प्राकृतिक कृषि: महत्व तथा सरकार के प्रयास
10 जुलाई, 2022 को गुजरात के सूरत में प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत जिले में प्राकृतिक कृषि के प्रयोगों की सराहना की।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत के 75 किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ने में सूरत की सफलता पूरे देश के लिए एक मिसाल है।
प्राकृतिक कृषि (Natural Farming) क्या है?
इसे ‘रसायन मुक्त कृषि’ (Chemical-Free Farming) और ‘पशुधन आधारित कृषि’ (Livestock-based Farming) के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। कृषि-पारिस्थितिकी के मानकों पर आधारित यह एक विविध कृषि प्रणाली है, जिसमें फसलों, पेड़-पौधों तथा पशुधन ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 चीन ने यूरोपीय ब्रांडी पर डंपिंग रोधी शुल्क लगाया
- 2 राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) में 7 नई कृषि उपज शामिल
- 3 मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (MCXCCL)
- 4 IRDAI ने विनियामक उल्लंघनों की जांच हेतु समिति गठित की
- 5 एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL)
- 6 बैंकों को फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर के एकीकरण का निर्देश
- 7 ADEETIE योजनाः ऊर्जा-कुशल औद्योगिक भारत की दिशा में एक कदम
- 8 कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी
- 9 अनुसंधान, विकास एवं नवाचार योजना
- 10 MSME क्षेत्र