भारत का भूगोल
भारत में कृषि
भारत में मृदाएं - (April 2023)
पृथ्वी की ऊपरी सतह पर मिलने वाले मोटे, मध्यम और बारिक कार्बनिक तथा अकार्बनिक मिश्रित कणों को मृदा कहते हैं। मृदा के घटक खनिज कण, मृदा ह्यूमस, जल तथा वायु होते हैं, इनमें से प्रत्येक की वास्तविक मात्र मृदा के प्रकार पर निर्भर करती है। भारतीय मिट्टियों को 8
कृषि-जलवायु क्षेत्र - (April 2023)
भारत भौगोलिक विविधता वाला देश है। इसके इलाके, तापमान, वर्षा और मिट्टी में भिन्नता ने फसल पैटर्न और अन्य कृषि गतिविधियों को प्रभावित किया है। 1989 में योजना आयोग द्वारा कृषि-जलवायु क्षेत्रों को तैयार किया गया था। यह भूमि सर्वेक्षण, मिट्टी सर्वेक्षण और ग्रामीण भारत के कृषि सर्वेक्षण पर आधारित
बीज - (April 2023)
बीज देश की खाद्य और पोषण सुरक्षा की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करते हैं। विभिन्न कृषि-जलवायु क्षेत्रों में कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए बीज एक महत्वपूर्ण और बुनियादी इनपुट हैं। देश में बीज उत्पादन में सार्वजनिक क्षेत्र की हिस्सेदारी 2017-18 में 42.72 प्रतिशत से घटकर 2020-21 में 35.54
उर्वरक - (April 2023)
उर्वरक वे पदार्थ हैं जो पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक रसायन प्रदान करते हैं। उर्वरक जैविक और अकार्बनिक दोनों हो सकते हैं। भारतीय मृदा में मुख्यतः नाइट्रोजन और कार्बनिक तत्वों की कमी होती है। इस कमी को पूरा करने के लिए कृत्रिम उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। प्राचीन
सिंचाई के साधन - (April 2023)
कृत्रिम साधनों जैसे नहर, कुएँ, नलकूप, तालाब आदि से जल के स्रोत जैसे संसाधनों से फसलों को जल आपूर्ति करने की प्रक्रिया सिंचाई कहलाती है। भारत में कुल फसल क्षेत्र के दो तिहाई भाग को सिंचाई की आवश्यकता होती है। भारत में मानसून वर्षा की प्रकृति अनिश्चित, अविश्वसनीय, अनियमित, मौसमी और
भूमि उपयोग - (April 2023)
भूमि उपयोग कई कारकों द्वारा निर्धारित किया जाता है, जैसे जलवायु, मिट्टी, जनसंख्या का घनत्व, तकनीकी और सामाजिक-आर्थिक कारक। जहां उत्तर-पूर्व के राज्यों में वर्षा की अधिकता के कारण वन क्षेत्रों की प्रधानता है वहीं गुजरात, राजस्थान में वर्षा की कमी के कारण बंजर और मरुस्थल के रूप में पाया जाता
मत्स्यन क्षेत्र - (April 2023)
भारत की तटरेखा लगभग 7516.6 किमी है जो 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैली हुई है। हिंद महासागर का मछली पकड़ने के मामले में विश्व के सभी महासागरों में सबसे कम दोहन किया गया। भारत में वैश्विक मछली जैव विविधता का 10% से अधिक पाया जाता है और
सेरीकल्चर - (April 2023)
भारत चीन के बाद विश्व में रेशम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। देश का रेशम उत्पादन उद्योग ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में लगभग 9.76 मिलियन लोगों को रोजगार देता है। भारत 4 प्रकार के प्राकृतिक रेशम का उत्पादन करता है; शहतूत, एरी, तसर और मूंगा। भारत कच्चे माल के माध्यम से
पशुधन क्षेत्र - (April 2023)
भारत में 20वीं पशुधन जनगणना के अनुसार, देश में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन है। भारत में पशुधन क्षेत्र का कुल कृषि GVA (स्थिर कीमतों पर) में योगदान वर्ष 2014-15 के 24.3% से बढ़कर वर्ष 2020-21 में 30.1% हो गया। भारत में दुग्ध सबसे बड़ा एकल कृषि उत्पाद है। इसका राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था
बागवानी फसलें एवं सब्जी - (April 2023)
कृषि मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत की बागवानी फसल का उत्पादन 2020-21 में रिकॉर्ड 334.6 मिलियन टन था। 2020-21 के अंतिम अनुमान के अनुसार 200.4 मिलियन टन की तुलना में 2021-22 में सब्जी उत्पादन 2.1% बढ़कर 204.8 मिलियन टन होने का अनुमान है। बागवानी फसलों का क्षेत्रफल 2020-21 के 27.4
प्रमुख नकदी फसलें - (April 2023)
भारत खाद्यान्न के उत्पादन के साथ प्रमुख मात्रा में नकदी फसलों का भी उत्पादन किया जाता है, जिनमे गन्ना, कपास, जूट, चाय, कॉफ़ी आदि प्रमुख है। गन्ना: गन्ना उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की फसल है। रेनफेड परिस्थितियों में, इसकी खेती उप-आर्द्र और आर्द्र जलवायु में की जाती है। लेकिन यह भारत में काफी
प्रमुख खाद्यान्न फसलें - (April 2023)
वर्तमान में भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर देश है। यहां अनेक प्रकार की फसलें उत्पादित की जाती है, जिसमे से प्रमुख खाद्यान्न फसलें निम्नलिखित है; चावल: देश में खरीफ और रबी दोनों मौसमों में धान की फसल उगाई जाती है। चालू कृषि वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ सीजन में चावल
खनिज संसाधन
हीरा - (April 2023)
हीरा पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला सबसे कठोर पदार्थ है। हीरा मुख्य रूप से बुनियादी या अल्ट्राबेसिक संरचना की आग्नेय चट्टानों में और प्राथमिक स्रोतों से प्राप्त जलोढ़ निक्षेपों में पाया जाता है। इसकी संरचना शुद्ध कार्बन के रूप में होती है और इसमें एक क्यूबिक क्रिस्टल
जस्ता - (April 2023)
ये सीसा और चाँदी के साथ पाया जाता है। जस्ता आमतौर पर गैल्वनाइजिंग उद्देश्य के लिए प्रयोग किया जाता है, जो स्टील और लोहे के क्षरण को रोकने में मदद करता है। इसका उपयोग मिश्रधातु के लिए और जस्ती चादरों के निर्माण के लिए किया जाता है।ड्राई-बैटरी, सफेद पिगमेंट, इलेक्ट्रोड,
चूना पत्थर - (April 2023)
चूना पत्थर, कैल्शियम कार्बोनेट या कैल्शियम और मैग्नीशियम कार्बोनेट चट्टानों के संयोजन में पाया जाता है।यह अधिकांश भूवैज्ञानिक संरचनाओं की तलछटी चट्टानों में पाया जाता है। चूना पत्थर सीमेंट उद्योग के लिए एक बुनियादी कच्चा माल है और लौह अयस्क को गलाने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता
लिथियम - (April 2023)
लिथियम एक नरम और चांदी के समान सफेद धातु है, जिसे रिचार्जेबल बैटरी की उच्च मांग के कारण 'व्हाइट गोल्ड' भी कहा जाता है। लिथियम धातु को लिथियम क्लोराइड और पोटेशियम क्लोराइड के मिश्रण से विद्युत माध्यम से पृथक किया जाता है। लिथियम अपने अद्वितीय रासायनिक और भौतिक गुणों के
यूरेनियम - (April 2023)
भारत में यूरेनियम क्रिस्टलीय चट्टानों में पाया जाता है। यूरेनियम, प्राकृतिक रूप से कम सांद्रता में मिट्टी, चट्टान और जल में पाया जाता है। यह एक कठोर, सघन, लचीली, चांदी के समान सफेद एक रेडियोधर्मी धातुहै। झारखंड के सिंहभूम और हजारीबाग जिलों, बिहार के गया जिले और उत्तर प्रदेश के
सोना - (April 2023)
धारवाड़ शैल, सोने के खनिजीकरण के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक संरचना माना जाता है। अर्थात भारत के धारवाड़ शैल में सोना पाया जाता है। राष्ट्रीय खनिज सूची डेटा के अनुसार, देश में स्वर्ण अयस्क (प्राथमिक) के कुल भंडार/संसाधन 2015 तक 501.83 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया है। सोने
पेट्रोलियम - (April 2023)
पेट्रोलियम तलछटी घाटियों, उथले अवसादों और समुद्रों में पाई जाती है। भारत में अधिकांश पेट्रोलियम भंडार लगभग 3 मिलियन वर्ष पूर्व तृतीयक काल के तलछटी रॉक संरचनाओं से जुड़े हैं। कच्चे पेट्रोलियम में तरल और गैसीय अवस्था के हाइड्रोकार्बन होते हैं, जो रासायनिक संरचना, रंग और विशिष्ट गुरुत्व में भिन्न
कोयला - (April 2023)
कोयला मुख्य रूप से दो भूवैज्ञानिक युगों, अर्थात् गोंडवाना और तृतीयक निक्षेपों के रॉक अनुक्रमों में पाया जाता है। भारत में लगभग 80% कोयले का भंडार बिटुमिनस प्रकार का है। तमिलनाडु में 90% लिग्नाइट भंडार और भारत में लिग्नाइट के उत्पादन का लगभग 71% हिस्सा है। गोंडवाना कोयला भारत
अभ्रक - (April 2023)
अभ्रक एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला गैर-धात्विक खनिज है। अभ्रक, रूपांतरित चट्टान, आग्नेय और कायांतरित चट्टानों की शिराओं में पाया जाता है। अभ्रक का उपयोग ड्राईवॉल, पेंट, फिलर्स जैसे उत्पादों में और ऑटोमोबाइल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स में भी किया जाता है। भारत में अभ्रक मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश,
क्रोमाइट - (April 2023)
क्रोमाइट मुख्य रूप से खनिज क्रोमाइट से बनी आग्नेय चट्टान है। क्रोमाइट एवं निकिल का उपयोग लोहा इस्पात उद्योग में स्टेनलेस स्टील (stainless steel) बनाने के लिए किया जाता है, भारत में क्रोमाइट के भंडार का लगभग 203 मीट्रिक टन है। 93% से अधिक क्रोमियम संसाधन ओडिशा (कटक और जाजापुर
ताँबा - (April 2023)
कॉपर अयस्क प्राचीन और साथ ही नई रॉक संरचनाओं में पाया जाता है। कॉपर का मुख्य उपयोग हरित ऊर्जा संक्रमण उद्योग जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र आदि में होता हैं। अधिकांश तांबे का उपयोग बिजली के उपकरणों जैसे वायरिंग और मोटर्स में किया जाता है। 2021
बॉक्साइट - (April 2023)
बॉक्साइट मुख्य रूप से तृतीयक निक्षेपों में पाया जाता है और प्रायद्वीपीय भारत के पठार या पहाड़ी श्रृंखलाओं और लेटराइट चट्टानों में भी पाया जाता है। बॉक्साइट एक अयस्क है, जिसका उपयोग एल्यूमीनियम के निर्माण में किया जाता है। ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। ओडिशा में देश
मैंगनीज - (April 2023)
भारत में मैंगनीज निक्षेप लगभग सभी भूवैज्ञानिक संरचनाओं में पाए जाते हैं, तथापि, यह मुख्य रूप से धारवाड़ प्रणाली से संबंधित है। वर्तमान में मध्य प्रदेश मैंगनीज का प्रमुख उत्पादक है। मैंगनीज का उपयोग लोहा और इस्पात बनाने में किया जाता है। इसका उपयोग ब्लीचिंग पाउडर, कीटनाशक, पेंट, बैटरी,
लौह अयस्क - (April 2023)
भारत में लौह अयस्क का विशाल भंडार है। यहां लौह अयस्क की प्राप्ति धारवाड़ क्रम या कुडप्पा क्रम की आग्नेय चट्टानों से होती है। भारत में पाए जाने वाले दो मुख्य प्रकार के लौह अयस्क हेमेटाइट और मैग्नेटाइट हैं। लौह अयस्क के प्रकार हेमेटाइट: इसे आयरन का ऑक्साइड भी कहा जाता है। इसमें धातु
खनिज संसाधन - (April 2023)
भारत अपनी विविध भूगर्भीय संरचना के कारण विविध प्रकार के खनिज संसाधनों से संपन्न है। भारत में मूल्यवान खनिजों का बड़ा हिस्सा पूर्व-पैलेज़ोइक युग (Pre-Palaezoic Age) के उत्पाद हैं, जो मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत के कायांतरित और आग्नेय चट्टानों से जुड़े हैं। उत्तर का विशाल जलोढ़ मैदानी क्षेत्र
उधोग
भारत के 8 प्रमुख उद्योग - (April 2023)
कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली 8 प्रमुख उद्योग है। 8 प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में शामिल वस्तुओं के भार का 40.27% शामिल है। कोयला: कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33%) सितंबर, 2022 में सितंबर, 2021 की तुलना में 12.0% बढ़ गया। कच्चा तेल:
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम - (April 2023)
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण स्तंभ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में व्यापक योगदान देता है। ये विनिर्माण उत्पादन में लगभग 45% की हिस्सेदारी रखता है। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के 73वें दौर के अनुसार MSME क्षेत्र में 633.88 लाख इकाइयां हैं। वित्तीय वर्ष
औद्योगिक प्रदेश - (April 2023)
विभिन्न प्रकार के उद्योगों के अनेक कारखानों के संकेन्द्रण से एक वृहद क्षेत्र में औद्योगिक भूदृश्य के विकास को औद्योगिक प्रदेश कहते हैं। भारत में पाए जाने वाले वृहद औद्योगिक प्रदेश निम्न है:मुंबई और पुणे औद्योगिक प्रदेश: यह देश का सबसे महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है।इस औद्योगिक क्षेत्र के विकास के
उर्वरक उधोग - (April 2023)
उत्पादन: देश के आठ प्रमुख उद्योगों में से एक के रूप में, उर्वरक उत्पादन में 2014 से 2021 तक सकारात्मक वृद्धि हुई है। उपभोक्ता: चीन के बाद भारत यूरिया उर्वरकों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत नाइट्रोजनयुक्त उर्वरकों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर और फॉस्फेटिक उर्वरकों में
कागज उधोग - (April 2023)
वृद्धि और निर्यात: वित्त वर्ष 2021-22 में भारत से पेपर और पेपरबोर्ड का निर्यात लगभग 80% वृद्धि के साथ रिकॉर्ड 13,963 करोड़ रुपये पहुँच गया।भारत संयुक्त अरब अमीरात, चीन, सऊदी अरब, बांग्लादेश, वियतनाम और श्रीलंका को कागज निर्यात कर रहा है। विकास: देश में पहली पेपर मिल 1812 में
सीमेंट उधोग - (April 2023)
उत्पादक: भारत विश्व में सीमेंट का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो वैश्विक स्थापित क्षमता के 7% से अधिक के लिए जिम्मेदार है। वित्त वर्ष 2022 में सीमेंट का घरेलू उत्पादन वित्त वर्ष 2021 के 296 मिलियन टन से बढ़कर 356 मिलियन टन हो गया।मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा
चीनी उधोग - (April 2023)
उत्पादक एवं निर्यात: भारत 5000 लाख मीट्रिक टन से अधिक गन्ने का उत्पादन करके विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और चीनी का उपभोक्ता होने के साथ-साथ विश्व का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक बन गया है।उत्तर प्रदेश भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद महाराष्ट्र और
जूट उधोग - (April 2023)
उत्पादन: पश्चिम बंगाल, बिहार और असम भारत के कुल उत्पादन का लगभग 99% हिस्सा हैं।कुल उत्पादन का 90% घरेलू खपत हो जाता है। उत्पादक राज्य: जूट उद्योग भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रमुख उद्योगों में से एक है। भारत में प्रमुख जूट उत्पादक राज्य पश्चिम बंगाल, असम, बिहार,
सूती वस्त्र उधोग - (April 2023)
जीडीपी में योगदान: भारत में घरेलू परिधान और कपड़ा उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2% योगदान देता है। निर्यात: 2020-21 में भारत के कुल निर्यात में कपड़ा, परिधान और हस्तशिल्प की हिस्सेदारी 11.4% थी। उत्पादक: भारत विश्व में कपास और जूट के सबसे बड़े उत्पादकों में
एल्युमीनियम उधोग - (April 2023)
उत्पादन: वर्ल्ड ब्यूरो ऑफ मेटल स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, भारत में 2021 में रिफाइंड एल्युमीनियम का उत्पादन लगभग 3.96 मिलियन मीट्रिक टन था।एल्यूमिनियम के उत्पादन के दृष्टिकोण से भारत का विश्व में आठवां स्थान है।भारत, एशिया में परिष्कृत एल्यूमीनियम का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक था। उत्पादन केंद्र: प्रमुख एल्यूमिनियम
लौह एवं इस्पात उधोग - (April 2023)
उत्पादक: अप्रैल 2022 तक, भारत कच्चे इस्पात का विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक था।वित्तीय वर्ष 2022 में, कच्चे इस्पात और तैयार इस्पात का उत्पादन क्रमशः 133.596 मीट्रिक टन और 120.01 मीट्रिक टन था।भारत जापान को पीछे छोड़कर कच्चे इस्पात का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। सबसे बड़ा
उधोग - (April 2023)
हाल ही में भारत यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ते हुए विश्व की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी की ही अर्थव्यवस्था भारत से बड़ी है। अर्थव्यवस्था में उद्योग प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक, चतुर्थ और पंचम गतिविधियों के रूप में जानी जाने वाली आर्थिक
भारत में अवसंरचना
अक्षय ऊर्जा - (April 2023)
नवीकरणीय संसाधनों से प्राप्त ऊर्जा को ऊर्जा का स्थायी स्रोत माना जाता है। इस प्रकार के ऊर्जा कभी भी समाप्त नहीं होते हैं या उनके खत्म होने की संभावना लगभग शून्य होती है। वहीं दूसरी ओर जीवाश्म ईंधन, गैस और कोयला जैसे ऊर्जा के स्रोतों को सीमित संसाधन माना जाता
ताप विद्युत क्षेत्र - (April 2023)
ताप विद्युत क्षेत्र भारत में विद्युत उत्पादन का प्रमुख स्रोत रहा है, जो देश की कुल स्थापित विद्युत क्षमता का लगभग 75% है। मई 2022 तक भारत में ताप विद्युत की कुल स्थापित क्षमता 236.1 गीगावाट है, जिसमें से 58.6% कोयले से और बाकी लिग्नाइट, डीज़ल तथा गैस से प्राप्त होती
बहुउद्देशीय परियोजनाएं - (April 2023)
देश में जल संसाधनों का वैज्ञानिक प्रबंधन है। एक बहुउद्देश्यीय परियोजना जो विभिन्न उद्देश्यों जैसे बाढ़ नियंत्रण, मछली प्रजनन, सिंचाई, बिजली उत्पादन, मिट्टी संरक्षण आदि को पूरा करती है। उदाहरण के लिए, सतलुज-ब्यास नदी बेसिन में, भाखड़ा नांगल परियोजना के पानी का उपयोग पनबिजली उत्पादन और सिंचाई दोनों के लिए
विशेष आर्थिक क्षेत्र - (April 2023)
विशेष आर्थिक क्षेत्र स्पष्ट रूप से परिभाषित उस भौगोलिक क्षेत्र को कहते हैं, जहाँ से आर्थिक क्रियाकलाप, व्यापार तथा अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित किया जाता है। विशेष आर्थिक क्षेत्रों को आर्थिक नियम-विनियमों को ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक गतिविधियों के प्रोत्साहन के उद्देश्य से देश की सीमा के अंतर्गत
तेल एवं गैस पाइपलाइन - (April 2023)
लंबी दूरी के लिए बड़ी मात्रा में पेट्रोलियम उत्पादों और गैसों के परिवहन के लिए पाइपलाइन सबसे सुविधाजनक और उपयुक्त साधन हैं। जिन उत्पादों को पाइपलाइनों के माध्यम से ले जाया जा सकता है वे निम्न हैं पेट्रोलियम उत्पाद: कच्चा तेल, जेट ईंधन तरल उत्पाद:पानी, निर्जल अमोनिया गैसें: प्राकृतिक गैस, एलपीजी, ब्यूटेन ठोस उत्पाद: कोयला,
नागरिक उड्डयन - (April 2023)
विकास: भारत में विमानन क्षेत्र की शुरुआत 1911 में हुई जब इलाहाबाद और नैनी के बीच हवाई डाक का संचालन शुरू हुआ। इंडियन नेशनल एयरवेज की स्थापना 1933 में हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक प्रमुख शहर हवाई सेवाओं से जुड़ गए थे। 1953 में इंडियन एयरलाइंस कॉर्पोरेशन का गठन
भारत में बन्दरगाह - (April 2023)
भारत की तटरेखा लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी है। भारत में बंदरगाह के माध्यम से मात्रा के हिसाब से लगभग 95%और 75% मूल्य के हिसाब से बाहरी व्यापार होता हैं। बंदरगाह के प्रकार औद्योगिक बंदरगाह: औद्योगिक बंदरगाह अनाज, चीनी, खनिज, तेल, रसायन और थोक सामानों के व्यापार में महत्वपूर्ण होते हैं। वाणिज्यिक बंदरगाह: ये
आन्तरिक जल परिवहन - (April 2023)
आन्तरिक जलमार्ग के अन्तर्गत नहरों, नदियों, संकरी घाटियों आदि को सम्मिलित किया जाता है। इसके द्वारा यात्रियों और सामानों का परिवहन किया जाता है। देश में आन्तरिक जल परिवहन के तहत गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, ताप्ती, नर्मदा व कृष्णा आदि नदियों का उपयोग किया जाता है। भारत में लगभग 14500
रेल परिवहन - (April 2023)
रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये की पूंजीगत निधि का प्रावधान किए गए हैं, जो 2013-14 में उपलब्ध कराई गई धनराशि से 9 गुना अधिक और अब तक की सर्वाधिक राशि है। भारत में पहली यात्री ट्रेन मुंबई से ठाणे तक लगभग 1.6 किलोमीटर की यात्रा के लिए चलाई
परिवहन क्षेत्र - (April 2023)
भारत के सतत आर्थिक विकास समन्वित और सुचारु संपर्क में परिवहन की प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में परिवहन प्रणाली के अन्तर्गत रेल, सड़क, तटवर्ती नौ-वहन और हवाई परिवहन को सम्मिलित किया जाता है। सड़क परिवहन भारत में सड़कों के निर्माण की परम्परा सिंधु घाटी सभ्यता से विद्यमान रही है। सड़क नेटवर्क
मानव संसाधन
जनसांख्यिकी - (April 2023)
भारत में पहली बार आंशिक जनगणना तात्कालीन गवर्नर लार्ड मेयो के काल में 1872 में हुई थी। आगे चलकर, पहली व्यवस्थित जनगणना 1881 में लार्ड रिपिन द्वारा करवाई गई। भारत के पहले जनगणना आयुक्त हेनरी प्लाउडेन थे। भारत में जनगणना का कार्य गृह मंत्रालय के आधीन महापंजीयक या जनगणना आयुक्त के
मानव संसाधन - (April 2023)
मानव संसाधन, वह अवधारणा है जो जनसंख्या को अर्थव्यवस्था पर दायित्व से अधिक परिसंपत्ति के रूप में देखती है। शिक्षा प्रशिक्षण और चिकित्सा सेवाओं में निवेश के परिणाम स्वरूप जनसंख्या मानव संसाधन के रूप में बदल जाती है। मानव संसाधन उत्पादन में प्रयुक्त हो सकने वाली पूँजी है। यह मानव
भारत में वन एवं वन्यजीव
भारत में प्रवाल भित्ति - (April 2023)
प्रवाल, कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं। यह समूह में रहते हैं। चूना पत्थर (कैल्शियम कार्बोनेट) से निर्मित इसका निचला हिस्सा काफी कठोर होता है। प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं।
आर्द्रभूमि - (April 2023)
वेटलैंड्स ऐसे क्षेत्र हैं जहां पानी पौधों और जानवरों के जीवन के साथ-साथ आस-पास के पारिस्थितिक तंत्र को विनियमित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। रामसर कन्वेंशन आर्द्रभूमि को दलदल, पीटलैंड या पानी, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम, स्थायी या अस्थायी, पानी स्थिर हो या बह रहा हो, को
वन्यजीव संरक्षण - (April 2023)
भौगोलिक, जलवायु विविधताओं के साथ, भारतीय वन व्यापक प्रकार के निवास स्थान प्रदान करते हैं जो भारत में वन्यजीवों की एक बड़ी विविधता के लिए जिम्मेदार हैं। भारत में जानवरों की लगभग 80,000 से अधिक प्रजातियां पाई जाती है, जो विश्व की कुल प्रजातियों का लगभग 6.5% है। भारत
वन संरक्षण - (April 2023)
वन नीति: भारत की राष्ट्रीय वन नीति, 1988 में देश के 33% भौगोलिक क्षेत्र को वन और वृक्ष आच्छादित क्षेत्र के अन्तर्गत रखने के लक्ष्य की परिकल्पना की गई है।वन नीति के निम्न उद्देश्य हैं:पर्यावरण संतुलन बनाए रखना तथा पारिस्थितिक असंतुलन क्षेत्रों में वन लगाना।देश की प्राकृतिक धरोहर, जैव विविधता
वनों के प्रकार - (April 2023)
भारत में पाए जाने वाले वनों को निम्नलिखित श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है: 1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन: इस प्रकार के वन भारत के पश्चिमी घाट, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के साथ दक्षिणी भारत में पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में औसत वार्षिक वर्षा 200 सेमी. से अधिक तथा
पर्यटन
पर्यटन - (April 2023)
भारत ने अतीत में अपने प्रसिद्ध संपदा के कारण बहुत से यात्रियों को आकर्षित किया। चीनी बौद्ध ह्वेनसांग की यात्रा इसका एक उदाहरण है। तीर्थयात्रियों की यात्रा को बढ़ावा तब मिला जब अशोक और हर्ष जैसे सम्राटों ने तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम गृह बनाने शुरू किए। आजादी के बाद, पर्यटन लगातार पंचवर्षीय