्थगित करने का कारण बाघों के आगमन के बाद अभयारण्य की सीमा पर रहने वाले ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था। आदिवासियों को विस्थापित करने के परिणामस्वरूप वन विभाग के अधिकारियों पर हमला किया गया और उनके

संरक्षण

हाथी-मानव संघर्ष कम करने हेतु प्रोजेक्ट री-हैब

हाल ही में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने ‘मधुमकि्खयों के उपयोग द्वारा मानव-हाथी संघर्ष को कम करना’(Reducing Elephant-Human Attacks using Bees - RE-HAB) नामक पहल प्रारम्भ की। इस पायलट प्रोजेक्ट को कर्नाटक के कोडागु में शुरू किया गया है। यह नागरहोल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व की परिधि पर स्थित है। प्रोजेक्ट री-हैब का उद्देश्य शहद वाली मधुमकि्खयों का उपयोग करके मानव बस्तियों में हाथियों के हमलों को विफल कर मनुष्य व हाथी दोनों के जीवन की हानि को कम से कम करना है। महत्त्व प्रोजेक्ट री-हैब केवीआईसी के राष्ट्रीय शहद मिशन के तहत एक उप-मिशन है। राष्ट्रीय शहद मिशन मधुमकि्खयों

प्रदूषण

एकल उपयोग प्लास्टिक प्रदूषण

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार एकल-उपयोग प्लास्टिक (Single-use plastic) को चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक पूर्ण रूप से समाप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता के समक्ष कोविड-19 महामारी ने विराम लगा दिया है। पृष्ठभूमि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में एकल-उपयोग प्लास्टिक को चरणबद्ध तरीके से वर्ष 2022 तक पूर्ण रूप से खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई थी। कोरोनोवायरस महामारी के प्रारम्भ होने से पूर्व भारत प्लास्टिक प्रदूषण के विरुद्ध वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करने के बहुत करीब था। एकल-उपयोग प्लास्टिक में ऐसे उत्पादों को सम्मिलित किया गया हैं

जलवायु परिवर्तन

शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के साथ आर्थिक विकास

हाल ही में भारत द्वारा शुद्ध-शून्य उत्सर्जन (Net-Zero Emission) लक्ष्य को अपनाने पर तेजी से बल दिया जा रहा है। ताकि शून्य उत्सर्जन के साथ-साथ आर्थिक विकास के लक्ष्यों को भी तेजी से प्राप्त किया जा सके। वर्तमान में 58 देशों ने वर्ष 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। ये देश 50% से अधिक ग्रीनहाउस गैसों (GHGs) का उत्सर्जन करते हैं। इसलिए एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते भारत को शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य अपनाने की भी आवश्यकता है। नेट-जीरो इमिशन क्या है? यह एक ऐसी अवस्था है जिसमें किसी देश द्वारा उत्सर्जित ग्रीनहाउस गैसों को उन्नत तकनीकों

आपदा प्रबंधन

राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा देश में चक्रवात जोखिमों से निपटने हेतु राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना (National Cyclone Risk Mitigation Project) नामक एक परियोजना प्रारम्भ की गई है। भारत सरकार ने हाल ही में लोकसभा को राष्ट्रीय चक्रवात जोिखम शमन परियोजना (NCRMP) के कार्यान्वयन के बारे में सूचित किया है। परियोजना के बारे मेंइसे विश्व बैंक के समर्थन से गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया। यह देश में चक्रवात के खतरों को संबोधित करती है। उद्देश्यःभारत के तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चक्रवातों के प्रभाव को कम करने के लिए उपयुक्त संरचनात्मक और गैर-संरचनात्मक उपाय करना। परियोजना के घटकआपदाओं के समय

विविध

ग्रेट इंडियन बस्टर्ड्स पर सर्वाेच्च न्यायालय का निर्णय

हाल ही में सर्वाेच्च न्यायालय ने ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ के संरक्षण हेतु राजस्थान और गुजरात में कम वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत करने और उच्च वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों में बर्ड डायवर्टर लगाने पर विचार किये जाने का सुझाव दिया है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड पक्षी, आवास क्षेत्र में कमी और प्राकृतिक आवासों से गुजरने वाली उच्च-वोल्टेज संचरण लाइनों से टकराकर मर रहे हैं। संरक्षण की स्थिति आईयूसीएन (IUCN) की लाल सूची में इसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय(Critically threatened) तथा CITES के परिशिष्ट-1 में सूचीबद्ध किया है। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 (Wildlife (Protection) Act, 1972): अनुसूची 1 में सूचीबद्ध है। पर्यावरण, वन और

बेंजीन उत्सर्जन में कमी लाए केरलः समिति

हाल ही में केरल में वायु प्रदूषण का अध्ययन करने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) द्वारा गठित एक संयुक्त समिति ने केरल में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कई सिफारिशें कीं। पैनल की प्रमुख सिफारिशें ईंधन स्टेशनों पर वाष्प रिकवरी सिस्टम (Vapour recovery system) की स्थापना करना। कारणः पेट्रोल ईंधन भरने वाले स्टेशन बेंजीन उत्सर्जन, वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों और पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का एक प्रमुख स्रोत हैं। इसलिए वायु की गुणवत्ता में सुधार के लिए वाष्प रिकवरी सिस्टम की स्थापना एक महत्वपूर्ण कदम है। बैटरी चालित वाहनों को बढ़ावा देना और पुराने डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंधित करना। खुले क्षेत्रों की

संक्षिप्तिकी

यूरोपीय आयोग का डिजिटल हरित प्रमाणपत्र

17 मार्च, 2021 को यूरोपीय आयोग ने कोविड-19 महामारी के बीच यूरोपीय संघ (EU) के अंतर्गत नागरिकों की सुरक्षित और मुक्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाने हेतु एक ‘डिजिटल हरित प्रमाणपत्र’(Digital Green Certificate) बनाने का प्रस्ताव रखा। डिजिटल हरित प्रमाणपत्र डिजिटल हरित प्रमाणपत्र के माध्यम से कोविड-19 का टीका लगा चुके, नकारात्मक परीक्षण वाले अथवा कोविड-19 से ठीक हो चुके यूरोपीय संघ के नागरिकों को यूनियन के सभी देशों में निर्बाध रूप से यात्र करने की अनुमति दी जाएगी। यह एक QR कोड से युक्त डिजिटल दस्तावेज है जिसे मोबाइल फोन में संग्रहीत एवं प्रदर्शन हेतु उपयोग किया जा सकता है। यह प्रमाणपत्र अस्पतालों,

लघु संचिका
खेल परिदृश्य
राज्यनामा

संसद प्रश्नोत्तरी

विशेष

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