इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग अवसंरचना हेतु संशोधित दिशा-निर्देश

केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 14 जनवरी, 2021 को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग अवसंरचना हेतु संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए।

उद्देश्यः सुरक्षित, विश्वसनीय और किफायती बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करके भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने में सक्षम बनाना।

महत्वपूर्ण तथ्यः दिशा-निर्देश किसी व्यक्ति या इकाई को लाइसेंस की आवश्यकता के बिना चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की अनुमति देते हैं बशर्ते वे तकनीकी, सुरक्षा और निष्पादन मानकों को पूरा करते हों।

  • इलेक्ट्रिक वाहन मालिक अपने मौजूदा बिजली कनेक्शन का उपयोग करके अपने निवास/कार्यालयों में अपने वाहनों को चार्ज कर सकते हैं। चार्जिंग स्टेशन को आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाने में भूमि उपयोग के लिए एक राजस्व साझेदारी मॉडल लागू किया गया है। राज्य सरकारें सेवा शुल्क की सीमा तय करेंगी।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का एक राष्ट्रीय ऑनलाइन डेटाबेस तैयार करके उसका रखरखाव करेगा।
  • बीईई दस लाख से अधिक आबादी वाले नौ प्रमुख शहरों- मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता, सूरत और पुणे के लिए सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए कार्य योजना तैयार करने की प्रक्रिया में है।
  • प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार वर्ष 2030 तक इन शहरों में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए चलते आ रहे (business as usual) परिदृश्य में 3,263 चार्जर, मध्यम परिदृश्य में 23,524 चार्जर और सघन परिदृश्य के तहत 46,397 चार्जर लक्षित किए जा रहे हैं।

आर्थिक परिदृश्य