परमाणु अप्रसार संधि, परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, फिर भी भारत इस संधि के विरोध में है। स्पष्ट कीजिए?

उत्तरः परमाणु अप्रसार संधि 1968 में हस्ताक्षरित एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसमें अप्रसार, निरस्त्रीकरण और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग जैसे प्रमुख उद्देश्यों की परिकल्पना की गई है। हालांकि, भारत ने संरचनात्मक खामियों के कारण इस संधि के पक्ष में नहीं है।

परमाणु अप्रसार संधि की महत्वपूर्ण भूमिका

  • परमाणु प्रसार संधि ने कनाडा, जर्मनी आदि जैसे उन विकसित देशों में परमाणु हथियारों के प्रसार को रोका है, जो ऐसी विनाशकारी क्षमता विकसित करने में सक्षम थे।
  • संधि ने परमाणु प्रौद्योगिकी के दुरुपयोग से निपटने के लिए निर्दिष्ट नियमों और विनियमों का खाका प्रदान किया है।
  • इसने आक्रामक देशों के बीच परमाणु हथियारों ....

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