सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्र I-IV
इतिहास एवं संस्कृति (जीएस पेपर-1)
मुगलों की प्रशासनिक नीतियां: विशेषताएं और मुद्दे - (September 2023)
मुगल साम्राज्य की स्थापना भारत में 1526 में हुई थी तथा इनके द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप में एक मजबूत साम्राज्य का निर्माण हुआ। इसे अच्छी तरह से चलाने के लिए एक मजबूत प्रशासनिक व्यवस्था का भी निर्माण किया। इनके प्रशासनिक नीतियों के कारण भारत में अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण हुआ, जिसने
भूदान एवं ग्रामदान आंदोलन - (September 2023)
भूदान आंदोलन, एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था, जिसे 1951 में विनोबा भावे द्वारा प्रारंभ किया गया था। श्री भावे ने भूदान आंदोलन के माध्यम से धनी जमींदारों को अपनी भूमि का एक हिस्सा भूमिहीन किसानों को दान करने के लिये प्रेरित किया था। उनका यह विचार था कि भू-स्वामियों को गरीबों
ब्रिटिश शासन में गिरमिटिया मजदूर - (September 2023)
19वीं और 20वीं सदी के मध्य ब्रिटिश-भारत से 1.6 मिलियन से अधिक मजदूरों को एक अग्रीमेंट के तहत (अंगूठे का निशान लगवाकर) 19 ब्रिटिश उपनिवेशों में मुख्यतः वृक्षारोपण से संबंधित काम के लिए ले जाया गया, इन्हीं मजदूरों को ‘गिरमिटिया’ (girmitiyas) मजदूर कहते हैं। भारत से गिरमिटिया मजदूरों के प्रवासन की
भारतीय पुनर्जागरण: कारण और महत्व - (September 2023)
18वीं शताब्दी के अन्त तक भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें जम चुकी थीं। राजनीतिक सत्ता की स्थापना के साथ-साथ पाश्चात्य संस्कृति एवं विचारधारा भारतीय जनजीवन को प्रभावित करने लगी थी। राजा राममोहन राय, स्वामी विवेकानन्द आदि महापुरुषों ने धार्मिक और सामाजिक आन्दोलन चलाकर सोते हुए भारतीयों को जगाने का
ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय रियासतें - (September 2023)
प्र. ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में रियासतों की स्थिति का वर्णन करने के क्रम में ब्रिटिश सत्ता तथा भारतीय रियासतों के संबंधों का उल्लेख कीजिए।उत्तरः ब्रिटिश काल में 562 से अधिक रियासतें भारतीय भू-भाग के लगभग 7,12,508 वर्ग मील क्षेत्रफल पर विस्तृत थी। निम्नलिखित चरण ब्रिटिश सत्ता एवं रियासतों
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नरमपंथियों की भूमिका - (September 2023)
प्र. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नरमपंथियों द्वारा अपनाई गई विभिन्न विधियों का वर्णन करते हुए उनके योगदान की चर्चा करें। उत्तरः नरमपंथियों का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश साम्राज्य के भीतर स्वशासन प्राप्त करना था। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध उग्र नहीं, बल्कि मध्यम मार्ग अपनाया। नरमपंथियों द्वारा अपनाई गई विधियां नीतियों की आलोचनाः नरमपंथी
भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत - (September 2023)
भारतीय सभ्यता की वैज्ञानिक विरासत का इतिहास 5,000 वर्षों से भी अधिक पुराना है। प्राचीन भारतीयों ने दिल्ली लौह स्तंभ का निर्माण किया था, जिस पर 500 से अधिक वर्षों से जंग नहीं लगी है। ऐतिहासिक काल से ही भारतीय मनीषियों ने आयुर्वेदिक चिकित्सा, खगोल विज्ञान, भौतिकी, रसायन, कृषि सहित
भारत में सिक्का निर्माण प्रणाली का विकास - (September 2023)
भारत में सिक्कों के निर्माण करने वाले विश्व के प्रथम देशों में से एक है। यहां विभिन्न कालखंड में विभिन्न प्रकार के सिक्कों का निर्माण किया गया, जो ढलाई के तरीकों, विषयों, आकृतियों, धातुओं आदि में अत्यधिक विविधता से परिपूर्ण है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर कांस्य युग तक सिक्कों की
पारंपरिक चिकित्सा - (August 2023)
WHO पारंपरिक चिकित्सा को ‘ज्ञान, कौशल और प्रथाओं के एक ऐसे संयोग के रूप में वर्णित करता है, जिसका उपयोग विभिन्न संस्कृतियों में स्वास्थ्य को बनाए रखने तथा शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए किया जाता रहा है।’ पारंपरिक चिकित्सा के घटक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के दायरे
सांस्कृतिक पर्यटन की विकास में भूमिका - (August 2023)
वर्ष 2021 में अनुमानित 1.52 मिलियन विदेशी आगंतुकों के साथ, भारत दुनिया के शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है। पर्यटन के परिणामस्वरूप भारत के विदेशी मुद्रा राजस्व में इस वर्ष लगभग 8-8 बिलियन डॉलर की वृद्धि देखने को मिली। भारत की सांस्कृतिक विविधता, समृद्ध विरासत एवं स्मारकों की प्रचुरता
भारत में अमूर्त सांस्कृतिक विरासत - (August 2023)
यूनेस्को ने दुनिया भर में महत्वपूर्ण ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों’ की सुरक्षा तथा उनके महत्व के संदर्भ में जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से अपनी एक सूची स्थापित की है। इस सूची की स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी, जब 2003 का ‘अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा के लिए कन्वेंशन’
भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा - (August 2023)
यूनेस्को के अनुसार, अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage: ICH) में हमारे पूर्वजों से विरासत में मिली और हमारे वंशजों को हस्तांतरित परंपराओं अथवा जीवित अभिव्यक्तियों को शामिल किया जाता है। इसमें मौखिक परंपराएं, प्रदर्शन कलाएं, सामाजिक प्रथाएं, अनुष्ठान, उत्सव प्रथाएं, पारंपरिक शिल्प निर्माण संबंधी ज्ञान एवं कौशल तथा प्रकृति
भारत की भाषाई विविधता एवं एकता - (August 2023)
प्र. स्वतंत्रता के बाद भाषाई विविधता सामाजिक एवं राजनीतिक संघर्ष का एक स्रोत सिद्ध हुई, चर्चा कीजिए। क्या भाषाई राज्यों के गठन ने आज भारतीय एकता को सुदृढ़ किया है?उत्तरः स्वतंत्रता के बाद के भारत में भाषाई विविधता सामाजिक और राजनीतिक संघर्ष में योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण कारक रहा
द्रविड़ आंदोलन - (August 2023)
द्रविड़ आंदोलन की अवधारणा का मूल तमिलनाडु में चले ब्राह्मणवाद विरोधी आंदोलन में देखा जा सकता है, जहां वंचित वर्गों द्वारा सामाजिक समता और वृहत शक्ति एवं नियंत्रण की आरंभिक मांगें की गई थीं। समय के साथ, इससे एक अलगाववादी आंदोलन भी निकल कर सामने आया, जिसमें तमिल लोगों के
प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक मूल्य - (August 2023)
लोकतंत्र सरकार की एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें नागरिक प्रत्यक्ष रूप से अथवा एक शासी निकाय (जैसे संसद) के माध्यम से प्रतिनिधियों का चुनाव करके सत्ता का प्रयोग करते हैं। वर्तमान समय में, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी लोकतांत्रिक परंपराओं की जड़े लगभग 2,500 वर्ष पुरानी
ब्रिटिश आर्थिक नीति - (August 2023)
प्र. व्यापार पर वर्चस्व स्थापित करने से लेकर भू-राजस्व एकत्र करने तक की ब्रिटिश आर्थिक नीति के बीच एक स्पष्ट समय सीमा थी। स्पष्ट कीजिए।उत्तरः ब्रिटिश व्यापारी शुरू में व्यापारिक उद्देश्यों के लिए भारत आए थे, किंतु जैसे-जैसे ब्रिटेन की आर्थिक स्थिति तथा आर्थिक हितों में बदलाव आए, वैसे-वैसे भारत
भारतीय मार्शल आर्ट का इतिहास - (August 2023)
‘युद्ध लड़ने से संबंधित कला’ को मार्शल आर्ट के रूप में जाना जाता है। विभिन्न भारतीय मार्शल आर्ट की उत्पत्ति प्राचीन युद्ध कौशलों से हुई है। भारत में प्रचलित मार्शल आर्ट के प्रमुख रूपों में ‘थांग टा’ (मणिपुर), गतका (पंजाब), लाठी खेला (पश्चिम बंगाल), कलारीपयट्टू (केरल), मल्लखंब (मध्य प्रदेश), सिलंबम
वायकोम सत्याग्रह: कारण एवं प्रभाव - (August 2023)
वर्ष 2024 में वैकोम सत्याग्रह के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 1 अप्रैल, 2023 को केरल और तमिलनाडु की राज्य सरकारों द्वारा संयुक्त रूप से इसके शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया गया। 30 मार्च, 1924 को आरंभ हुआ वायकोम सत्याग्रह हिंदू समाज में अस्पृश्यता के खिलाफ त्रवणकोर (वर्तमान
भारत के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी: गुमनाम नायक - (August 2023)
जनजातीय नायकों ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आंदोलन किये। इन जनजातीय समुदायों में तामार, संथाल, खासी, भील, मिजो और कोल शामिल थे। सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, राष्ट्रीय गौरव, वीरता तथा आतिथ्य के भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में जनजातियों के प्रयासों को मान्यता देने
भूगोल (जीएस पेपर-1)
गहरे महासागर में अन्वेषण: महत्व और प्रमुख पहल - (September 2023)
गहरे महासागर की खोज भारत के आर्थिक विकास के साथ ही वैश्विक जलवायु परिवर्तन को रोकने के अनुकूल है। भारत इस क्षेत्र में एक दीर्घकालिक रणनीति के अनुरूप आगे बढ़ रहा है तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं समर्थन के आधार पर आगे बढ़ रहा है। भारत को अंतरराष्ट्रीय समुद्री प्राधिकरण (International Seabed
भारत में बड़े बांधः मुद्दे एवं बांध सुरक्षा हेतु कदम - (September 2023)
प्र. भारत में बड़े बांधों के महत्व का वर्णन करते हुए इनसे जुड़ी समस्याओं पर प्रकाश डालें। देश में बांध सुरक्षा हेतु किए गए प्रयासों की चर्चा करें?उत्तरः बड़े बांधों के राष्ट्रीय रजिस्टर-2019 के अनुसार भारत में लगभग 4,407 बांध हैं, इनमें से लगभग 234 बड़े बांध 100 वर्षों से
भू-धंसाव एवं इसके कारण - (September 2023)
हाल के समय में, मानसून के कारण होने वाली वर्षा के पश्चात देश के उत्तरी हिमालय उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव (Land Subsidence) की परिघटना दर्ज की गई है। ध्यान रहे कि पूर्व में जोशीमठ को भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र (land subsidence zone) घोषित किया जा चुका है तथा यहां रहने वाले
भूमि निम्नीकरण: कारण एवं प्रभाव - (September 2023)
भूमि निम्नीकरण से तात्पर्य भौतिक, रासायनिक या जैविक कारकों के कारण भूमि की उत्पादकता के अस्थायी (Temporary) या स्थायी अधःपतन (Permanent Degeneration) होने से है। भूमि निम्नीकरण मानवीय एवं प्राकृतिक दोनों कारणों से होता है। देश का लगभग 30 प्रतिशत भौगोलिक क्षेत्र भूमि निम्नीकरण से प्रभावित है तथा 97.85 मिलियन
जलवायु परिवर्तन प्रेरित प्राकृतिक आपदाएं - (August 2023)
कोविड-19 महामारी के पश्चात भारत में जलवायु परिवर्तन प्रेरित प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता में वृद्धि देखने को मिली है। वर्ष 2022 में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और नई दिल्ली में लू का प्रकोप; वर्ष 2021 में दक्षिण भारत में मूसलाधार बारिश; 2020 में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में आया सुपर
भारत में मृदा के प्रमुख प्रकार - (August 2023)
मृदा को सूक्ष्म चट्टान कणों/मलबे और कार्बनिक पदार्थों/ह्यूमस के मिश्रण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिससे पृथ्वी की ऊपरी परत का निर्माण होता हैः भारतीय मृदाओं का वर्गीकरण भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने देश की मृदाओं को 8 श्रेणियों में वर्गीकृत किया है। जलोढ़ मृदा (Aluvial Soil): यह भारत
भारतीय मानसून का सांस्कृतिक महत्व - (August 2023)
प्र. ‘भारत के लोगों की परंपराओं और प्रथाओं में भारतीय मानसून का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है।’ इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों के साथ व्याख्या कीजिए।उत्तरः भारतीय मानसून का भारतीय लोगों की परंपराओं और प्रथाओं में बड़ा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। इसके महत्व के कुछ प्रमुख पहलू इस प्रकार
तटीय पारिस्थितिक तंत्र में मैंग्रोव का महत्व - (August 2023)
प्र. ‘समुद्र तट पर मैंग्रोव, चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान जीवन एवं संपत्ति की सुरक्षा करते हैं तथा एक जैव विविधता हॉटस्पॉट हैं।’ इस संदर्भ में तटीय पारिस्थितिक तंत्र में मैंग्रोव के महत्व की व्याख्या कीजिए तथा उनके ह्रास के कारणों का परीक्षण कीजिए।उत्तरः मैंग्रोव विश्व के उष्ण कटिबंधीय
भूस्खलन: कारण एवं बचाव - (August 2023)
भूस्खलन को सामान्य रूप से शैल, मलबा या ढाल से गिरने वाली मृदा के बृहत संचलन (Mass Movement) के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह एक प्रकार का वृहद पैमाने पर होने वाला अपक्षय है, इसमें गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव में मृदा एवं चट्टानी पदार्थ ढाल के सहारे नीचे की
काराकोरम विसंगति - (August 2023)
‘काराकोरम विसंगति’ (Karakoram Anomaly) को हिमालय की अन्य निकटवर्ती पर्वत श्रृंखलाओं और दुनिया की अन्य पहाड़ी श्रृंखलाओं में हिमनदों के पिघलने अथवा पीछे हटने के विपरीत केंद्रीय काराकोरम में ग्लेशियरों की स्थिरता या असंगत वृद्धि के रूप में जाना जाता है। पिछले कुछ दशकों में मध्य काराकोरम के ग्लेशियर आश्चर्यजनक रूप
भारतीय समाज (जीएस पेपर-1)
शहरीकरण एवं महिलाएं - (September 2023)
प्र. वर्तमान शहरीकरण महिलाओं के लिए दो-धारी तलवार के समान है। शहरों में महिलाओं के समक्ष व्याप्त चुनौतियों की चर्चा करते हुए उन्हें दूर करने के उपायों का वर्णन कीजिए?उत्तर: शहरी केंद्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि वर्ष 2050 तक विश्व
आधुनिक भारतीय समाज की परिवर्तनशील गत्यात्मकता - (September 2023)
सामाजिक परिवर्तन प्रत्येक समाज की एक आवश्यक विशेषता मानी जाती है। आधुनिक भारतीय समाज विश्व के साथ कहीं अधिक गहराई से जुड़ा हुआ है तथा वैश्वीकरण के कारण देश की सामाजिक संरचनाओं और संस्थाओं में व्यापक परिवर्तन दर्ज किया गया है। विश्व के किसी भी कोने में होने वाले परिवर्तन
बलात् विस्थापन: कारण एवं समाधान - (September 2023)
बलात् विस्थापन के तहत् लोग मजबूरी वश अपने मूल स्थान से किसी दूसरे स्थान पर शरण लेने को विवश होते हैं। इस प्रकार विस्थापन के लिए मजबूर आबादी को दूसरे स्थान पर अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अलग-अलग प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। शरणार्थियों की सबसे
धर्मांतरण एवं भारतीय समाज - (September 2023)
धर्मांतरण का तात्पर्य किसी एक धार्मिक संप्रदाय को छोड़कर किसी अन्य धार्मिक संप्रदाय के विश्वासों को अपनाना या इससे जुड़ना है। धर्मांतरण धार्मिक पहचान के परिवर्तन और विशेष अनुष्ठानों के परिवर्तन का प्रतीक होता है। भारतीय समाज को सदियों से राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक स्तर पर धर्म द्वारा आकार दिया गया
समान नागरिक संहिता: आवश्यकता एवं व्यवहार्यता - (September 2023)
हाल ही में भारत के 22वें विधि आयोग द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) के संबंध में देश की आम जनता एवं मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से सुझाव आमंत्रित किये गए। अवगत करा दें कि पूर्ववर्ती 21वें विधि आयोग द्वारा इस विषय की समीक्षा की गई थी तथा अगस्त 2018 में जारी
ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को पुनर्जीवित करना - (August 2023)
ओलंपिक में भारत की हालिया सफलता एक सराहनीय उपलब्धि है। इस सफलता में कई एथलीट ग्रामीण भारत से हैं। इनमें से कई खेलों की जड़ें प्राचीन भारतीय खेल परंपरा में पाई जाती हैं। हाल के दिनों में, भारत सरकार और राज्य सरकारों ने पेशेवर खेलों के लिए एथलीटों को तैयार
भारत में सहकारिता का महत्व - (August 2023)
भारत में सहकारिता ऐसी अवधारणा है, जो स्व-सहायता, पारस्परिक सहायता और लोकतांत्रिक नियंत्रण के सिद्धांतों पर काम करती है। सहकारी संगठन संबंधित राज्यों के सहकारी सोसायटी अधिनियम द्वारा शासित होते हैं और सहकारी समिति अधिनियम, 1912 या नए सहकारी समिति अधिनियम, 2002 के तहत पंजीकृत होते हैं। सहकारिता का महत्व ग्रामीण विकासः
शिक्षा व आर्थिक आधुनिकीकरण: सामाजिक परिवर्तन में भूमिका - (August 2023)
प्र. ‘पिछले दशकों में शिक्षा तथा आर्थिक आधुनिकीकरण ने भारतीय समाज में सामाजिक परिवर्तन की दिशा को बदल दिया है।’ चर्चा कीजिए।उत्तरः सामाजिक परिवर्तन को मानदंडों तथा मूल्यों सहित व्यवहार प्रारूप एवं संस्कृति में समय के साथ एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया गया है। शिक्षा सामाजिक परिवर्तन
शहरीकरण के सामाजिक परिणाम - (August 2023)
शहरीकरण शहरों और कस्बों में रहने वाले लोगों के अनुपात में वृद्धि है। शहरीकरण इसलिए होता है, क्योंकि लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों (कस्बों और शहरों) की ओर प्रवास करते हैं। शहरीकरण की प्रक्रिया तब होती है, जब कोई देश विकसित हो रहा होता है। शहरीकरण के सामाजिक परिणाम जटिल
भारत में अल्पसंख्यक: चुनौतियां और सुरक्षा उपाय - (August 2023)
भारत विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों और नृजातीयता के साथ विविधतापूर्ण देश है। यह मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ-साथ भाषाई एवं नृजातीय अल्पसंख्यकों का घर है। यद्यपि भारत का संविधान अल्पसंख्यकों सहित अपने सभी नागरिकों को समान अधिकार की गारंटी देता है, लेकिन चुनौतियां और
राष्ट्रवाद बनाम क्षेत्रवाद - (August 2023)
राष्ट्रवाद और क्षेत्रवाद दो अवधारणाएं हैं, जो अक्सर भारत के संदर्भ में एक-दूसरे को प्रभावित करती हैं। जहां राष्ट्रवाद पूरे राष्ट्र की एकता और पहचान पर जोर देता है, वहीं क्षेत्रवाद देश के भीतर विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्ट सांस्कृतिक, भाषाई और भौगोलिक पहचान पर ध्यान केंद्रित करता है। भिन्नता के बिंदु जबकि
शासन एवं राजव्यवस्था (जीएस पेपर-2)
भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार - (August 2023)
प्र. भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूर्ण रूप से सुधार की आवश्यकता है। इस संबंध में मलिमथ समिति की अनुशंसाओं पर चर्चा कीजिए।उत्तरः भारत में आपराधिक न्याय प्रणाली एक सदियों पुरानी प्रणाली है, जो मुख्य रूप से दंडात्मक कानूनी प्रणाली पर आधारित है, जिसे भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा
राष्ट्रीय डेटा शासन नीतिः मुद्दे और लाभ - (August 2023)
राष्ट्रीय डेटा शासन नीति एक नीति दस्तावेज है, जिसे मई 2022 में भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा जारी किया गया था। राष्ट्रीय डेटा शासन नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं के गैर-व्यक्तिगत डेटा और अनामीकृत डेटा अनुसंधान और नवाचार
एक राष्ट्र एक चुनाव - (August 2023)
प्र. केंद्र एवं राज्यों में चुनावों के एक ही समय पर होने से राजव्यवस्था को नीतिगत मामलों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। चर्चा कीजिए।उत्तरः वर्तमान में, भारत में चुनावों का एक निरंतर चक्र चलता है, जिसमें प्रत्येक कुछ महीनों में लोकसभा या विधानसभा के चुनाव होते हैं। इसका
राज्यपाल और वास्तविक संघवाद की मांग - (August 2023)
भारत की संघीय व्यवस्था में राज्यपाल की भूमिका चर्चा का विषय रही है। कुछ लोगों का तर्क है कि राज्यपाल का पद पूरी तरह औपचारिक होना चाहिए, जबकि अन्य का मानना है कि यह सुनिश्चित करने में उनकी अधिक सक्रिय भूमिका होनी चाहिए कि राज्य सरकार संविधान के अनुसार कार्य
भारतीय और ब्रिटिश संसदीय प्रणाली - (August 2023)
प्र. ‘‘यद्यपि भारतीय संसदीय प्रणाली वेस्टमिंस्टर मॉडल पर आधारित है, किंतु भारतीय और ब्रिटिश संसद के बीच कई उल्लेखनीय भिन्नताएं हैं।’’ स्पष्ट कीजिए।उत्तरः ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंध के कारण भारतीय संसद प्रणाली और ब्रिटिश संसद प्रणाली में कई समानताएं हैं। द्विसदनीय संसद, प्रधानमंत्री की भूमिका,
भारत में नदी जल विवादः समस्याएं और समाधान - (August 2023)
हाल ही में ओडिशा ने छत्तीसगढ़ पर गैर-मानसून सीजन में महानदी नदी में पानी छोड़कर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अंतर-राज्य नदी जल विवाद अधिनियम 1956 के तहत जल शक्ति मंत्रालय से शिकायत की है। कई राज्यों से होकर बहने वाली नदियों के विशाल नेटवर्क
कार्यकारी विधायी शक्ति और इसकी प्रासंगिकता - (August 2023)
केंद्रीय कार्यपालिका हमारे लोकतांत्रिक देश का सबसे मजबूत स्तंभ है। हालांकि, भारतीय संविधान में शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा के अनुसार, केंद्रीय कार्यपालिका को विधायिका से पृथक किया गया है, किंतु ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनमें कार्यपालिका विधायिका के क्षेत्र में कुछ अनिवार्य भूमिकाएं निभाती है। विधायी प्रक्रिया में कार्यपालिका की
भारत में न्यायिक अवसंरचना - (August 2023)
न्यायालयों, न्यायाधिकरणों, अधिवक्ता कार्यालयों और अन्य न्यायिक सुविधाओं के भौतिक स्थानों तथा त्वरित न्याय वितरण को सक्षम करने के लिए आवश्यक सभी उपकरणों की पहुंच सहित मानव और डिजिटल संसाधनों को संयुक्त रूप से न्यायिक अवसंरचना कहते हैं। न्यायिक अवसंरचना का महत्व बेहतर उत्पादकताः बेहतर कार्यशील न्यायिक अवसंरचना और न्याय प्रशासन में
प्रत्यायोजित विधान: संवैधानिक वैधता एवं मुद्दे - (August 2023)
प्रत्यायोजित विधान उन कानूनों या विनियमों को संदर्भित करता है, जो प्राथमिक विधायी निकाय, जैसे संसद के अलावा किसी निकाय या प्राधिकरण द्वारा बनाए जाते हैं। इसमें विधायी शक्तियों का केंद्रीय विधायी निकाय से दूसरी इकाई, आमतौर पर एक मंत्रालय, अधिकरण, या प्रशासनिक निकाय को हस्तांतरण शामिल है। प्रत्यायोजित विधान में
अंतरराष्ट्रीय संबंध (जीएस पेपर-2)
समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा (IPEF) तथा भारत - (September 2023)
इंडो-पेसिफिक इकोनामिक फ्रेमवर्क फॉर प्रोस्पेरिटी (IPEF) अमेरिका के नेतृत्व वाला एक आर्थिक समूह है। इसमें भारत सहित 14 साझेदार देश शामिल हैं। ये देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 40% और वैश्विक वस्तुओं एवं सेवाओं के व्यापार के 28% का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसे 23 मई, 2022 को संयुक्त राज्य
भारत-अमेरिका अंतरिक्ष सहयोग - (September 2023)
प्र. भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष सहयोग के क्षेत्र में आगे बढ़ने पर सहमति व्यक्त की है। दोनों देशों के मध्य अंतरिक्ष सहयोग के मार्ग में सीमितकारी कारकों की चर्चा करते हुए समाधान के उपाय बताएं।उत्तरः भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी पर पहल’ के तहत
नाटो: प्रमुख चुनौतियां तथा भारत का दृष्टिकोण - (September 2023)
11-12 जुलाई, 2023 को लिथुआनिया की राजधानी ‘विनियस’ में नाटो शिखर सम्मेलन-2023 का आयोजन किया गया। अप्रैल 2023 में गठबंधन में शामिल होने के बाद फिनलैंड का यह पहला नाटो शिखर सम्मेलन था। हाल ही में एक अमेरिकी सीनेटर तथा नाटो में अमेरिका के राजदूत ‘जूलियन स्मिथ’ द्वारा भारत को नाटो
परमाणु अप्रसार संधि एवं भारत - (September 2023)
प्र. परमाणु अप्रसार संधि, परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, फिर भी भारत इस संधि के विरोध में है। स्पष्ट कीजिए?उत्तरः परमाणु अप्रसार संधि 1968 में हस्ताक्षरित एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसमें अप्रसार, निरस्त्रीकरण और परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग जैसे प्रमुख उद्देश्यों की
क्वाड समूह: महत्व एवं चुनौतियां - (September 2023)
चतुर्भुज सुरक्षा संवाद अर्थात क्वाड (QUAD) भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच (Informal Strategic Dialogue Forum) है। यह ‘मुक्त, खुले और समृद्ध’ (Free, Open and Prosperous) हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने और उसके समर्थन के लिये इन देशों को एक साथ लाता है। चीन इस चतुष्पक्षीय गठबंधन को
बिम्सटेक एवं भारत - (September 2023)
प्र. बिम्सटेक दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। बिम्सटेक के एकीकरण की प्रमुख बाधाओं का उल्लेख कीजिए? उत्तरः पिछले कुछ वर्षों में एक क्षेत्रीय संगठन के रूप में बिम्सटेक ने आतंकवाद विरोधी, साइबर सुरक्षा, तटीय सुरक्षा सहयोग सहित मानवीय सहायता एवं आपदा
भारत-रूस संबंध: चुनौतियां एवं महत्व - (September 2023)
रूस, भारत के लिए एक पुराना और समय की कसौटी पर परखा हुआ साझेदार रहा है तथा दोनों देशों के बीच संबंधों का विकास भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ रहा है। अक्टूबर 2000 में ‘भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी घोषणा-पत्र’ पर हस्ताक्षर करने के बाद से, भारत-रूस संबंधों ने लगभग
रूस-यूक्रेन युद्ध: कारण, वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की राह - (September 2023)
रूस-यूक्रेन संघर्ष फरवरी 2014 में रूसी सैनिकों द्वारा यूक्रेनी स्वायत्त गणराज्य ‘क्रीमिया’ पर गुप्त आक्रमण के साथ शुरू हुआ था, जो अगले 8 वर्षों में कमोबेश जारी रहा। 24 फरवरी, 2022 को रूस ने यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत कर दी। युद्ध के शुरुआती दिनों में रूसी सेना
एससीओ एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर - (August 2023)
भारत, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का वर्तमान अध्यक्ष है। इसने 16 सितंबर, 2022 को एक वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता ग्रहण की। भारत की अध्यक्षता में 4 जुलाई, 2023 को शंघाई सहयोग संगठन का 23वां शिखर सम्मेलन (Meeting of SCO Council of Heads of State) वर्चुअल प्रारूप में आयोजित किया
मध्य एशिया में भारत की महत्वाकांक्षाएं एवं चुनौतियां - (August 2023)
कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान आधुनिक मध्य एशिया बनाते हैं। वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद सभी पांच देश स्वतंत्र हुए थे। मध्य एशिया, पश्चिम में कैस्पियन सागर से लेकर पूर्व में पश्चिमी चीन और मंगोलिया तक तथा दक्षिण में अफगानिस्तान और ईरान से लेकर उत्तर में
भारत-चीन सीमा विवाद - (August 2023)
दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के ऊपरी भाग में स्थित यांग्त्सी क्षेत्र (Yangtse Region) में भारत तथा चीन के मध्य सैनिक झड़प देखने को मिली थी। यह जून 2020 में पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में दोनों देशों के मध्य आपसी संघर्ष के पश्चात दूसरी सबसे
बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार - (August 2023)
बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार (Reform in Multi-Lateral Institutions) एक तत्काल अनिवार्यता है तथा इन बहुपक्षीय संस्थानों को 21वीं सदी की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करते हुए विकासशील विश्व की चिंताओं को आवाज देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वर्तमान में भारत अपनी जी-20 की अध्यक्षता के तहत संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन,
वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का लचीलापन - (August 2023)
वर्ष 2020-21 में कोरोना महामारी के कारण उपजे आपूर्ति श्रृंखला संबंधी संकट ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान और भी व्यापक रूप ले लिया। इन व्यवधानों ने वैश्विक आपूर्तिश्रृंखला प्रबंधन की कमियों को तो उजागर किया ही, साथ ही इसके प्रबंधन में बेहतर लचीलेपन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। वर्तमान समय
भारतीय डायस्पोरा का भारत के विकास में योगदान - (August 2023)
भारतीय डायस्पोरा, वर्ष 2010 के बाद से ही विश्व का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय तथा भारत के लिए एक अमूल्य संसाधन है। भारतीय डायस्पोरा शब्द सामूहिक रूप से अनिवासी भारतीयों (NRI), भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIO) तथा विदेश में स्थित भारतीय नागरिकों (OCI) को संदर्भित करता है। वर्ष 2015 में भारत सरकार
हिंद-प्रशांत क्षेत्र एवं भारत: रणनीतिक दृष्टिकोण एवं जुड़ाव - (August 2023)
21वीं सदी में हिंद-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक राजनीति के स्वरूप को आकार दे रहा है। यह वह क्षेत्र है, जहां विश्व की महान शक्तियों, विशेषकर संयुक्त राज्य अमेरिका तथा चीन के बीच प्रतिस्पर्द्धा जारी है। इस क्षेत्र में चीन की संदिग्ध नीतियों और आक्रामक विस्तारवादी प्रवृत्तियों के चलते हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़े
भारत की G-20 अध्यक्षता एवं वैश्विक दक्षिण का नेतृत्व - (August 2023)
प्र. भारत द्वारा G-20 की अध्यक्षता इसे वैश्विक दक्षिण के देशों के विचारों और आकांक्षाओं को साझा करने का अवसर प्रदान करती है। इस संबंध में ग्लोबल साउथ के साथ संलग्नता में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।उत्तरः हाल ही में भारत ने विशिष्ट आभासी ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर
वैश्विक दक्षिण एवं भारत - (August 2023)
12-13 जनवरी, 2023 के मध्य वर्चुअल माध्यम से ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ सम्मेलन 2023’ का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक दक्षिण के देशों को अपने दृष्टिकोण और प्राथमिकताओं को साझा करने हेतु एक साथ एक मंच पर लाना था। ग्लोबल साउथ क्या है? वैश्विक दक्षिण या ग्लोबल साउथ नामक शब्द का
जी20 की अध्यक्षता तथा भारत: अवसर एवं चुनौतियां - (August 2023)
भारत 1 दिसंबर, 2022 से 30 नवंबर, 2023 तक एक वर्ष के लिए ळ20 समूह की अध्यक्षता कर रहा है। अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान देश भर में 200 से अधिक ळ20 बैठकों का आयोजन किया जाना है, जिनमें 100 से अधिक बैठकें आयोजित हो चुकी हैं। अनेक वैश्विक चुनौतियों के मध्य
सामाजिक मुद्दे एवं न्याय (जीएस पेपर-2)
शहरी गरीबी: उपशमन की आवश्यकता - (September 2023)
शहरी गरीबी उस स्थिति को संदर्भित करती है, जहां शहरी क्षेत्रों में व्यक्ति या परिवार महत्वपूर्ण अभाव का अनुभव करते हैं; जहां सभ्य जीवन स्तर के लिए बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच की कमी होती है। यह विश्व भर के शहरों और कस्बों में प्रचलित एक सामाजिक और आर्थिक मुद्दा है। शहरी
भारत में लैंगिक असमानता - (September 2023)
भारत में लिंग-भेद का तात्पर्य सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षिक अवसरों सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में पुरुषों और महिलाओं के बीच असमानता से है। हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, देश में लैंगिक असमानता एक प्रचलित मुद्दा बनी हुई है, जो लाखों महिलाओं के जीवन को प्रभावित
भारत में मूलभूत साक्षरता - (September 2023)
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने भारत में मूलभूत साक्षरता (Foundational Literacy) और संख्यात्मकता (Numeracy) की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की। इंस्टीटड्ढूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट एक बच्चे के समग्र विकास में प्रारंभिक शिक्षा के वर्षों के महत्व पर प्रकाश डालती
शिक्षा में आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस - (September 2023)
प्र. शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का क्या अर्थ है? इस क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोगों का वर्णन करें और भारत के शिक्षण क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लागू करने के मार्ग में चुनौतियों की पहचान करें।उत्तरः शिक्षा के क्षेत्र में इंटेलिजेंट टड्ढूटर सिस्टम, स्मार्ट क्लासरूम प्रौद्योगिकियां, अनुकूली शिक्षण
भारत में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल - (September 2023)
मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017, ‘मानसिक बीमारी’ को ‘विचार, मनोदशा, धारणा, अभिविन्यास या स्मृति का एक बड़ा विकार’ के रूप में परिभाषित करता है, जो जीवन की सामान्य मांगों, शराब और नशीली दवाओं के दुरुपयोग से जुड़ी मानसिक स्थितियों को पूरा करने के लिए निर्णय या क्षमता को खराब कर
भारत में बाल कुपोषण - (September 2023)
भारत में बाल कुपोषण एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है। इसे संबोधित करने के विभिन्न प्रयासों के बावजूद यह एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है। कुपोषण उस स्थिति को संदर्भित करता है, जहां बच्चों को उनकी वृद्धि और विकास के लिए पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, जिससे विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं
विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह - (September 2023)
प्र. ‘विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों’ (PVTGs) के निर्धारण के लिए किन मानदंडों का उपयोग किया जाता है? इन जनजातीय समूहों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं का वर्णन करते हुए मुद्दों के समाधान हेतु सरकार द्वारा उठाए गए उपायों का उल्लेख करें। उत्तरः ढेबर आयोग (1973) द्वारा सामाजिक-आर्थिक रूप
भारत में ट्रांसजेंडर अधिकार - (September 2023)
भारत में ट्रांसजेंडर अधिकार, हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण कानूनी और सामाजिक परिवर्तनों का विषय रहे हैं। हालांकि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को पहचानने और उनकी सुरक्षा करने में प्रगति हुई है, लेकिन चुनौतियां और भेदभाव अभी भी कायम हैं। भारत में ट्रांसजेंडर अधिकारों के संबंध में कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित
अपरिपक्व जन्म: वर्तमान स्थिति एवं प्रयास - (September 2023)
समय से पहले जन्म (Pre-term Birth), भारत में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है। यह गर्भधारण के 37 सप्ताह पूरे होने से पहले बच्चे के जन्म को संदर्भित करता है। समय से पहले जन्म नवजात शिशु के लिए विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का कारण बन सकता है। क्योंकि वे चिकित्सकीय हस्तक्षेप
भारत में बाल यौन अपराध: संबंधित मुद्दे तथा उपाय - (September 2023)
हाल ही में एक याचिका पर सुनवाई करते समय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष आपराधिक न्याय प्रक्रिया संहिता (CrPC) तथा यौन अपराधों से संरक्षण से संबंधित पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के मध्य विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हुई। इससे यह मुद्दा निकल कर सामने आया है कि क्या आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 155
स्थानीय से वैश्विकः जनजातीय उत्पादों का प्रोत्साहन - (August 2023)
जनजातीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से लघु वन उत्पादों के संग्रह और प्रसंस्करण एवं घरेलू उपभोग के उद्देश्य से कृषि पर केंद्रित है। जनजातीय अर्थव्यवस्थाओं में जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए संगठित बाजारों के साथ-साथ वित्तीय संस्थानों का भी अभाव है। चुनौतियां जनजातियां अक्सर उपभोक्ता की प्राथमिकताओं से अनभिज्ञ होती हैं
सहकारिता में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी - (August 2023)
सहकारी समितियों में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी समावेशी और धारणीय अर्थव्यवस्था के निर्माण का एक अनिवार्य पहलू है। सहकारी समितियां सदस्य-स्वामित्व वाली और सदस्य-संचालित संस्थाएं हैं, जिनका लक्ष्य आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हुए अपने सदस्यों की जरूरतों को पूरा करना है। सहकारिता में महिलाओं और युवाओं की
सहकारी समितियों का ग्रामीण विकास में महत्व - (August 2023)
प्र. भारत की सहकारी समितियों की विशेषताओं और ग्रामीण विकास में इनके महत्व को उदाहरण सहित समझाइए।उत्तरः भारत में सहकारी समितियों की कुछ प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं: भारत में सहकारी समितियों का गठन स्वैच्छिक आधार पर किया जाता है, सदस्य स्वेच्छा से सहकारिता में भाग लेते हैं और निर्णय
ग्रामीण स्वच्छता कवरेज - (August 2023)
स्वच्छ भारत अभियान के तहत, सरकार ने शौचालय निर्माण और उपयोग को बढ़ावा देने, स्वच्छता और स्वच्छता प्रथाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित और टिकाऊ स्वच्छता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम एवं अभियान लागू किए हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) ने ग्रामीण भारत
भारत में निवारक स्वास्थ्य देखभाल - (August 2023)
वर्तमान समय में निवारक स्वास्थ्य देखभाल, स्वास्थ्य सेवा के महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। निवारक स्वास्थ्य सेवाओं के कारण प्रारंभिक अवस्था में ही किसी बीमारी का निदान प्राप्त हो सकता है तथा एक व्यक्ति एवं उसके परिवार को गंभीर शारीरिक, भावनात्मक और वित्तीय कठिनाइयों से सुरक्षा मिल सकती
सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमीकरण - (August 2023)
सार्वजनिक वितरण प्रणाली भारत में सरकार द्वारा संचालित खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम है, जो गरीबों और कमजोर लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराता है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमीकरण सभी नागरिकों को सस्ती कीमतों पर खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने की प्रक्रिया है। सार्वभौमीकरण के मुख्य पहलू सार्वभौमीकरण के पक्ष
भारत में गर्भपात कानून - (August 2023)
हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक अविवाहित महिला को 24 सप्ताह में अपनी गर्भावस्था समाप्त करने की अनुमति दी, जबकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए इसकी अनुमति नहीं दी थी। भारत में गर्भपात की कानूनी स्थिति 1960 के दशक
स्वयं सहायता समूह: भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में भूमिका - (August 2023)
स्वयं सहायता समूह लोगों के अनौपचारिक समूह हैं, जो धन की वचत करने, एक-दूसरे को ऋण प्रदान करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं। वे आम तौर पर ऐसे लोगों द्वारा गठित होते हैं, जिनके समान हित या समस्याएं होती हैं, जैसे गरीबी, बेरोजगारी
प्रारं भिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा - (August 2023)
जीवन के पहले छः वर्ष मानव जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष हैं; क्योंकि इन वर्षों में मस्तिष्क विकास की दर किसी भी अन्य चरण की तुलना में अधिक तीव्र होती है। प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा का लक्ष्य एक मजबूत, व्यापक आधार के लिए बच्चे की भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक जरूरतों को
मातृ एवं नवजात देखभाल - (August 2023)
मातृ स्वास्थ्य का तात्पर्य गर्भावस्था, प्रसव और प्रसवोत्तर अवधि के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य से है, जबकि प्रसवकालीन स्वास्थ्य का तात्पर्य गर्भधारण के 22वें सप्ताह से लेकर जन्म के 7वें दिन तक के स्वास्थ्य से है। नवजात शिशु का स्वास्थ्य बच्चों के जीवन का पहला महीना होता है। मातृ एवं नवजात
लैंगिक संवेदनशीलता - (August 2023)
लैंगिक संवेदनशीलता का तात्पर्य लिंग-संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता और समझ तथा संवेदनशीलता एवं सम्मान के साथ उनसे निपटने की क्षमता से है। लैंगिक संवेदनशीलता के तत्व लैंगिक रूढ़िवादिता को पहचानना और उसका प्रतिकार करना। उन विभिन्न तरीकों से अवगत होना, जिनसे लैंगिक मुद्दे अन्य कारकों, जैसे नस्ल, वर्ग पहचान के साथ
भारतीय अर्थव्यवस्था (जीएस पेपर-3)
शहरी सहकारी बैंकः महत्व और चुनौतियां - (September 2023)
शहरी सहकारी बैंक (UCB) वित्तीय संस्थान हैं, जो भारत में शहरी और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में संचालित होते हैं। UCB सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं तथा अपने सदस्यों के स्वामित्व और संचालन वाली सहकारी संस्थाओं के रूप में कार्य करते हैं। मुख्य रूप से छोटे उद्यमियों, व्यवसायों, उद्योगों और
वि-वैश्वीकरण और भारतः कारक और प्रभाव - (September 2023)
वि-वैश्वीकरण दुनिया भर के देशों के मध्य परस्पर निर्भरता और एकीकरण को कम करने की प्रक्रिया है। देशों के बीच आर्थिक व्यापार और निवेश में गिरावट इसकी विशेषता है। यह गिरावट अर्थव्यवस्थाओं के मध्य कम एकीकृत होने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। वि-वैश्वीकरण: कारक एशिया का उदय: भारत, चीन और जापान जैसे
धारणीय पर्यटन - (September 2023)
प्र. धारणीय पर्यटन से आप क्या समझते हैं? पर्यटन एवं पर्यावरण के मध्य संबंधों को परिभाषित करते हुए धारणीय पर्यटन को प्राप्त करने के उपायों की चर्चा कीजिए। भारत में धारणीय पर्यटन को प्राप्त करने के लिए किए गए सरकारी प्रयासों का वर्णन करें? उत्तरः धारणीय पर्यटन का अर्थ अपने वर्तमान
महत्वपूर्ण खनिज: भारत के लिए महत्व एवं चुनौतियां - (September 2023)
भारत सरकार ने हाल ही में अपनी पहली महत्वपूर्ण खनिज सूची जारी करके अपनी रणनीतिक संसाधन सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सूची में 30 प्रमुख खनिज शामिल हैं, जो भारत की आर्थिक वृद्धि, तकनीकी विकास और नेट-शून्य कार्बन भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। इस कदम का उद्देश्य
भारतीय डिस्कॉमः चुनौतियां और सुझाव - (September 2023)
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण बिजली क्षेत्र में शामिल तीन मुख्य प्रक्रियाएं हैं। बिजली का वितरण, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) द्वारा किया जाता है, जो बिजली उत्पादकों को घरों से जोड़ती है। भारतीय संविधान के 7वीं अनुसूची तहत, बिजली एक समवर्ती विषय है तथा उपभोक्ताओं को बिजली के वितरण और आपूर्ति की
भारतीय जहाजरानी उद्योग - (September 2023)
7,516 किलोमीटर की तटरेखा के साथ, भारत दुनिया के शिपिंग मार्गों पर आदर्श स्थिति में है। समुद्री परिवहन भारत का लगभग 70% व्यापार संभालता है। भारत में 12 प्रमुख और 200$ गैर-प्रमुख बंदरगाहों के साथ एक महत्वपूर्ण आकार का समुद्री क्षेत्र शामिल है। पूर्वी एशिया, अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका के बीच
भारत में बीमा क्षेत्रः चुनौतियां एवं अवसर - (September 2023)
भारत दुनिया के उभरते बीमा बाजारों में पांचवां सबसे बड़ा जीवन बीमा बाजार है, जो हर साल 32.34% की दर से बढ़ रहा है। उद्योग में स्वचालित पद्धति के तहत 26% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है और उद्योग की लाइसेंसिंग की निगरानी बीमा नियामक, भारतीय बीमा नियामक और
भारत में नवाचार: चुनौतियां एवं अवसर - (September 2023)
भारत वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इस स्थिति को हासिल करने में नवाचार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत ने नवाचार को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में सही ढंग से पहचाना है तथा यह दुनिया भर में अपने अभिनव पदचिह्न को और
भारत में व्यापक स्तर पर दवा का निर्माण - (September 2023)
केंद्र सरकार ने घरेलू दवा उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने के लिए देश में तीन बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (API) को बल्क ड्रग्स कहा जाता है। ये किसी औषधि या चिकित्सा-पद्धति के मुख्य तत्व हैं। चिकित्सीय प्रभाव या इच्छित औषधीय गतिविधि
भारत में तम्बाकू की कृषि - (September 2023)
तम्बाकू विश्व में आर्थिक रूप से सबसे अधिक महत्वपूर्ण कृषि फसलों में से एक है। यह एक सूखा प्रतिरोधी और कम अवधि की फसल है, जिसे ऐसी मिट्टी पर उगाया जा सकता है, जहां अन्य फसलों की खेती लाभप्रद रूप से नहीं की जा सकती है। भारत तम्बाकू के प्रमुख
रक्षा क्षेत्र का स्वदेशीकरण - (September 2023)
प्र. भारत में रक्षा क्षेत्र के स्वदेशीकरण के वर्तमान परिप्रेक्ष्य का वर्णन करते हुए बताएं कि इसके मार्ग में कौन-कौन सी चुनौतियां व्याप्त हैं? इस दिशा में उठाए गए सरकारी प्रयासों का विवेचन भी करें। उत्तरः रक्षा क्षेत्र का स्वदेशीकरण रक्षा प्रौद्योगिकी एवं उपकरणों के लिए विदेशी निर्यातकों पर निर्भरता
भारत में खाद्य भण्डारण की चुनौतियां - (September 2023)
खाद्य सुरक्षा उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है, जहां कृषि पर आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आजीविका के लिए आश्रित है। हालांकि, अप्रभावी खाद्यान्न भंडारण प्रबंधन खाद्य सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा पैदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप फसल कटाई के बाद महत्वपूर्ण नुकसान
भारत में कपास की कृषि: चुनौतियां एवं अवसर - (September 2023)
कपास लंबे समय से भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसल रही है। कपास की खेती का ब्रिटिश राज के दौरान भारत में विस्तार हुआ। आजादी के बाद भी यह एक प्रमुख नकदी फसल बनी रही, किन्तु उत्पादकता कम रही। वर्ष 2002 में हाइब्रिड कपास (BT) की शुरुआत से उत्पादकता
भारत में ई-कॉमर्स और एमएसएमई - (September 2023)
भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र 2030 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के लिए ई-कॉमर्स, आर्थिक स्थिरता, विकास एवं सुरक्षा का सही पर्याय है। यह एक ऐसा चैनल है, जो सबसे छोटे एमएसएमई (MSME) को भी विस्तार करने एवं स्थान बदलने पर
भारत का डेयरी क्षेत्र - (September 2023)
दूध उत्पादन में भारत की सफलता की कहानी डॉ. वर्गीस कुरियन द्वारा लिखी गई थी, जिन्हें भारत में ‘श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है। यह क्षेत्र राष्ट्रीय GDP में 5 प्रतिशत का योगदान देता है और 8 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे रोजगार प्रदान करता
भारत का खिलौना उद्योग क्षेत्र - (September 2023)
भारतीय खिलौना उद्योग ने 2020-21 तथा 2021-22 के दौरान खिलौनों का शुद्ध निर्यातक बनकर दशकों के आयात प्रभुत्व को समाप्त कर दिया है। खिलौनों को महत्वपूर्ण निर्यात क्षमता वाले चैंपियन क्षेत्रों में से एक माना गया है। भारतीय खिलौना उद्योग विश्व स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ने वाले उद्योगों में से
भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण - (September 2023)
प्र. भारतीय मुद्रा के अंतरराष्ट्रीयकरण की आवश्यकता का वर्णन करते हुए इसके लाभों एवं संबंधित जोखिमों की चर्चा करें? उत्तरः भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण एक प्रक्रिया है, जिसमें सीमा-पार लेनदेन में रुपये के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है। वर्ष 2022 के आंकड़ों के अनुसार, वैश्विक व्यापार में रुपये की हिस्सेदारी
कृषि विपणनः मुद्दे एवं चुनौतियां - (September 2023)
कृषि विपणन न केवल उत्पादन एवं उपभोग को प्रोत्साहित करने में, बल्कि आर्थिक विकास की गति को तेज करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कृषि विपणन प्रणाली उन देशों में आर्थिक विकास में दोहरी भूमिका निभाता है, जिनके लिए कृषि मुख्य संसाधन के रूप में है। हालांकि, उत्पादकों को अपने
कृषि निर्यात को बढ़ावा: भारत के समक्ष चुनौतियां - (September 2023)
भारतीय कृषि, बागवानी एवं प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ विश्व के 100 से अधिक देशों में निर्यात किए जाते हैं। अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के बीच भारत का कृषि निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.04% बढ़ा है। जहां अप्रैल 2021 और जनवरी 2022 के बीच कृषि निर्यात 40.90
भारत की जैव अर्थव्यवस्था - (August 2023)
भारत में जैव अर्थव्यवस्था (Bio-Economy) के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। इंडिया बायो-इकोनॉमी रिपोर्ट 2022 के अनुसार भारत की जैव-अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2025 में 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने की संभावना है। वर्ष 2021 में भारत की जैव अर्थव्यवस्था का मौद्रिक मूल्य80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक था, जिसके
भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिक तंत्र - (August 2023)
भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों तथा मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या काफी अधिक है, परन्तु इनमें प्रयोग की जाने वाली सेमीकंडक्टर चिप के लिए भारत पूर्ण रूप से विदेशी आयात पर निर्भर है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिक तंत्र को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा
जलवायु प्रत्यास्थ कृषि - (August 2023)
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की एक रिपोर्ट के अनुसार जलवायु परिवर्तन के कारण भारत के लगभग 310 जिले ‘हाई रिस्क जोन’ में आते हैं। इससे सर्वाधिक प्रभावित होने वाला क्षेत्र कृषि है। एक अनुमान के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक औसत उपज में 3% से 10% तक की
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) - (August 2023)
प्र. भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली कई चुनौतियों का सामना कर रही है। इस संबंध में केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा उठाये जा रहे आवश्यक सुधारों पर चर्चा कीजिए।उत्तरः सार्वजनिक वितरण प्रणाली सस्ती कीमतों पर खाद्यान्नों के वितरण और आपातकालीन स्थितियों के प्रबंधन के लिए एक प्रणाली के रूप में
मेथनॉल अर्थव्यवस्था - (August 2023)
वर्तमान में भारत सरकार ‘मेथनॉल अर्थव्यवस्था’ (Methanol Economy) को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। मेथनॉल को बढ़ावा देने से देश के पेट्रोलियम आयात को कम करने में सहायता मिलेगी, जो अंततः भारत की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मेथनॉल का उत्पादन पारंपरिक
मोटे अनाज को प्रोत्साहन - (August 2023)
विशेषज्ञ, मोटे अनाजों को 21वीं सदी की एक आदर्श फसल मानते हैं, जो जलवायु परिवर्तन तथा बढ़ती वैश्विक जनसंख्या के संदर्भ में खाद्य सुरक्षा की समस्या का एक संभावित समाधान हो सकता है। मोटे अनाजों में पौष्टिक तत्वों की अधिकता होती है, अतः इसे अधिक से अधिक अपनाए जाने की प्रवृत्ति
भारत में डिजिटल भुगतान परिदृश्य - (August 2023)
केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 में 89-5 मिलियन डिजिटल लेनदेन के साथ भारत डिजिटल भुगतान के सन्दर्भ में शीर्ष 5 देशों की सूची में शीर्ष स्थान पर था। वर्ष 2022 में वैश्विक रियल टाइम भुगतान में भारत का हिस्सा 46% था। डिजिटल भुगतान को सामान्यतः ऑनलाइन लेन-देन के
डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना - (August 2023)
डिजिटल कनेक्टिविटी अवसंरचना भौतिक और आभासी नेटवर्क, प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों को संदर्भित करता है, जो डिजिटल प्लेटफार्मों पर डेटा और सूचना के हस्तांतरण को सक्षम बनाता है। जबकि पारंपरिक अवसंरचना की भूमिका को अच्छी तरह से मान्यता दी गई है। हाल के वर्षों में, देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में अवसंरचना
यूपीआई: भारत के फि़नटेक इनोवेशन की महत्वपूर्ण कड़ी - (August 2023)
UPI आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली को आधार बनाकर बनाया गया है। बिना डेबिट कार्ड वाले उपयोगकर्ता अपने आधार से जुड़े बैंक खातों से वास्तविक समय में धन हस्तांतरित करने के लिए ईमेल पते के समान एक यूपीआई पते का उपयोग कर सकते हैं। पिछले दशक में, सरकार ने भुगतान, ई-हस्ताक्षर
देश में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास - (August 2023)
विशाल कृषि क्षेत्र तथा बागवानी फसलों के लिए उपयुक्त जलवायु दशाओं के कारण भारत में बागवानी कृषि के विकास की व्यापक संभावनाएं मौजूद है। सस्ते श्रम, बाजार से निकटता एवं मूल्यश्रृंखलाओं की लाभकारी स्थितियों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बागवानी क्षेत्र का विकास करके रोजगार के अतिरिक्त
भारतीय अर्थव्यवस्था पर एफ़डीआई का प्रभाव - (August 2023)
प्र. भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की भूमिका और विभिन्न क्षेत्रों पर इसके प्रभाव की आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए। उत्तरः विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पूंजी का एक प्रमुख स्रोत है। इसने देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। एफडीआई ने देश के बुनियादी ढांचे,
ओपन नेटवर्क फ़ॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) - (August 2023)
केंद्र सरकार ई-कॉमर्स क्षेत्र का लोकतंत्रीकरण करने, छोटे खुदरा विक्रेताओं की मदद करने और ऑनलाइन ई-कॉमर्स दिग्गजों के प्रभुत्व को कम करने के लिए जल्द ही औपचारिक रूप से ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) लॉन्च करने पर विचार कर रही है। ONDC का पायलट संस्करण 29 अप्रैल, 2022 को कुछ
भारत में भूमि मुद्रीकरण: आवश्यकता एवं चुनौतियां - (August 2023)
देश भर में व्यापक मात्र में ऐसी भूमि उपलब्ध है, जो अप्रयुक्त है अथवा सीमित उपयोग में है। इस प्रकार की सार्वजनिक भूमि (Public Land) के आर्थिक मूल्य को आकलित करके सरकार तथा उसकी संस्थाओं के लिए राजस्व के नवीन स्रोतों के निर्माण की प्रक्रिया भूमि मुद्रीकरण (Land Monetization) कहलाती
भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र - (August 2023)
देश में विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में नए विचारों को आमंत्रित करने तथा आर्थिक विकास के लिए एक मजबूत पारिस्थितिक तंत्र के निर्माण के लिए स्टार्टअप क्षेत्र को महत्व प्रदान किया जा रहा है। इनमें सामाजिक-आर्थिक विकास तथा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स
भारत में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा - (August 2023)
भारतीय पर्यटन उद्योग, सकल घरेलू उत्पाद और विदेशी मुद्रा आय में योगदान के मामले में देश के सबसे बड़े सेवा उद्योगों में से एक है। इस क्षेत्र में घरेलू खर्च (domestic spending) हाल के वर्षों में उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है तथा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन की तुलना में वर्ष 2028 तक लगभग
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (जीएस पेपर-3)
फ़ेशियल रिकग्निशन प्रौद्योगिकीः लाभ एवं चिंताएं - (September 2023)
वर्तमान में भारत की विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा निगरानी, सुरक्षा अथवा पहचान के प्रमाणीकरण हेतु फेशियल रिकॉग्निशन ट्रैकिंग (Facial recognition tracking - FRT) प्रणालियों का उपयोग किया जा रहा है। किंतु संभावित रूप से इस आक्रामक तकनीक के उपयोग को विनियमित करने के संबंध में कोई विशेष कानून
भारत-लीगो (LIGO) परियोजनाः महत्व और चुनौतियां - (September 2023)
LIGO या लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव वेधशाला दुनिया की सबसे बड़ी गुरुत्वाकर्षण तरंग वेधशाला है। पहले दो LIGO का निर्माण 1990 के दशक में देश के राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के वित्त पोषण एवं समर्थन से संयुक्त राज्य अमेरिका (हैनफोर्ड और लिविंगस्टन) में किया गया था। हाल ही में भारत सरकर के
सतत विकास लक्ष्य एवं डिजिटल प्रौद्योगिकी - (September 2023)
प्र. सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु डिजिटल प्रौद्योगिकी के महत्व का विश्लेषण करें?उत्तरः सतत विकास लक्ष्य 17 लक्ष्यों का एक समूह है, जिन्हें 2030 तक हासिल किया जाना है। संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों ने लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु प्रौद्योगिकी के महत्व को स्वीकार किया है। डिजिटल प्रौद्योगिकी
भारत में महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां - (September 2023)
महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियां भारत सहित अनेक देशों के आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये प्रौद्योगिकियां विकास, नवाचार और जीवन की बेहतर गुणवत्ता का अवसर प्रदान करती हैं। अवसर आर्थिक विकास और नवाचारः महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने से आर्थिक विकास को गति मिल
सोडियम-आयन बैटरी: महत्व और मुद्दे - (September 2023)
सोडियम-आयन बैटरी (NIB) एक प्रकार की रिचार्जेबल बैटरी तकनीक है, जिसने लिथियम-आयन बैटरी (LIB) के विकल्प के रूप में ध्यान आकर्षित किया है। ये बैटरियां लिथियम आयनों के बजाय चार्ज वाहक के रूप में सोडियम आयनों (Na+) का उपयोग करती हैं। सोडियम-आयन बैटरी का महत्व सोडियम की प्रचुरताः लिथियम की तुलना में
डार्कनेटः चिंताएं और उपाय - (September 2023)
डार्कनेट, जिसे डार्क वेब के नाम से भी जाना जाता है, इंटरनेट का एक हिस्सा है, जो जानबूझकर छिपा हुआ है और मानक वेब ब्राउजर के माध्यम से पहुंच योग्य नहीं है। इसे टोर (TOR-The Onion Router) जैसे विशेष सॉफ्रटवेयर का उपयोग करके एक्सेस किया जाता है। यह उपयोगकर्ताओं की
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स और भारत - (September 2023)
इंटरनेट ऑफ थिंग्स इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) भौतिक वस्तुओं या ‘चीजों’ का नेटवर्क है; जिसमें इंटरनेट का उपयोग करके डेटा का आदान-प्रदान किया जाता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स में सेंसर, सॉफ्रटवेयर और अन्य प्रौद्योगिकियों का प्रयोग डेटा के संग्रहण एवं विश्लेषण में किया जाता है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में कनेक्टेड उपकरणों
बाह्य अंतरिक्ष में शांति और सुरक्षाः भारतीय परिप्रेक्ष्य - (August 2023)
बाहरी अंतरिक्ष में शांति और सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय संबंधों और अंतरिक्ष अन्वेषण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। जैसे-जैसे बाह्य अंतरिक्ष के उपयोग का विस्तार जारी है, इसके शांतिपूर्ण और सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश और रूपरेखा स्थापित करना महत्वपूर्ण है। बाह्य अंतरिक्ष के समक्ष खतरे अंतरिक्ष का सैन्यीकरणः इस बात
भारत के ई-शासन में मेटावर्स की भूमिका - (August 2023)
मेटावर्स एक एकल, साझा, इमर्सिव, सतत, 3डी आभासी स्थान है, जहां मनुष्य जीवन का अनुभव उन तरीकों से करते हैं, जो वे भौतिक दुनिया में नहीं कर सकते। ई-गवर्नेंस सरकारी सेवाएं प्रदान करने, सूचना संचार लेनदेन के आदान-प्रदान सरकार और नागरिकों के बीच विभिन्न प्रणालियों एवं सेवाओं के एकीकरण के लिए
राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति - (August 2023)
प्र. सटीक भू-स्थानिक डेटा सामाजिक आर्थिक विकास तथा सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस संबंध में राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति (NGP) 2022 के लक्ष्य एवं उद्देशों को रेखांकित करते हुए इससे संबंधित चिंताओं को स्पष्ट कीजिए।उत्तरः भारत को वैश्विक भू-स्थानिक क्षेत्र में एक वैश्विक नेतृत्त्वकर्त्ता के रूप में स्थापित करने
भू-स्थानिक प्रौद्योगिकीः अनुप्रयोग और चुनौतियां - (August 2023)
भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी विभिन्न उपकरणों एवं उनसे भौगोलिक सूचना प्रणाली, रिमोट सेंसिंग और अन्य जमीनी हकीकत का उपयोग करके वास्तविक पृथ्वी की भौगोलिक जानकारी का अध्ययन करने की एक उभरती हुई तकनीक है। भू-स्थानिक तकनीक किसी वस्तु की स्थिति को उसके भौगोलिक निर्देशांक के साथ जोड़ती है। भू-स्थानिक प्रौद्योगिकीः अनुप्रयोग मानचित्रण और नेविगेशनः
रोगाणुरोधी प्रतिरोध द्वारा उत्पन्न चुनौतियां - (August 2023)
संक्रामक रोगों, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर कीमोथेरेपी तथा प्रमुख सर्जरी के सफल उपचार के लिए रोगाणुरोधी प्रतिरोधखतरे के रूप में उभर रहा है। रोगाणुरोधी प्रतिरोध का मुद्दा स्वास्थ्य देखभाल, विशेषकर दवाओं पर अत्यधिक खर्च का कारण बनता है। नवजात शिशु और बुजुर्ग दोनों ही संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं
रोगाणुरोधी प्रतिरोधः वैश्विक स्वास्थ्य खतरा - (August 2023)
पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अस्पतालों मेंरोगजनकों में खतरनाक रूप से उच्च प्रतिरोध दर की सूचना मिली है। रोगाणुरोधी प्रतिरोध तब होता है, जब जीवाणु, विषाणु, कवक और परजीवी समय के साथ बदलते हैं तथा उन पर दवाओं का प्रभाव कम या समाप्त हो जाताहै, जिससे संक्रमण का उपचार कठिन
आपदा प्रबंधन (जीएस पेपर-3)
सांस्कृतिक विरासत हेतु आपदा जोखिम प्रबंधन - (September 2023)
विश्व धरोहर संपत्तियां तथा विरासत स्थल आम तौर पर प्राकृतिक एवं मानव-जनित विनाशकारी घटनाओं के प्रभावों के संपर्क में आते हैं, जो उनकी अखंडता एवं सुरक्षा को खतरे में डालते हैं। इन उत्कृष्ट संपत्तियों की हानि या गिरावट का स्थानीय और राष्ट्रीय समुदायों पर उनके सांस्कृतिक महत्व एवं सामाजिक-आर्थिक मूल्य दोनों
भारत में हीट वेव - (September 2023)
प्र. भारत में ग्रीष्म लहरों (Heat Waves) की बढ़ती आवृत्ति एवं तीव्रता के कारणों के साथ-साथ इनके प्रभावों का विवेचन करें। ग्रीष्म लहरों को कम करने के उपाय भी बताएं?उत्तरः असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि के रूप में जब मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तथा
भारत: भूस्खलन सुभेद्यता - (September 2023)
भारत अपनी विविध भौगोलिक एवं जलवायु परिस्थितियों के कारण भूस्खलन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। देश के कई क्षेत्रों में भूस्खलन एक आम प्राकृतिक खतरा है। इससे जीवन की व्यापक हानि, संपत्ति की क्षति एवं बुनियादी ढांचे तथा आजीविका में व्यवधान उत्पन्न होता है। भूस्खलन क्या है? भूस्खलन को गुरुत्वाकर्षण की क्रिया
भारत में वनाग्नि - (September 2023)
वनाग्नि वह अनियंत्रित आग है, जो जंगल के बड़े हिस्से को नष्ट कर देती है। यह जीव-जंतुओं एवं वनस्पतियों के लिए खतरा है तथा किसी क्षेत्र की जैव विविधता एवं पारिस्थितिकी के लिए हानिकारक है। हाल के वर्षों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। इसका मुख्य कारण मानवजनित
आपदा प्रेरित विस्थापन - (August 2023)
ऐतिहासिक काल से लोगों या समुदायों को पर्यावरणीय कारणों से पलायन करना पड़ा है। वर्तमान में भी बाढ़, चक्रवात आदि विविध आपदाओं के कारण लोगों को एक से दूसरे जगह प्रवास करना पड़ता है। जलवायु परिवर्तन के समग्र प्रभाव के कारण जलवायु आपदाओं और चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ने
आपदा जाखिम में कमी - (August 2023)
भारत अपनी भू-जलवायु परिस्थितियों के कारण पारंपरिक रूप से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील रहा है। यहां बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप तथा भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं आना सामान्य परिघटना मानी जाती हैं। समग्र रूप से इन प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था तथा निवासियों पर बहुआयामी होता है; अतः
चरम मौसमी घटनाएं एवं भारत की तैयारी - (August 2023)
जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) द्वारा जारी छठी आकलन रिपोर्ट में जलवायु परिवर्तन तथा चरम जलवायु घटनाओं पर वृहद रूप से प्रकाश डाला गया है। यह रिपोर्ट इस तथ्य को रेखांकित करती है कि ऐतिहासिक संचयी उत्सर्जन (Historical Cumulative Emissions) जलवायु संकट या चरम जलवायु घटनाओं का स्रोत है। चरम
राष्ट्रीय सुरक्षा (जीएस पेपर-3)
भारत में वामपंथी उग्रवाद - (September 2023)
भारत में वामपंथी उग्रवाद का तात्पर्य, देश के कुछ क्षेत्रों में विभिन्न माओवादी या नक्सली समूहों द्वारा किए गए विद्रोह अथवा हिंसा से है। ये समूह साम्यवादी विचारधारा से प्रेरित हैं तथा इनका लक्ष्य सरकार को उखाड़ फेंकना एवं वर्गहीन समाज की स्थापना करना है। भारत में वामपंथी उग्रवाद की जड़ें
भारत में नशीली दवाओं का खतरा - (September 2023)
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, अमित शाह ने 17 जुलाई, 2023 को नई दिल्ली में ‘मादक पदार्थों की तस्करी एवं राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। केंद्रीय गृहमंत्री ने नशीली दवाओं के प्रति शून्य-सहिष्णुता की नीति अपनाने का सुझाव दिया। भारत में नशीली दवाओं की समस्या एक जटिल
अंतरराष्ट्रीय आतंकवादः कारण, पहल और चुनौतियां - (September 2023)
आधुनिक विश्व में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एक जटिल एवं गंभीर समस्या के रूप में स्थापित हो चुका है। यह वैश्विक सुरक्षा के लिए एक चुनौती है। इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गैर-राज्य अभिकर्ताओं द्वारा की गई हिंसा, धमकी एवं भय के कार्य शामिल हैं। आतंकवाद, आबादी में भय का सामान्य माहौल बनाने तथा
भारतीय पुलिस: समस्याएं एवं समाधान - (August 2023)
प्र. भारतीय पुलिस के समक्ष आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालिए। साथ ही उन्हें दूर करने के उपाय भी सुझाइए।उत्तरः भारतीय पुलिस के समक्ष कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे इस प्रकार हैं: स्टेटस ऑफ पुलिसिंग इन इंडिया रिपोर्ट 2019 के अनुसार, भारत में पुलिस अपने स्वीकृत आकार के 77% पर और औसतन
कानून प्रवर्तन में प्रौद्योगिकी की भूमिका - (August 2023)
नवीनतम प्रौद्योगिकियों के उद्भव के साथ कानून प्रवर्तन और जांच के तरीकों में बहुत बदलाव आया है। जैसे-जैसेसमय के साथ अपराधों की प्रकृति में बदलाव आया है तथा अधिकाधिक परिष्कृत हो गए हैं, प्रौद्योगिकी आज कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। कानून प्रवर्तन और जांच में
भारत की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियां: प्रतिक्रिया एवं नियंत्रण तंत्र - (August 2023)
आंतरिक सुरक्षा एक संप्रभु राज्य या अन्य स्वशासित क्षेत्रों की सीमाओं के भीतर शांति बनाए रखने का कार्य है। राष्ट्रीय सुरक्षा की समग्र अवधारणा में, आंतरिक सुरक्षा देश के समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा आव्यूह का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत में आंतरिक सुरक्षा का माहौल अत्यधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण है।
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा एवं अभिरुचि (जीएस पेपर-4)
सशस्त्र संघर्ष अथवा युद्ध: नैतिकता एवं नागरिक अधिकार - (September 2023)
सशस्त्र संघर्ष या युद्ध में नैतिकता व अधिकार जटिल एवं महत्वपूर्ण विषय हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून, मानवाधिकार एवं नैतिक सिद्धांतों का विचार शामिल है। ये मुद्दे कई कानूनी ढांचों व सम्मेलनों द्वारा शासित होते हैं, जिनमें जेनेवा कन्वेंशन विभिन्न प्रोटोकॉल तथा प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कानून भी शामिल हैं। सशस्त्र संघर्ष या
ऑनलाइन गेमिंग: नैतिक चिंताएं - (September 2023)
प्र. भारत में ऑनलाइन गेमिंग की संभावनाओं का वर्णन कीजिए। ऑनलाइन गेमिंग से किस प्रकार के नैतिक प्रभाव उत्पन्न होते हैं? चर्चा कीजिए।उत्तरः वित्तीय वर्ष 2022 के लिए ‘इंडिया गेमिंग रिपोर्ट’ के अनुसार, भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार अमेरिका के बाजार की तुलना में लगभग तीन गुना तथा चीन के
समानुभूति एवं इसका महत्व - (September 2023)
प्र. समानुभूति से आप क्या समझते हैं? लोक-सेवा के मूल्य के रूप में इसके महत्व का वर्णन करें।उत्तरः ‘समानुभूति’ (Empathy) भावनात्मक रूप से दूसरों की मनोस्थिति को समझने की क्षमता है। इसके अलावा समानुभूति में चीजों को दूसरों के दृष्टिकोण से देखना तथा उनके स्थान पर स्वयं की कल्पना करना
लोक सेवा हेतु महत्वपूर्ण मूल्य - (September 2023)
मूल्य ‘बुनियादी विश्वास’ (Fundamental Beliefs) है, जो लोगों के कार्यों तथा व्यवहार को निर्देशित करते हैं’। लोक सेवा संगठनों तथा संस्थानों में मूल्यों को सामान्यतः कार्यक्षेत्र में आवश्यक व्यवहार को निर्धारित करने तथा मार्ग-निर्देशित करने में महत्वपूर्ण माना जाता है। सत्यनिष्ठा सत्यनिष्ठा का अर्थ है, विचार, वाणी तथा कर्म के बीच ‘सुसंगतता’
सिविल सेवकों हेतु नैतिक संहिता - (September 2023)
प्र. नैतिक संहिता क्या है? इसके महत्व एवं कमियों पर प्रकाश डालिए।उत्तरः नैतिक संहिता सामान्य नैतिक मूल्यों का समूह होती है, जिसका उद्देश्य सिविल सेवकों को ईमानदारी एवं नीतिपूर्ण तरीके से कार्यों को संचालित करने में सहायता करना है। नैतिक संहिता का महत्व नैतिक संहिता में संज्ञानात्मक और भावनात्मक
प्रभावी अनुनय के निर्धारक - (September 2023)
अनुनय या प्रत्यायन (Persuasion) वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा दूसरों को अपनी अभिवृत्ति में परिवर्तन लाने के लिए प्रभावित किया जाता है। दूसरे शब्दों में, अनुनय को पुनर्निर्देशित संचार गतिविधियों के रूप में परिभाषित किया गया है। यह किसी व्यक्ति के दृष्टिकोण, विश्वास या व्यवहार को बदलने या सुदृढ़ करने
न्यायसंगत एवं प्रभावी कार्य संस्कृति की नैतिकता - (September 2023)
कार्य संस्कृति उन मूल्यों, व्यवहारों, रीति-रिवाजों एवं प्रथाओं को संदर्भित करती है, जो किसी कंपनी या संगठन के संचालन के तरीके को बनाते हैं। इसकी उत्पत्ति स्वयं उस संगठन में ही होती है। इसके माध्यम से यह निर्धारित होता है कि कर्मचारियों के मध्य तथा कर्मचारी एवं संगठन के मध्य
समाज तथा व्यक्तिगत नैतिकता - (August 2023)
प्र. ‘‘बिना नैतिकता वाला व्यक्ति इस दुनिया पर थोपा गया एक जंगली पशु है।’’ - अल्बर्ट कमूउत्तरः जिन व्यक्तियों में नैतिकता का अभाव है, वे इस तरह से व्यवहार करते हैं, जो जंगली पशुओं की प्रवृत्ति एवं कार्यों के समान होता है। नैतिक मूल्य ही मनुष्य को जंगली जानवरों से
प्रवासन की नैतिकता - (August 2023)
प्रवासन नैतिकता मोटे तौर पर उन मानक मुद्दों को संदर्भित करती है, जो सीमाओं के पार व्यक्तियों के जाने से उत्पन्न होते हैं। प्रवासन नैतिकता में केंद्रीय प्रश्नों में से एक चिंता यह है कि क्या राज्यों को आप्रवासन को प्रतिबंधित करना चाहिए या अपनी सीमाएं खोलनी चाहिए तथा वे
प्राकृतिक संसाधनों के लिए नैतिक अधिकार - (August 2023)
प्रकृति में सभी प्रकार का जीवन एकसमान था। इस ब्रह्मांड में हर एक जीव की अपनी पहचान थी, कोई भी अन्य जीव किसी दूसरे जीव की जगह लेने की स्थिति में नहीं था। मनुष्य की प्राचीन काल से ही प्रकृति में रुचि रही है, लेकिन आज वह स्वयं को प्रकृति
प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा प्रचार की नैतिकता - (August 2023)
डिजिटल मार्केटिंग के उदय के साथ हाल के वर्षों में विज्ञापन जगत में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। प्रिंट और टीवी विज्ञापनों जैसी पारंपरिक विज्ञापन विधियों ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के सामने अपनी अधिकांश शक्ति खो दी है। डिजिटल मीडिया के बढ़ते महत्व और पारंपरिक विज्ञापन के प्रति
पर्यावरण तथा आर्थिक विकास: नैतिक दुविधाएं - (August 2023)
प्र. पर्यावरण संरक्षण की तुलना में आर्थिक विकास को अधिक प्राथमिकता देने से उत्पन्न होने वाली नैतिक दुविधाओं पर चर्चा कीजिए।उत्तरः सामाजिक-आर्थिक प्रगति के लिए आर्थिक विकास आवश्यक है, किंतु यह अकसर पर्यावरण की कीमत पर होता है। आर्थिक विकास के पर्यावरणीय परिणामों की उपेक्षा करने से पर्यावरण तथा भावी
सार्वजनिक प्राधिकारियों की विवेकाधीन शक्तियां - (August 2023)
प्र. ‘‘सार्वजनिक प्राधिकरण में निहित विवेकाधीन शक्तियां संभवतः अनैतिक कार्यप्रणाली की सबसे बड़ी स्रोत हैं।’’ चर्चा कीजिए। अनैतिक कार्यप्रणाली की रोकथाम में आचार संहिता किस सीमा तक सहायक है?उत्तरः विवेकाधीन शक्ति से तात्पर्य किसी भी कानून द्वारा समर्थित पूर्व प्रतिबंध या निर्णय के बिना व्यक्ति की स्वयं निर्णय लेने की
सोशल मीडिया और सिविल सेवक - (August 2023)
भारतीय नौकरशाही आज डेस्क के साथ से डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी सक्रिय हो रही हो रही हैं। इस परिवर्तन के लिए न केवल ई-ऑफिस और ई-गवर्नेंस की ओर कदम शामिल है, बल्कि डिजिटल वातावरण, विशेष रूप से सोशल मीडिया के उपयोग के लिए संगठनात्मक और नौकरशाही प्रतिक्रिया भी शामिल है। यह
भावनात्मक बुद्धिमत्ता तथा प्रभावी नेतृत्व - (August 2023)
प्र. ‘‘प्रभावी नेतृत्व के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता का होना अति आवश्यक है’’। नेतृत्व में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की भूमिका के संदर्भ में दिए गए कथन की व्याख्या कीजिए। उत्तरः नेतृत्व लोगों को प्रबंधित करने तथा उनकी क्षमता को सही दिशा में निर्देशित करने का एक कौशल है। यदि व्यक्ति में भावनात्मक बुद्धिमत्ता
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: नीतिशास्त्रीय चिंताएं - (August 2023)
प्र. ‘‘निर्णय निर्माण प्रक्रिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के बढ़ते उपयोग से नई नीतिशास्त्रीय चिंताएं उत्पन्न हुई हैं।’’ चर्चा कीजिए।उत्तरः कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के निर्णय लेने की प्रक्रिया में बढ़ते उपयोग ने नैतिक चिंताओं को बढ़ा दिया है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता में दक्षता और सटीकता बढ़ाने की क्षमता है, लेकिन इसके
स्वास्थ्य देखभाल में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नैतिकता - (August 2023)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता में कुशल निदान, व्यक्तिगत उपचार योजना, बेहतर रोगी देखभाल और बेहतर रोग प्रबंधन को सक्षम करके स्वास्थ्य सेवा में क्रांति लाने की क्षमता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग प्रमुख क्षेत्र मेडिकल इमेजिंग तथा नैदानिकीः कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई जैसी चिकित्सा छवियों का विश्लेषण करने के
संविधान एवं राजव्यवस्था (जीएस पेपर-2)
संविधान की 9वीं अनुसूचीः न्यायिक समीक्षा से संरक्षण - (September 2023)
पिछले कुछ महीनों में देश की कुछ राज्य सरकारों द्वारा न्यायिक समीक्षा से संरक्षण प्राप्त करने के लिए अपने विधेयकों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई है। अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दो संशोधन विधेयकों के संबंध में इस प्रकार की मांग की गई
भारत में स्थानीय स्वशासन - (September 2023)
आधुनिक भारत में स्थानीय स्वशासन को प्रारंभ करने का मूल उद्देश्य गांवों का विकास करना तथा स्थानीय स्तर पर लोगों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भागीदार बनाना है। भारत ने स्थानीय स्वशासन को सफलतापूर्वक लागू कर, वैश्विक समुदाय के समक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकेंद्रीकरण का एक बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है।
न्यायिक बहुसंख्यकवाद एवं इससे संबंधित मुद्दे - (September 2023)
जनवरी 2023 में विवेक नारायण शर्मा बनाम भारत संघ वाद के अपने निर्णय में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 4-1 के बहुमत से केंद्र सरकार के 2016 के विमुद्रीकरण के फैसले को बरकरार रखा था। जस्टिस बी- वी- नागरत्ना इस मामले में असहमतिपूर्ण निर्णय देने वाली एकमात्र न्यायाधीश थीं, जिन्होंने
भारतीय निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली - (September 2023)
प्र. भारत के चुनाव आयोग के कार्यों एवं इसकी भूमिका पर चर्चा करें। चुनाव आयोग भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कैसे सुनिश्चित करता है? उत्तरः चुनाव आयोग की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निर्धारित मानदंडों और आदर्श आचार संहिता के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है। चुनाव आयोग के
भारत में न्यायेतर हत्याएं: मुद्दे एवं उपाय - (September 2023)
भारत में समय-समय पर न्यायेतर हत्याओं (Extra-Judicial Killings) की विश्वसनीयता और वैधता पर सवाल उठते रहे हैं, बावजूद इसके अभी भी देश में पुलिस मुठभेड़ में हुई हत्याओं (Encounter Killings) या न्यायेतर हत्याओं के खिलाफ कोई स्पष्ट कानून नहीं है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में हुई पुलिस मुठभेड़ की घटनाओं
विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं प्रासं गिकता - (September 2023)
विशेष न्यायालय (Special Court), सीमित क्षेत्रधिकार वाले न्यायालय हैं, जो कानून के एक विशिष्ट क्षेत्र का प्रबंधन करते हैं। ये अदालतें ‘न्यायिक’ संस्थाएं होते हुए भी देश की नियमित न्यायिक अदालतों के पदानुक्रम से बाहर होती हैं। इन्हें अलग-अलग अधिनियमों द्वारा स्थापित किया जाता है तथा कानून के एक निर्दिष्ट क्षेत्र से
आदर्श आचार संहिता: महत्व एवं चुनौतियां - (September 2023)
प्र. आदर्श आचार संहिता क्या है? आदर्श आचार संहिता के महत्व एवं चुनौतियों का वर्णन करें।उत्तरः आदर्श आचार संहिता स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी नियमों की एक श्रृंखला है, यह चुनाव कैलेंडर की घोषणा के दिन से लेकर परिणाम की घोषणा के दिन तक
आधारभूत ढांचे का सिद्धांत - (September 2023)
भारतीय संविधान में कहीं भी ‘आधारभूत ढांचा’ शब्द का उल्लेख नहीं है। यह विचार विभिन्न न्यायिक वादों के जरिये समय के साथ धीरे-धीरे विकसित हुआ कि संसद ऐसे कानून प्रस्तुत नहीं कर सकती, जो संविधान की मूल संरचना में संशोधन करते हों। केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य (1973) के मामले में
राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां - (September 2023)
राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करता है। इसे सहकारी शासन का एक प्रमुख स्तंभ माना जाता है। भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में ‘दोहरी भूमिका’ के रूप में कार्य करता है। राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियां भारतीय शासन प्रणाली
सिविल सेवा क्षमता निर्माण - (September 2023)
सिविल सेवक, नीति निर्धारण के अभिकर्ता तथा शासन के कार्यकारी माध्यम हैं, जो जमीनी-स्तर पर कार्य करते हैं। सिविल सेवकों की क्षमता एवं कौशल, सेवाओं के वितरण, कार्यक्रम कार्यान्वयन तथा शासन-प्रशासन के मुख्य कार्यों के निष्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका है। सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण से शासकीय प्रणाली की गुणवत्ता में
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (जीएस पेपर -3)
भारत में पर्यावरणीय लेखांकन - (September 2023)
पर्यावरणीय-लेखांकन का उद्देश्य सतत विकास प्राप्त करना, सामुदायिक अनुकूलन को बनाए रखना तथा प्रभावी एवं कुशल पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों को आगे बढ़ाना है। पर्यावरणीय-लेखांकन की आरंभिक प्रक्रिया यूरोपीय देशों से आरंभ हुई थी तथा इसे आरंभ करने वाले देशों में नॉर्वे को सर्वप्रमुख माना जा सकता है। पर्यावरणीय-लेखांकन की कुछ
सर्कुलर इकोनॉमी एवं भारत: चुनौतियां एवं अवसर - (September 2023)
भारतीय अर्थव्यवस्था के रैखिक से चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) की ओर संक्रमण को तेज करने के लिए सरकार द्वारा 11 फोकस क्षेत्रों के लिए 11 समितियों का गठन किया गया है। समितियों का नेतृत्व संबंधित मंत्रालयों द्वारा किया जाएगा तथा इनमें पर्यावरण मंत्रालय, नीति आयोग के अधिकारी तथा विशेषज्ञ, शिक्षाविद और
संपीडित बायोगैस (CBG): ऊर्जा सुरक्षा हेतु आवश्यक - (September 2023)
भारत की जीडीपी और जनसंख्या के साथ-साथ ऊर्जा की मांग भी लगातार बढ़ रही है। देश की लगभग 70% ऊर्जा जरूरतें कोयले और जीवाश्म ईंधन से पूरी होती हैं; लेकिन घटते जीवाश्म ईंधन भंडार, बढ़ते ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन और आयातित तेल की बढ़ती लागत के कारण ऊर्जा स्रोतों के
पर्यावरणीय रूप से धारणीय शहरों का निर्माण - (September 2023)
धारणीय शहर, वर्तमान और भविष्य के निवासियों के जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एवं सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थितियों में सुधार के लिए शहरों की योजना बनाने एवं विकसित करने के लिए संसाधनों का उपयोग करने का उद्देश्य रखता है। 2050 तक, दुनिया की दो-तिहाई से अधिक आबादी के
शहरी कृषि: आवश्यकता एवं लाभ - (September 2023)
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, शहरी एवं उपनगरीय कृषि (Urban - Peri Urban Agriculture-UPA) को उन प्रथाओं के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो कृषि उत्पादन और संबंधित प्रक्रियाओं (परिवर्तन, वितरण, विपणन, रीसाइक्लिंग आदि) से भोजन और अन्य निर्गत उत्पन्न करते हैं। यह शहरों एवं आस-पास
भारत में सतत रेत खनन - (September 2023)
भारत में सतत रेत खनन (Sustainable Sand Mining) एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि रेत की अत्यधिक और अनियमित निकासी के गंभीर पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक परिणाम हो सकते हैं। निर्माण और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए नदी तलों, समुद्र तटों और अन्य स्रोतों से रेत निकालना रेत खनन है। सैंड माइनिंग फ्रेमवर्क
भारत में वाहन स्क्रैपेज - (September 2023)
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक अधिसूचना के माध्यम से भारत की स्क्रैपेज नीति की घोषणा की। अधिसूचना के अनुसार, ऐसे वाहनों का निपटान वाहन के प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 वर्ष की समाप्ति के बाद पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। केंद्रीय
भारत में प्लास्टिक प्रदूषण - (September 2023)
प्लास्टिक प्रदूषण, पर्यावरण में सिंथेटिक प्लास्टिक उत्पादों का इस हद तक संचय है कि वे वन्यजीवों और उनके आवासों के साथ-साथ मानव जीवन के लिए भी समस्याएं उत्पन्न कर देते हैं। 1907 में बैकेलाइट के आविष्कार ने विश्व वाणिज्य में वास्तव में सिंथेटिक प्लास्टिक रेजिन को पेश करके सामग्रियों में क्रांति
भारत में जैविक कृषिः स्थिति एवं सरकार के प्रयास - (September 2023)
भारत जैविक किसानों (Organic Farmers) की कुल संख्या के मामले में पहले स्थान पर है तथा जैविक खेती के तहत कुल क्षेत्र की दृष्टि से नौवें स्थान पर है। सिक्किम पूरी तरह से जैविक बनने वाला दुनिया का पहला राज्य बन गया है। पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक रूप से जैविक रहा है
मानव पूंजी पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव - (September 2023)
प्र. जलवायु परिवर्तन के मानव पूंजी पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा कीजिए। इन प्रभावों को किस प्रकार कम किया जा सकता है?उत्तरः आर्थिक विकास में मानव पूंजी की केंद्रीय भूमिका होती है, तो वहीं जलवायु परिवर्तन मानव पूंजी को प्रभावित करके आर्थिक जोखिम उत्पन्न करता है। जलवायु परिवर्तन
जैव विविधता पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव - (September 2023)
जलवायु परिवर्तन का तात्पर्य मानवीय गतिविधियों के कारण तापमान और मौसम में होने वाले दीर्घकालिक परिवर्तनों से है। औसत वैश्विक तापमान में वृद्धि और अत्यधिक एवं अप्रत्याशित मौसम, जलवायु परिवर्तन की सबसे आम अभिव्यक्तियां हैं। प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता में वृद्धि, समुद्री जलस्तर में वृद्धि, फसल उत्पादकता में
जलवायु परिवर्तन में कृषि की भूमिका - (September 2023)
कृषि जलवायु परिवर्तन का शिकार और योगदानकर्ता दोनों है। एक ओर, कृषि गतिविधियां कुल ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देती हैं; दूसरी ओर, ग्रीनहाउस गैस जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करते हैं तथा कृषि उत्पादन प्रणालियों की स्थिरता पर गहरा प्रभाव डालते हैं। मुख्य रूप
जल संकट - (September 2023)
प्र. जल संकट भारत में एक प्रमुख समस्या के रूप में उभरी है। जल संकट के कारणों एवं परिणामों का विवेचन करते हुए बताएं कि इस दिशा में समाधान हेतु कौन से सरकारी प्रयास किए गए हैं?उत्तरः वैश्विक जनसंख्या का 17% होने के बावजूद, भारत के पास विश्व की स्वच्छ
कार्बन असमानता: प्रभाव एवं समाधान - (September 2023)
2020 में COVID-19 महामारी के कारण कार्बन उत्सर्जन में भारी गिरावट के बाद भी, जलवायु संकट बढ़ता रहा। भारत और बांग्लादेश में चक्रवात अम्फान से लेकर संयुक्त राज्य अमेरिका में जंगल की आग तक चरम मौसमी आपदाओं की आवृत्ति बढ़ती जा रही है। इससे सबसे गरीब और हाशिए पर रहने
आक्रामक प्रजातियां: संबंधित मुद्दे एवं आवश्यक प्रयास - (September 2023)
आक्रामक प्रजातियां गैर-देशी जीव हैं, जिन्हें जानबूझकर या अनजाने में उनकी प्राकृतिक सीमा के बाहर पारिस्थितिक तंत्र में पेश किया जाता है। विशेषकर जैव विविधता पर ये प्रजातियां महत्वपूर्ण पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पैदा करती हैं। आक्रामक प्रजातियों के प्रमुख प्रभाव और संबंधित चिंताएं जैव विविधता की हानिः आक्रामक प्रजातियां भोजन,