संवैधानिक/गैर संवैधानिक निकायों का अधिदेश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) एक वैधानिक निकाय है, जिसकी स्थापना 1993 में हुई थी। आयोग देश में मानवाधिकारों का प्रहरी है। आयोग का गठन पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप किया गया है। यह संविधान द्वारा गारंटीकृत व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, समानता और सम्मान के अधिकार की रक्षा करने
भारत का नियंत्रक-महालेखापरीक्षक (CAG) - (March 2023)
संविधान के अनुच्छेद 148 के अनुसार भारत का एक नियंत्रक-महालेखापरीक्षक होगा, जिसकेा राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुद्रा सहित अधिपत्र द्वारा नियुक्त करेगा। इसका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है (दोनों में से जो भी पहले हो)। उसे उसके पद से केवल उसी रीति से और
वित्त आयोग - (March 2023)
वित्त आयोग (Finance Commission) एक संवैधानिक निकाय है, जो राजकोषीय संघवाद की धुरी है, जिसका गठन संविधान के अनुछेद 280 के तहत किया जाता है। इसका मुख्य दायित्व संघ व राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, उनके बीच करों के बटवारे की संस्तुति करना तथा राज्यों के बीच इन
भारतीय निर्वाचन आयोग - (March 2023)
भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्थान है, जिसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से विभिन्न से भारत के प्रातिनिधिक संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था। भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को की गयी थी। संविधान के भाग-15 के अनुच्छेद-324 से
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र - (March 2023)
एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (International Financial Services Center) घरेलू अर्थव्यवस्था के अधिकार क्षेत्र से बाहर के ग्राहकों को सेवा प्रदान करता है। ऐसे केंद्र अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार वित्त, वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के प्रवाह से निपटते हैं।लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर को वैश्विक वित्तीय केंद्रों के रूप में गिना
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम 1993 के अधीन इस आयोग का गठन एक सांविधिक निकाय के रूप में किया गया था, किंतु 102वें संविधान संशोधन द्वारा अनु 338(B) के तहत इसे संवैधानिक दर्जा दिया गया। 102वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा भारतीय संविधान में दो नए अनुच्छेदों 338B और 342A को
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है। 89वें संशोधन अधिनियम, 2003 द्वारा राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग से अलग करके संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना 2004 में की गई।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना अनुच्छेद 338 में 89वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2003 के माध्यम से संविधान में एक नया अनुच्छेद 338क अंतःस्थापित करके की गयी थी। अतः यह एक संवैधानिक निकाय है। पहला राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग मार्च, 2004 में गठित हुआ था। इस संशोधन द्वारा तत्कालीन राष्ट्रीय
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग - (March 2023)
प्रतिस्पर्धा अधिनियम, 2002 के माध्यम से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) का गठन केन्द्र सरकार द्वारा अक्टूबर, 2003 को किया गया था। आयोग एक अर्ध-न्यायिक निकाय है। यह वैधानिक निकायों को सलाह भी प्रदान करता है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग में केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त 1 अध्यक्ष तथा 6 सदस्य शामिल
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग - (March 2023)
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) बाल अधिकारों और अन्य संबंधित मामलों की रक्षा के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत देश में गठित एक वैधानिक निकाय है। यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) - (March 2023)
इसकी की स्थापना भ्रष्टाचार निवारण से संबंधित के- संथानम समिति की सिफारिशों के आधार पर भारत सरकार द्वारा अप्रैल, 1963 को की गई थी। सीबीआई का अधीक्षण भ्रष्टाचार के मामलों में केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) द्वारा और अन्य मामलों में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा किया जाता है। वर्तमान
प्रवर्तन निदेशालय (ED) - (March 2023)
प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक कानून प्रवर्तन एजेंसी तथा आर्थिक खुफिया एजेंसी है जो भारत में आर्थिक कानूनों को लागू करने और आर्थिक अपराध से लड़ने के लिए जिम्मेदार है। यह वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत कार्य करता है। इस निदेशालय की स्थापना 1956 को हुई, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम,
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) - (March 2023)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) भारत की केंद्रीय आतंक रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को प्रभावित करने वाले सभी अपराधों की जांच करने के लिये अनिवार्य है। इसका गठन राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 के तहत किया गया था। इसका मुख्यालयः नई दिल्ली