सिविल सर्विसेज मेन्स परीक्षा हिंदी साहित्य पेपर II - 2022 तक


सिविल सेवा परीक्षा-2022

खण्ड- A


1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 150 शब्दों में सप्रसंग व्याख्या कीजिए: 10×5=50

(a) पीछै लगा जाइ था, लोक वेद के साथि।

आगै थैं सतगुर मिल्या, दीपक दीया हाथि।।

दीपक दीया तेल भरि, बाती दई अघट्ट।

पूरा किया बिसाहुणां, बहुरि न आंवौं हट्ट।।

(b) बेद पुरान बिहाइ सुपंथ कुमारग कोटि कुचाल चली है।

काल कराल, नृपाल कृपालन राज समाज बड़ोई छली है।।

बर्न-बिभाग न आस्रम धर्म, दुनी दुख-दोष-दरिद्र दली है।

स्वारथ को परमारथ को कलि राम को नाम प्रताप बली है।।

(c) रससिंगार-मंजनु किए, कंजनु भंजनु दैन।

अंजनु रंजनु हूँ बिना खंजनु गंजनु नैन।।

तो पर वारौं उरबसी, सुनि, राधिके सुजान।

तू मोहन कै उर बसी द्वै उरबसी-समान।।

(d) कौन हो तुम वसंत के दूत विरस पतझड़ में अति सुकुमार।

घन-तिमिर में चपला की रेख, तपन में शीतल मंद बयार।

नखत की आशा-किरण समान, हृदय के कोमल कवि की कांत -

कल्पना की लघु लहरी दिव्य, कह रही मानस-हलचल शांत।

(e) धिक् जीवन को जो पाता ही आया विरोध,

धिक् साधन जिसके लिए सदा ही किया शोध।

जानकी! हाय, उद्धार प्रिया का हो न सका।


2.(a) भाव, भाषा एवं विचार की दृष्टि से निराला की ‘कुकुरमुत्ता’ कविता का मूल्यांकन कीजिए। 20

(b) "गुप्ता जी ने 'भारत-भारती' में अतीत का गौरव गान, वर्तमान को रचनात्मक ऊर्जा एवं जागरण का संदेश देने हेतु किया है।" स्पष्ट कीजिए। 15

(b) ‘असाध्य वीणा’ कविता का मूल स्रोत क्या है? कवि ने कविता-सृजन की प्रक्रिया को किन स्तरों पर प्रस्तुत किया है? 15


3.(a) "सूरदास द्वारा भ्रमरगीत प्रसंग की योजना का मुख्य उद्देश्य निर्गुण पर सगुण की विजय दिखाना है।" इस कथन की युक्तिसंगत समीक्षा कीजिए। 20

(b) "जायसी ने नागमती के वियोग-वर्णन द्वारा नारी की व्यथा-कथा को प्रस्तुत किया है।" इस कथन से आप कितने सहमत हैं, उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 15

(c) "दिनकर ने ‘कुरुक्षेत्र’ में युधिष्ठिर और भीष्म के माध्यम से अपने ही मानसिक अंतर्द्वद्वों को अभिव्यक्त किया है।" कथन का तर्कपूर्ण विवेचन कीजिए। 15


4.(a) कबीर-वाणी वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कितनी प्रासंगिक है? उदाहरण सहित लिखिए।20

(b) ‘ब्रह्मराक्षस’ अस्तित्ववादी मान्यताओं और खंडित व्यक्तित्व का प्रतीक है। इस कथन के आलोक में 'ब्रह्मराक्षस' कविता की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए। 15

(c) ‘हरिजन गाथा’ कविता के आधार पर नागार्जुन की जनवादी दृष्टि की मीमांसा कीजिए। 15


खण्ड-'B'


5. निम्नलिखित अवतरणों की लगभग 150 शब्दों में सप्रसंग व्याख्या कीजिएः 10×5=50

(a) जिसका मन अपने वश में नहीं है, वही दूसरे के मन का छंदावर्तन करता है, अपने को छिपाने के लिए मिथ्या आडंबर रचता है, दूसरों को फँसाने के लिए जाल बिछाता है। कुटज सब मिथ्याचारों से मुक्त है। वह वशी है। वह वैरागी है।

(b) कौन कहता है कि हम-तुम आदमी हैं। हममें आदमियत कहां? आदमी वह है जिसके पास धन है, अख्तियार है, इलम है। हम लोग तो बैल हैं और जुतने के लिए पैदा हुए हैं।

(c) संपूर्ण संसार कर्मण्य वीरों की चित्रशाला है। वीरत्व एक स्वावलंबी गुण है। प्राणियों का विकास संभवतः इसी विचार के ऊर्जित होने से हुआ है। जीवन में वही तो विजयी होता है जो दिन-रात श्युद्धस्व विगतज्वरः' का शंखनाद सुना करता है।

(d) परलोक में अधिक भोग का अवसर पाने की कामना से किया गया यह त्याग त्याग नहीं। तुम्हारी आशा और विश्वास के अनुसार यह त्याग भोग की आशा का मूल्य है, भोग की इच्छा है तो साधन रहते भोग करो।

(e) काव्य-साहित्य और अन्य कलाएँ मूलतः सृजनात्मक हैं, अतः उनमें राजनीति के कार्य-विभाजन जैसा कोई विभाजन संभव ही नहीं होता। कोई भी सच्चा कलाकार ध्वंसयुग का अग्रदूत रहकर निर्माण का भार दूसरों पर नहीं छोड़ सकता, क्योंकि उसकी रचना तो निर्माण तक पहुंचने के लिए ही ध्वंस का पथ पार करती है।


6.(a) ‘भारत दुर्दशा’ नाटक अंग्रेजी राज्य की अप्रत्यक्ष रूप से कटु और सच्ची आलोचना है। विश्लेषण कीजिए। 20

(b) "दिव्या’ इतिहास नहीं, ऐतिहासिक कल्पना मात्र है।" इस कथन के आधार पर ‘दिव्या’ उपन्यास में इतिहास और कल्पना के समन्वय का विवेचन कीजिए। 15

(c) ‘गोदान’ की भाषा और उसके शिल्प की विशेषताएँ बताइए। 15


7.(a) "आषाढ़ का एक दिन’ की मल्लिका स्वाधीन चेता स्त्री के जीवन के स्वाभिमान और विडंबना को चरितार्थ करती है।" इस कथन की समीक्षा कीजिए। 20

(b) ‘मेरे राम का मुकुट भीग रहा है’ निबंध की ललित निबंध के रूप में तात्त्विक समीक्षा कीजिए। 15

(c) "महाभोज’ उपन्यास राजनीतिक विकृतियों का सच्चा दस्तावेज है।" इस कथन से आप कितने सहमत हैं, तर्कसंगत मीमांसा कीजिए। 15


8.(a) ‘कविता क्या हैं’ निबंध के आधार पर आचार्य रामचंद्र शुक्ल के काव्य विषयक विचार प्रस्तुत कीजिए। 20

(b) ‘नयी कहानी’ की अवधारणा के संदर्भ में निर्मल वर्मा की कहानी ‘परिंदे’ की समीक्षा कीजिए। 15

(c) ‘मैला आँचल’ उपन्यास की भाषा, परिवेश को जीवंत करने में कितनी सफल सिद्ध हुई है? उदाहरण सहित विवेचन कीजिए। 15


सिविल सेवा परीक्षा-2021

खण्ड- A


1. निम्नलिखित की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिएः 10×5 = 50

(a) काहे को रोकत मारग सूधो?

सुनहु मधुप! निर्गुन-कंटक तें राजपंथ क्यों रूंधौ?

कै तुम सिखै पठाए कुब्जा, कै कही स्यामघन जू धौं?

बेद पुरान सुमृति सब ढूंढ़ौ जुवतिन जोग कहूं धौ?

ताको कहा परेखौ कीजै जानत छाछ न दूधौ।

सूर मूर अक्रूर गए लै ब्याज निबेरत ऊधौ।।

(b) धूत कहौ, अवधूत कहौ, राजपूतु कहौ, जोलहा कहौ कोऊ।

काहू की बेटी सों, बेटा न ब्याहब, काहू की जाति बिगार न सोऊ।

तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको, रुचै सो कहै कुछ ओऊ।

मांगि कै खैबो मसीत को सोईबो, लैबो को, एकु न दैबे को दोऊ।।

(c) दुःख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात।

एक परदा यह झीना नील, छिपाये है जिसमें सुख गात।

जिसे तुम समझे हो अभिशाप, जगत की ज्वालाओं का मूल-

ईश का वह रहस्य वरदान, कभी मत इसको जाओ भूल।।

(d) कांपते हुए किसलय, -झरते पराग समुदय,-

गाते खग नव-जीवन-परिचय, तरु मलय-वलय,

ज्योतिः प्रपात स्वर्गीय, -ज्ञात छवि प्रथम स्वीय-

जनकी-नयन-कमनीय प्रथम कम्पन तुरीय।

(e) दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद

धुआं उठा आंगन से ऊपर कई दिनों के बाद

चमक उठी घर भर की आंखें कई दिनों के बाद

कौए ने खुजलाई पांखें कई दिनों के बाद।


2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) ‘‘कबीर वाणी के डिक्टेरर हैं।” इस कथन के आलोक में कबीर की अभिव्यंजना शैली पर विचार कीजिए। 20

(b) ‘‘जायसी ने इतिहास और कल्पना के सुंदर समन्वय से यह अत्यंत उत्कर्ष का महाकाव्य दिया है।” इस कथन के आधार पर ‘पद्मावत’की समीक्षा कीजिए। 15

(c)‘‘बिहारी ने अन्योक्तियों व सूक्तियों के माध्यम से जीवन के सत्य का सजीव वर्णन किया है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 15


3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) अज्ञेय द्वारा रचित कविता ‘असाध्य वीणा’की मूल संवेदना स्पष्ट कीजिए। 20

(b) ‘‘गुप्त जी ने ‘भारत-भारती’ के माध्यम से न सिर्फ अतीत के गौरव का गान किया है, बल्कि वर्तमान को भी झकझोरा है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 15

(c) ‘‘दिनकर युगचेता कवि हैं।” कुरुक्षेत्र से उदाहरण देते हुए इस कथन की सत्यता प्रमाणित कीजिए। 15


4. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) ‘‘कामायनी’ का गौरव उसके युगबोध, परिपुष्ट चिंतन, महत् उद्देश्य और प्रौढ़ शिल्प में निहित है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 20

(b) मुक्तिबोध की कविता ‘ब्रह्मराक्षस’में अंतःस्यूत फैंटेसी को व्याख्यायित कीजिए।15

(c) ‘हरिजन गाथा’कविता की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए। 15


खण्ड- B


5. निम्नलिखित अवतरणों की सप्रसंग व्याख्या लगभग 150 शब्दों में कीजिएः 10×5 = 50

(a) अंधकार का आलोक से, असत् का सत् से, जड़ का चेतन से और बाह्य जगत् का अंतर्जगत् से संबंध कौन कराती है? कविता ही न!

(b) प्रेम में कुछ मान भी होता है, कुछ महत्व भी। श्रद्धा तो अपने को मिटा डालती है और अपने मिट जाने को ही अपना इष्ट बना लेती है। प्रेम अधिकार करना चाहता है, जो कुछ देता है, उसके बदले में कुछ चाहता भी है।

(c) विधाता की सृष्टि में मानव ही सबसे बड़ा शक्तिशाली है। उसको पराजित करना असंभव है, प्रचण्ड शक्तिशाली बमों से भी नहीं। पागलों! आदमी-आदमी है, गिनीपिग नहीं।---- सबारि ऊपर मानुस सत्य!

(d) साहित्यकार का लक्ष्य केवल महफिल सजाना और मनोरंजन का सामान जुटाना नहीं है- उसका दरजा इतना न गिराइए। वह देश-भक्ति और राजनीति के पीछे चलने वाली सचाई भी नहीं, बल्कि उनके आगे मशाल दिखाती हुई चलने वाली सचाई है।

(e) जिसे तुम नाश कहती हो, वह केवल परिवर्तन है। अमरता का अर्थ है अपरिवर्तन। कल्पना करो, संसार में कोई भी परिवर्तन न हो? उस संसार में क्या सुख और आकर्षण होगा?


6. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) ‘‘गोदान के पात्र व्यष्टिपरक न होकर वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में आते हैं।” सिद्ध कीजिए। 20

(b) ‘‘रामचंद्र शुक्ल के निबंधों में बुद्धितत्व और हृदय की अनुभूति का सुंदर समन्वय हुआ है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 15

(c) ‘महाभोज’उपन्यास के नामकरण की सार्थकता पर विचार कीजिए। 15


7. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) ‘‘भारत-दुर्दशा’अतीत गौरव की चमकदार स्मृति है, आंसू भरा वर्तमान है और भविष्य-निर्माण की भव्य प्रेरणा है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 20

(b) ‘‘प्रसाद जी के नाटक न सुखांत हैं न दुःखांत, बल्कि वे प्रसादांत हैं।” इस कथन पर अपनी सहमति-असहमति व्यक्त कीजिए। 15

(c) गांधीवादी विचारधारा के आलोक में बावनदास के चरित्र का विश्लेषण कीजिए। 15


8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिएः

(a) ‘‘मल्लिका की अनन्यता एवं सात्विक प्रेम ‘आषाढ़ का एक दिन’की महती उपलब्धि है। उसके चरित्र में भारतीय आदर्श ललना साकार हो उठी है।” इस कथन की तर्कसंगत मीमांसा कीजिए। 20

(b) ‘साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है’निबंध की तात्विक समीक्षा कीजिए। 15

(c) ‘‘चीफ की दावत’ मध्यवर्गीय अवसरवादिता और मानवीय मूल्यों के विघटन का जीवंत दस्तावेज है।” इस कथन की विवेचना कीजिए। 15


सिविल सेवा परीक्षा-2020

खण्ड-A


1. निम्नलिखित काव्यांशों की लगभग 150 शब्दों में ऐसी व्याख्या कीजिए कि इसमें निहित काव्य-मर्म भी उद्घाटित हो सकेः 10 × 5 = 50

(a) कबीर प्रेम न चषिया, चषि न लीया साव।
सूनें घर का पाहुणां, ज्यूं आया त्यूं जाव।।
कबीर चित चमंकिया, यहूं दिसि लागी लाइ।
हरि सुमिरण हाथू घड़ा, बेगे लेहु बुझाइ।।

(b) खेलन सिखए, अलि, भलै चतुर अहेरी मार।
कानन-चारी नैन-मृग नागर नरनु सिकार।।
लग्यो सुमनु ह्नै है सफलु, आतप-रोसु निवारि।
बारी, बारी अपनी सींचि सुहृदता-बारि।।

(c) जिसकी प्रभा के सामने रवि-तेज भी फीका पड़ा,
अध्यात्म-विद्या का यहां आलोक फैला था बड़ा।
मानस-कमल सबके यहां दिन-रात रहते थे खिले,
मानो सभी जन ईश की ज्योतिश्छटा में थे मिले।।

(d) शोषण की शृंखला के हेतु बनती जो शांति,
युद्ध है, यथार्थ में, व भीषण अशांति है_
सहना उसे हो मौन, हार मनुजत्व की है,
ईश की अवज्ञा घोर, पौरुष की श्रांति है_
पातक मनुष्य का है, मरण मनुष्यता का,
ऐसी शृंखला में धर्म विप्लव है, क्रांति है।

(e) अलस अंगड़ाई लेकर मानो जाग उठी थी वीणा
किलक उठे थे स्वर-शिशु।
नीरव पद रखता जालिक मायावी
सधे करों से धीरे-धीरे
डाल रहा था जाल हेम तारों का।


2. (a) कवितावली में निहित युगीन संदर्भों का सोदाहरण विवेचन कीजिए। 20

(b) ‘पद्मावत’ में आध्यात्मिक प्रेम की झांकियां विद्यमान हैं। इस कथन से आप कहां तक सहमत हैं? सोदाहरण समझाइए। 15

(c) ‘मुक्तिबोध अपनी कविता में एक सच्चा-खरा और संघर्षशील संसार रचते हैं’। इस कथन की समीक्षा कीजिए। 15


3. (a) ‘कुरुक्षेत्र’ एक साधारण मनुष्य का शंकाकुल हृदय है, जो मस्तिष्क के स्तर पर चढ़कर बोल रहा है। इस कथन की समीक्षा कीजिए। 20

(b) ‘प्रसाद मूलतः प्रेम और सौंदर्य के कवि हैं’। इस कथन के आधार पर ‘कमायनी’ में अभिव्यक्त प्रेम एवं सौंदर्य का स्वरूप स्पष्ट कीजिए। 15

(c) सूरदास में जितनी सहृदयता और भावुकता है प्रायः उतनी चतुरता और वाग्विदण्डता भी है। ‘भ्रमरगीत सार’ के परिप्रेक्ष्य में विवेचना कीजिए। 15


4. (a) कबीरदास की रचना संसार में निहित समाज-चिंता पर प्रकाश डालिए। 20

(b) ‘राम की शक्तिपूजा’ एक पराजित मन और दूसरे अपराजित मन के अस्तित्व की अनुभूति है। इस कथन की व्याख्या करते हुए निराला के काव्य का मूल्यांकन कीजिए। 15

(c) नागार्जुन की कविता में प्रकृति वर्णन का विवेचन कीजिए। 15


खण्ड-B


5. निम्नलिखित गद्यांशों की संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए और उसका भाव सौंदर्य प्रतिपादित कीजिए। 10 × 5 = 50

(a) इस गतिशील जगत में परिवर्तन पर आश्चर्य ! परिवर्तन रूका की महापरिवर्तन - प्रारूप हुआ। परिवर्तन ही सृष्टि है, जीवन है। स्थिर होना मृत्यु है, निश्चेष्ट शांति मरण है। प्रकृति क्रियाशील है। समय पुरुष और स्त्री की गेंद लेकर दोनों हाथ से खेलता है। 10

(b) राजनीति साहित्य नहीं है। उसमें एक एक क्षण का महत्व है। कभी एक क्षण भी स्खसित हो जाए तो बड़ा अनिष्ट हो सकता है। राजनीतिक जीवन की धुरी में बने रहने के लिए व्यक्ति को बहुत जागरूक रहना पड़ता है। 10

(c) यदि प्रेम स्वप्न है, तो श्रद्धा जागरण है। प्रेम प्रिय को अपने लिए और अपने को प्रिय के लिए संसार से अलग करना चाहता है। प्रेम में केवल दो प्रक्ष होते हैं और श्रद्धा में तीन। प्रेम में कोई मध्यस्थ नहीं पर श्रद्धा में मध्यस्थ अपेक्षित है। 10

(d) मैं प्रेम को संदेह से ऊपर समझती हूं। यह देह की वस्तु नहीं, आत्मा की वस्तु है। संदेह का वहां जरा भी स्थान नहीं और हिंसा तो संदेह का ही परिणाम है। वह संपूर्ण आत्म-समर्पण है। उसके मंदिर में तुम परीक्षक बनकर नहीं, उपासक बनकर ही वरदान पा सकते हो। 10

(e) और यह राजधानी ! जहां सब अपना है, अपने देश का है ------------पर कुछ भी अपना नहीं है, अपने देश का नहीं है। तमाम सड़कें हैं, जिन पर वह जा सकता है, लेकिन वे सड़कें वहीं नहीं पहुंचाती। उन सड़कों के किनारे घर है, बस्तियां हैं पर किसी भी घर में वह नहीं जा सकता। 10


6. (a) ‘भारत दुर्दशा’ नाटक में व्यंग्य को एक जबरदस्त हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है। स्पष्ट कीजिए। 20

(b) ‘दिव्या’ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में व्यक्ति और समाज की प्रवृत्ति और गति का चित्र है। इस कथन का आलोचनात्मक विवेचन कीजिए। 15

(c) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित निबंध ‘कुटज’ का तात्विक विवेचन कीजिए। 15


7. (a) ‘कविता क्या है’ निबंध के आधार पर कविता के संबंध में निबंधकार के विचारों का विवेचन कीजिए। 20

(b) ‘प्रसाद के नाटक भारत के इतिहास का पुनर्निर्माण करते हैं’। स्कंदगुप्त नाटक के संदर्भ में इस कथन की व्याख्या कीजिए। 15

(c) ‘मैला आंचल’ के आधार पर उपन्यासकार की जीवनदृष्टि का परिचय दीजिए। 15


8. (a) ‘आषाढ़ का एक दिन’ का कालिदास दुर्बल नहीं है_ कोमल, अस्थिर और अंतर्द्वद्व से पीडि़त है। इस कथन की सप्रमाण संपुष्टि कीजिए। 20

(b) ‘गोदान’ भारतीय कृषि जीवन का ज्वलंत दस्तावेज है। इस कथन की सोदाहरण समीक्षा कीजिए। 15

(c) ‘भोलाराम का जीव’ के माध्यम से हरिशंकर परसाई की व्यंग्य चेतना पर प्रकाश डालिए। 15