सामान्य अधययन दृष्टिकोण विशेषांक-1
इतिहास एवं संस्कृति
भारत में भक्ति एवं सफ़ूी आंदोलन: स्वरूप एवं व्यक्तित्व - (October 2023)
भक्ति एवं सूफी आंदोलन मध्यकालीन भारत के दो महत्वपूर्ण धार्मिक आंदोलन थे। जहां हिंदू धर्म में भक्ति का अर्थ, ईश्वर के प्रति प्रेम है, वहीं सूफीवाद इस्लाम का रहस्यवादी परंपरा है, जिसमें ईश्वर की आंतरिक खोज एवं परमात्मा के साथ मिलन पर बल दिया जाता है। भक्ति आन्दोलनएक धार्मिक सुधार आंदोलन
भारत में ब्रिटिश शिक्षा प्रणाली - (October 2023)
प्राचीन एवं मध्यकालीन भारत में ‘गुरुकुल’ शिक्षा प्रणाली प्रचलित थी। इस प्रणाली में छात्र शिक्षक या ‘गुरु’ के साथ रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। औपनिवेशिक शासन के आरंभिक साठ वर्षों तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया। कंपनी का क्षेत्र विस्तार एवं राजस्व में वृद्धि के साथ
पूर्व-मध्यकालीन राजवंश (800-1200 ई.) - (October 2023)
प्राचीन एवं मध्ययुगीन के मध्यवर्ती संक्रमण काल को ‘पूर्व-मध्यकाल’ कहा जाता है। 600-1200 ईसवी के मध्य की अवधि के प्रत्येक चरण में उत्तर तथा दक्षिण भारत में क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग राजवंशों का उदय हुआ। थानेश्वर के पुष्यभूति (लगभग 500 ई. से लगभग 647 ई. तक)उत्तरी भारत में, पुष्यभूति राजवंश ने
बौद्ध धर्मः प्रमुख स्थल, स्तूप, ग्रंथ एवं विद्वान - (October 2023)
छठी शताब्दी ई. पू. में मध्य गंगा घाटी में अनेक धार्मिक सम्प्रदायों का उद्भव हुआ, इनमें जैन तथा बौद्ध प्रमुख हैं। इन धार्मिक सम्प्रदायों ने उपनिषदों द्वारा तैयार पृष्ठभूमि के आधार पर ब्राह्मण धर्म के अनेक दोषों को उजागर किया। बौद्ध धर्म: मूल सिद्धांत त्रिरत्नः बुद्ध, धम्म, संघ। बौद्ध धर्म का मूलाधारः चार
प्राचीन भारतीय बंदरगाह एवं व्यापार केंद्र - (October 2023)
प्राचीन समय से ही वाणिज्यिक क्षेत्र के रूप में भारतीय उपमहाद्वीप को अत्यधिक महत्व प्राप्त था। ‘पेरिप्लस ऑफ एरिथ्रीयन सी’ एवं अन्य यात्र वृत्तान्तों के ऐतिहासिक साक्ष्य इसे प्रमाणित करते हैं। ‘हमारे जहाज पृथ्वी के सभी हिस्सों में जाएं’- यह ऋगवैदिक युग के समुद्री नाविकों के आदर्श वाक्य के रूप में
प्राचीन भारतीय पुरातत्व स्थल - (October 2023)
प्राचीन भारत के रहस्य को उजागर करने में पुरातात्विक प्रयास अत्यधिक महत्व रखते हैं। सावधानीपूर्वक उत्खनन, गहन विश्लेषण और व्यावहारिक व्याख्या के साथ, निपुण पुरातत्वविदों ने विशाल उपमहाद्वीप की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को रोशन करते हुए, इतिहास में जान डाल दी है। पाषाण काल पाषाण युग मानव के विकास से संबंधित एक
भूगोल
भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले कारक - (October 2023)
मानसून, हवा की दिशा का एक मौसमी उलटफेर है, भारत एवं विश्व में अधिकांश वर्षा के लिए उत्तरदायी है। गर्मियों में, थार रेगिस्तान तथा उत्तरी एवं मध्य भारतीय उपमहाद्वीप गर्म हो जाते हैं। तेज सौर तापन के परिणामस्वरूप उपमहाद्वीप पर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनता है। हिंद महासागर उच्च दाब के कारण
भारत में प्रमुख फ़सलों का उत्पादन - (October 2023)
भारत के विभिन्न राज्यों में विविध प्रकार के फसलों की खेती होती है। चावल, गेहूं, बाजरा, दालें, चाय, कॉफी, गन्ना, तिलहन, कपास, जूट आदि भारत की कुछ प्रमुख फसलें हैं। भारत में तीन मौसमों में फसलों की खेती होती है, इसके आधार पर फसलों के 3 प्रकार हैं: रीफ फसलें: भारत में
भारत की प्रमुख आर्द्रभूमियां - (October 2023)
आर्द्रभूमि वे क्षेत्र हैं, जहां पानी मिट्टी को आच्छादित कर लेता है अथवा वर्ष भर मिट्टी की सतह पर या उसके निकट जल मौजूद रहता है। जल संतृप्ति महत्वपूर्ण रूप से यह निर्धारित करती है कि मिट्टी कैसे विकसित होगी तथा मिट्टी में एवं उस पर रहने वाले पौधों और पशु
भारत की पर्वतीय वनस्पति - (October 2023)
पर्वतीय वन (मोंटेन वन) पहाड़ों में पाया जाने वाला पारिस्थितिक तंत्र है। भारत में पर्वतीय वन देश की प्राकृतिक वनस्पति का एक अभिन्न अंग हैं। ये वन मुख्य रूप से पहाड़ों में काफी ऊंचाई पर स्थित हैं तथा ऊंचाई के साथ इनमें विविधता पाई जाती है। शिवालिक पर्वतमाला के गिरिपाद में
भारत का अपवाह तंत्र - (October 2023)
निश्चित वाहिकाओं के माध्यम से हो रहे जलप्रवाह को ‘अपवाह’ कहते हैं। इन वाहिकाओं के जाल को ‘अपवाह तंत्र’ कहा जाता है। किसी क्षेत्र का अपवाह तंत्र वहां के भू-वैज्ञानिक समयावधि, चट्टानों की प्रकृति एवं संरचना, स्थलाकृति, ढाल, बहते जल की मात्र और बहाव की अवधि का परिणाम है। भारत के
राजव्यवस्था
सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्रधिकार और शक्तियां - (October 2023)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 में कहा गया है कि भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय होगा। सर्वोच्च न्यायालय का कोई भी निर्णय सभी अधीनस्थ न्यायालयों पर बाध्यकारी होगा। एक तरफ जहां, अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय की तरह भारतीय सर्वोच्च न्यायालय परिसंघीय न्यायालय, मूल अधिकारों का संरक्षण तथा संविधान का अंतिम व्याख्याकार
राज्यपाल का पद तथा उसकी शक्तियां - (October 2023)
भारत का संविधान राज्यों में केंद्र के समान सरकार के प्रतिरूप, यानी संसदीय प्रणाली की परिकल्पना करता है। राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख है तथा राज्य की कार्यकारी शक्ति राज्यपाल में निहित होती है। भाग VI (राज्य) के अनुच्छेद 153 से अनुच्छेद 167 राज्य कार्यकारिणी से संबंधित हैं। राज्यों में राज्यपाल
संसदीय शासन प्रणाली - (October 2023)
कार्यपालिका और विधायिका के बीच संबंधों के आधार पर, लोकतांत्रिक सरकार की दो प्रमुख प्रणालियां विकसित की गई हैं- संसदीय प्रणाली और राष्ट्रपति प्रणाली। भारत ने ब्रिटिश वेस्टमिंस्टर मॉडल की तर्ज पर सरकार के संसदीय स्वरूप को अपनाया है। संसदीय प्रणाली को कैबिनेट प्रणाली या जिम्मेदार सरकार या प्रधानमंत्री मॉडल के
संवैधानिक संशोधान प्रक्रिया - (October 2023)
भारत के संविधान में संशोधन करने का उद्देश्य देश के मौलिक कानून या सर्वोच्च कानून को बदलावों के माध्यम से और मजबूत करना है। संविधान के भाग XX में अनुच्छेद 368 संविधान और इसकी प्रक्रियाओं में संशोधन करने की संसद की शक्ति से संबंधित है। संविधान संशोधन की प्रक्रिया न तो ब्रिटेन
संसद सदस्यों की अयोग्यता - (October 2023)
अनुच्छेद 102भारत के संविधान में (अनुच्छेद 102 में) प्रावधान किया गया है कि संसद का कोई सदस्य सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा, यदिः वह केंद्र या राज्य सरकार के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है (संसद द्वारा छूट प्राप्त किसी मंत्री या अन्य पद को छोड़कर)। वह
संसद से संबंधित विभिन्न प्रस्ताव - (October 2023)
भारतीय संसद देश में लोक महत्व के किसी भी मामले पर विचार-विमर्श करने या विधि निर्माण का सर्वोच्च मंच है। इसके सदस्य विभिन्न विषयों पर अपना मत या निर्णय किसी मंत्री या गैर-सरकारी सदस्य द्वारा लाए गए प्रस्ताव को स्वीकृत या अस्वीकृत करके देते हैं। ध्यान रहे कि संसद में किसी
स्थानीय स्वशासन - (October 2023)
भारत में स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है। इनके द्वारा जमीनी स्तर पर कार्य किया जाता है तथा नागरिकों की अधिक से अधिक भागीदारी के माध्यम से लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जाती है। इन संस्थानों के द्वारा समाज के निचले स्तर पर
अर्थव्यवस्था
भारत में ऋण प्रबंधान - (October 2023)
ऋण प्रबंधन (Debt Management) अत्यधिक जोखिम से बचते हुए मध्यम या लंबी अवधि में कम लागत पर सरकार की फंडिंग को सुरक्षित करने के लिए किए गए विभिन्न उपायों का एक संयोजन है। ऋण प्रबंधन, तीन बुनियादी तत्वों कम लागत, जोखिम न्यूनीकरण और बाजार विकास पर आधारित है। यह सरकार के ऋण
भारत में बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण - (October 2023)
बुनियादी ढांचे का वित्तपोषण (Infrastructure Financing) से तात्पर्य, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को निधि प्रदान करने के लिए निर्मित किए गए तंत्रों के समुच्चय से है। बुनियादी ढांचे के निर्माण में वित्तपोषण सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के तंत्रसरकारी अनुदान (Government Funding) सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बजटीय
भारत की राजकोषीय नीति - (October 2023)
राजकोषीय नीति व्यापक आर्थिक स्थितियों को प्रभावित करने के लिए सरकार की व्यय एवं कर नीति के उपयोग को संदर्भित करती है, जिसमें वस्तुओं एवं सेवाओं की कुल मांग, रोजगार, मुद्रास्फीति और आर्थिक विकास को लक्षित किया जाता है। अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाना एवं व्यापक आर्थिक विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने
सरकारी प्रतिभूतियां या बॉन्ड - (October 2023)
सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities) सरकार द्वारा जारी किए गए बॉन्ड हैं। सरकारी प्रतिभूति शब्द का प्रयोग सामूहिक रूप से ट्रेजरी बिल (Treasury Bills) और सरकारी बॉन्ड (Government Bonds) के लिए किया जाता है। बॉन्ड एक ऋण साधन है, जिसमें एक निवेशक किसी इकाई (सामान्यतः कॉर्पोरेट या सरकार) को पैसा उधार देता
आरबीआई की कार्यप्रणाली एवं मौद्रिक नीति - (October 2023)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), देश का केंद्रीय बैंक है, जो भारतीय बैंकिंग प्रणाली के विनियमन के लिए उत्तरदायी है। आरबीआई की स्थापना ‘हिल्टन यंग कमीशन’ की सिफारिश पर की गई थी। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के तहत RBI की स्थापना 1 अप्रैल, 1935 को की गई थी। भारत के विभाजन के बाद,
पर्यावरण
वायु गुणवत्ता दिशा-निर्देश एवं तंत्र - (October 2023)
वायु प्रदूषण वायुमंडल में ऐसे पदार्थों की उपस्थिति है, जो मनुष्यों तथा अन्य जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं एवं जलवायु को क्षति पहुंचाते हैं। विभिन्न प्रकार के वायु प्रदूषकों में शामिल हैं- नाइट्रोजन डाइऑक्साइडः यह प्रमुख प्रदूषकों में से एक है तथा NOx के प्रमुख उत्सर्जक स्रोतों में मोटर
भारत की संकटग्रस्त एवं सुभेद्य जैव-प्रजातियां - (October 2023)
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट जारी करती है; इसे IUCN रेड लिस्ट या रेड डेटा बुक के रूप में भी जाना जाता है। यह 1964 में स्थापित, वैश्विक संरक्षण स्थिति एवं जैविक प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम की एक सूची है। देशों और
भारत में जैव विविधता संरक्षण: संस्थागत रूपरेखा - (October 2023)
भारत वन्यजीवों के संरक्षण एवं प्रबंधन से संबंधित कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय अभिसमयों (Conventions) का हस्ताक्षरकर्ता है, जिनमें जैविक विविधता पर कन्वेंशन (CBD), वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES), जंगली जानवरों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण पर कन्वेंशन [Convention on the Conservation of Migratory Species
भारत में ई-अपशिष्ट प्रबंधान - (October 2023)
ई.वेस्ट, इलेक्ट्रॉनिक-वेस्ट का संक्षिप्त रूप है तथा यह पुराने, अप्रचलित या परित्यक्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को संदर्भित करता है। इसमें उनके हिस्से, उपभोग्य वस्तुएं एवं स्पेयर शामिल हैं। इसे 21 प्रकारों में विभाजित किया गया है, जिन्हें दो बुनियादी श्रेणियों में विभाजित किया गया हैः सूचना प्रौद्योगिकी और संचार उपकरण। इलेक्ट्रिकल अथवा इलेक्ट्रॉनिक
जलवायु परिवर्तन: वैश्विक पहल - (October 2023)
तापमान एवं मौसम के पैटर्न में दीर्घकालिक परिवर्तन को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है। जलवायु परिवर्तन एक वास्तविकता है, यह अतीत में परिवर्तित हुआ है, वर्तमान में परिवर्तित हो रहा है और भविष्य में भी परिवर्तित होगा। जलवायु परिवर्तन पृथ्वी की जलवायु में एक आवधिक संशोधन है, जो वायुमंडल में परिवर्तन
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
जूनोटिक रोग - (October 2023)
मनुष्य, जानवर एवं पर्यावरण विभिन्न संक्रामक रोगों के उद्भव तथा संचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मनुष्यों को प्रभावित करने वाले अधिकांश संक्रामक रोग पशु मूल के हैं। ‘उभरती बीमारियों के लिए एशिया प्रशांत रणनीति 2010’ रिपोर्ट के अनुमान के अनुसार, उभरते मानव संक्रमणों में से लगभग 60% प्रकृति में पशुजन्य
दुर्लभ मृदा तत्वों का अनुप्रयोग - (October 2023)
दुर्लभ मृदा तत्व (Rare Earth Elements) 17 रासायनिक तत्वों का एक समूह है, जो आवर्त सारणी में एक साथ पाए जाते हैं। इस समूह में इट्रियम और 15 लैंथेनाइड्स तत्व (लैंथेनम, सेरियम, प्रेजोडायमियम, नियोडायमियम, प्रोमेथियम, समैरियम, यूरोपियम, गैडोलीनियम, टरबियम, डिस्प्रोसियम, होल्मियम, एर्बियम, थ्यूलियम, टरबियम तथा ल्यूटेटियम) शामिल हैं। स्कैंडियम दुर्लभ मृदा
आर्टिफि़शियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग - (October 2023)
1956 में पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) शब्द, जॉन मैक्कार्थी ने दिया गया था। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), कंप्यूटर सॉफ्रटवेयर या कंप्यूटर-नियंत्रित रोबोट द्वारा मानव सदृश कार्य करने की क्षमता है। यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या-समाधान और निर्णय लेने जैसे संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को संदर्भित करता
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति - (October 2023)
भारत में अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियां 1960 के दशक की प्रारंभ में शुरू हो गईं थी। पहले कदम के रूप में परमाणु ऊर्जा विभाग ने 1962 में डॉ. विक्रम साराभाई एवं डॉ. रामनाथन के नेतृत्व में अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति (INCOSPAR) का गठन किया। 15 अगस्त, 1969 को भारतीय