विधि निर्माण एवं संसदीय प्रणाली
संसदीय उत्पादकता में गिरावट - (March 2023)
हाल के समय में संसदीय कार्यवाही में गतिरोध, व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर असहमति, ससंद सदस्यों की उपस्थिति को लेकर उदासीनता तथा विभिन्न विधेयकों को तीव्रता से पारित करने की प्रवृत्ति आदि कारणों से संसदीय कार्यप्रणाली की उत्पादकता का क्षरण हुआ है। पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च रिकॉर्ड के अनुसार, 15वीं लोकसभा (2009-14)
स्थायी समिति - (March 2023)
स्थायी समितियों (Standing Committee) का गठन वार्षिक रूप से किया जाता है। वित्तीय समितियां, विभागीय समितियां आदि स्थायी समितियों के कुछ प्रमुख उदाहरण हैं। मंत्री किसी स्थायी समिति के सदस्य के रूप में मनोनीत होने के लिये पात्र नहीं होता है। प्रत्येक स्थायी समिति का कार्यालय उसके गठन की
संयुक्त संसदीय समिति - (March 2023)
संसदीय समिति सांसदों का एक पैनल है, जिसे सदन द्वारा नियुक्त या निर्वाचित किया जाता है या लोक सभा अध्यक्ष एवं राज्य सभा के सभापति द्वारा नामित किया जाता है। संयुक्त संसदीय समिति (Joint Parliamentary Committee) का गठन संसद के समक्ष प्रस्तुत किसी विशेष विधेयक की जांच करने के लिए
राज्य सभा की शक्तियां - (March 2023)
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा का प्रावधान किया गया है।राज्य की शक्तियां निम्नलिखित हैं: विधायी शक्तियां: गैर-वित्तीय विधेयकों के मामलों में राज्यसभा को भी लोकसभा के समान शक्तियां प्राप्त हैं। ऐसे विधेयक दोनों सदनों की सहमति के बाद ही कानून बनते हैं।धन विधेयक के मामले में राज्यसभा
विधान परिषद एवं राज्यसभा के मध्य तुलना - (March 2023)
भारत में केंद्र और कुछ राज्यों में विधानमंडलों की द्विसदनीय प्रणाली है। राज्य स्तर पर, लोकसभा के समकक्ष विधानसभा है और राज्यसभा के समकक्ष विधान परिषद है। वर्तमान समय में 6 राज्यों में विधान परिषद अस्तित्व में है। ये राज्य हैं: उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और
लोकसभा के उपाध्यक्ष - (March 2023)
लोकसभा का उपाध्यक्ष संसदीय लोकतंत्र का प्रतीक हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 93 में लोक सभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों के चुनाव का प्रावधान है। लोकसभा का उपाध्यक्ष लोकसभा के अध्यक्ष के अधीनस्थ नहीं होता है, बल्कि वह लोकसभा के लिए जिम्मेदार होता है और अध्यक्ष के बाद
संसद के प्रति कार्यपालिका का सामूहिक उत्तरदायित्व - (March 2023)
सामूहिक जिम्मेदारी सरकार की संसदीय प्रणाली के कामकाज में अंतर्निहित मूलभूत सिद्धांत है। संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, सभी मंत्री अपने सभी कार्यों के लिए लोकसभा के प्रति संयुक्त उत्तरदायित्व रखते हैं। वे एक टीम के रूप में काम करते हैं। इस प्रकार, यदि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करती है
संसदीय कार्यवाही - (March 2023)
भारतीय लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। संसद ही इस बात का प्रमाण है कि हमारी राजनीतिक व्यवस्था में जनता सबसे ऊपर है, अर्थात जनमत सर्वोपरि है। संसद अपनी कार्यवाहियों को विभिन्न माध्यमों से पूर्ण करता है। प्रश्नकाल (Question Hour): प्रत्येक संसदीय बैठक के पहले घंटे को
संसदीय विशेषाधिकार - (March 2023)
देश में विधानसभा, विधानपरिषद और संसद के सदस्यों के पास कुछ विशेष अधिकार होते हैं, ताकि वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों को पूरा कर सकें, इन्हें ही संसदीय विशेषाधिकार (Parliamentary Privileges) कहते हैं। संविधान के अनुच्छेद 105 में संसद के दोनों सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों एवं अनुच्छेद