न्यायिक प्रणाली
किशोर न्याय प्रणाली - (March 2023)
किशोर न्याय प्रणाली (Juvenile Justice System) सामाजिक कल्याण और बच्चे के अधिकारों के सिद्धांत पर आधारित है। किशोर न्याय प्रणाली का मुख्य फोकस सुधार और पुनर्वास है। किशोर न्याय प्रणाली आपराधिक कानून की एक शाखा है, जो नाबालिगों से जुड़े मामलों में न्याय प्रदान करती है। भारत में किशोर न्याय
न्यायिक अवसंरचना - (March 2023)
न्यायिक बुनियादी ढांचे (Judicial Infrastructure) में अदालतों, न्यायाधिकरणों, वकीलों के कक्षों आदि के भौतिक परिसर शामिल होते हैं। इसमें सभी संसाधनों की उपलब्धता सहित डिजिटल और मानव संसाधन अवसंरचना भी शामिल है। पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण न्यायिक अवसंरचना न्यायिक अधिकारियों के लिए न्याय प्रदान करते हुए अपनी जिम्मेदारियों को कुशलतापूर्वक निभाने
न्यायिक उत्तरदायित्व - (March 2023)
न्यायिक उत्तरदायित्व (Judicial Liability) का अर्थ है कि न्यायाधीश उन निर्णयों के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो वे स्वयं करते हैं। निर्णय लेने की प्रक्रिया में पारदर्शिता ही जवाबदेही लाने में मदद करती है। न्यायपालिका, उसके कार्यों के प्रति जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए; लेकिन न्यायपालिका सरकार की कार्यकारी या विधायी
कॉलेजियम प्रणाली - (March 2023)
न्यायिक प्रणाली में लोकतंत्र सुनिश्चित करने के लिये वर्ष 1993 में कॉलेजियम प्रणाली (Collegium System) का एक नया तंत्र स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय उनकी व्यक्तिगत राय नहीं है, बल्कि न्यायपालिका में सर्वोच्च सत्यनिष्ठा वाले न्यायाधीशों के एक
न्यायिक समीक्षा/सक्रियता/अतिरेक/संयम - (March 2023)
न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) विधायी अधिनियमों तथा कार्यपालिका के आदेशों की संवैधानिकता की जांच करने हेतु न्यायपालिका की शक्ति है, जो केंद्र एवं राज्य सरकारों पर लागू होती है। न्यायिक समीक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत कार्यपालिका और विधायी कार्य न्यायपालिका द्वारा समीक्षा के अधीन हैं।न्यायिक समीक्षा शक्ति वाला
न्यायिक हिरासत बनाम पुलिस हिरासत - (March 2023)
सामान्यतया हिरासत का अर्थ एक व्यक्ति पर नियंत्रण या निगाह रखना है। इसका तात्पर्य किसी व्यक्ति के अपनी इच्छा के मुताबिक कहीं आने-जाने पर प्रतिबंध से है। हिरासत भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत व्यक्तिगत आजादी के अधिकार पर सीधा हमला है।इसलिए यह सुनिश्चित करने के लिए कानून में
आपराधिक न्याय प्रणाली - (March 2023)
आपराधिक न्याय प्रणाली (Criminal Justice System) के अंतर्गत जेल प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा न्याय व्यवस्था तीनों को ही शामिल किया जाता है। आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार से आशय इसके तीनों घटकों- न्याय व्यवस्था, जेल प्रशासन व पुलिस में सुधार से है। सम्पूर्ण आपराधिक न्याय प्रणाली में समग्र सुधार के लिए इसके
न्यायालय की अवमानना - (March 2023)
अदालत की अवमानना (Contempt of Court) का तात्पर्य ऐसी किसी भी कार्रवाई से है, जो किसी अदालत के अधिकार की निंदा करे, उसका अपमान करे या अदालत के अपने कार्य करने की क्षमता में बाधा डाले। इस सन्दर्भ में न्यायालयों को प्राप्त अवमानना के क्षेत्रधिकार का उद्देश्य कानून की महिमा और
निवारक निरोध - (March 2023)
निवारक निरोध (Preventive Detention) का तात्पर्य ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने से है, जिसने अभी तक कोई अपराध नहीं किया है, लेकिन अधिकारी उसे कानून और व्यवस्था के लिए संभावित खतरा मानते हैं। संभावित अपराध को रोकने के उद्देश्य से राज्य किसी व्यक्ति को ‘निवारक निरोध’ के तहत हिरासत
अग्रिम जमानत - (March 2023)
अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) न्यायालय द्वारा दिया गया एक निर्देश है, जिसमें किसी व्यक्ति को उसके गिरफ्तार होने के पहले ही जमानत दे दी जाती है, अर्थात् आरोपित व्यक्ति को इस मामले में गिरफ्तार नहीं किया जाता है। भारत के आपराधिक कानून के अंतर्गत गैर-जमानती अपराध के आरोप में गिरफ्तार
रिट याचिकाएं (Writ Petitions) - (March 2023)
ये भारत के नागरिक या विदेशी लोगों के मौलिक अधिकारों को बनाए रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश हैं। इसलिए रिट को न्यायालय द्वारा जारी एक औपचारिक आदेश के रूप में समझा जा सकता है। एक रिट याचिका किसी भी व्यक्ति द्वारा दायर की जा सकती
कानून की उचित प्रक्रिया - (March 2023)
संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार किसी भी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं। भारतीय संविधान में कानून की उचित प्रक्रिया शब्द का प्रयोग सीधे तौर पर नहीं किया गया है। न्यायिक व्याख्याओं के अनुसार, अनुच्छेद
प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत - (March 2023)
प्राकृतिक न्याय का अर्थ है, वह न्यूनतम मानक एवं सिद्धांत है, जिनका प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा अनुसरण या पालन किया जाना चाहिए, जब वे उन मसलों पर फैसला कर रहे हों, जो जनता से जुड़े हों। प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत (Principles of Natural Justice) रोमन कानून के ‘जस नेचुरल’ शब्द से