केंद्रीय बजट 2022-23

केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2022 को संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया।

भाग-1

  • भारत की आर्थिक वृद्धि दर 9.2% अनुमानित है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
  • 14 क्षेत्रें में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत 60 लाख नए रोजगार का सृजन होगा।
  • पीएलआई योजना में 30 लाख करोड़ रुपए के अतिरिक्त उत्पादन बढ़ाने की क्षमता है। नई सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यम नीति के कार्यान्वयन की दिशा में, एयर इंडिया के रणनीतिक स्वामित्व हस्तांतरण का कार्य पूरा हो गया है।
  • अमृत काल में प्रवेश करते हुए अगले 25 साल में यह बजट ‘भारत/75’ को ‘भारत/100’ तक ले जाने पर केन्द्रित है। इस बजट में 4 प्राथमिकताओं में विकास पर जोर दिया गया है-
  • पीएम गतिशक्ति
  • समावेशी विकास
  • उत्पादकता संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
  • निवेश का वित्तपोषण
1. पीएम गतिशक्ति
  • पीएम गतिशक्ति को बढ़ावा देने वाले 7 कारक- सड़क, रेल मार्ग, हवाई मार्ग, विमानपत्तन, माल परिवहन, जल मार्ग और लॉजिस्टिक्स अवसंरचना हैं।

पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान

  • पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में आर्थिक बदलाव के सभी 7 कारक, निर्बाध बहुपक्षीय कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स के दायरे में आ जाएंगे।
  • राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन में इन 7 कारकों से जुड़ी परियोजनाओं को पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क से जोड़ दिया जाएगा।

सड़क परिवहन

  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 2022-23 में 25000 किलोमीटर का विस्तार किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में विस्तार के लिए 20000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे।

मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क

  • 2022-23 में 4 स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क के कार्यान्वयन के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रारूप के जरिए संविदाएं प्रदान की जाएंगी।

रेल मार्ग

  • स्थानीय व्यापार और आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ाने के लिए ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’(One Station One Product) की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
  • 2002-23 में 2000 किलोमीटर रेलवे नेटवर्क काे सुरक्षा और क्षमता सवंर्धन के लिए विश्व स्तर की स्वदेशी प्रौद्योगिकी ‘कवच’ (Kavach) के तहत लाया जाएगा।
  • अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा।
  • अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गाे टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।

पर्वतमाला

  • दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रें में पारंपरिक सड़कों के पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ विकल्प के रूप में, राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम ‘पर्वतमाला’ को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा।
  • 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी 8 रोपवे परियोजनाओं के लिए अनुबंध दिए जाएंगे।
2. समावेशी विकास

कृषि

  • गेहूं और धान की खरीद के लिए 1.63 करोड़ किसानों को 2.37 लाख करोड़ रुपए का सीधा भुगतान किया जाएगा।
  • पूरे देश में रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। शुरू में गंगा नदी से सटे 5 किलोमीटर की चौड़ाई तक के गलियारे वाले किसानों की जमीनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  • नाबार्ड कृषि और ग्रामीण उद्यमों से जुड़े स्टार्टअप्स को वित्तपोषित करने के लिए मिश्रित पूंजी के साथ फंड (fund with blended capital) की सुविधा प्रदान करेगा।
  • फसलों के आकलन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए ‘किसान ड्रोन’ के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

केन बेतवा परियोजना

  • 2022-23 में केन-बेतवा लिंक परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 1400 करोड़ रुपए के परिव्यय का प्रावधान।
  • केन-बेतवा लिंक परियोजना से किसानों की 9.08 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ मिलेगा।
  • दमनगंगा-पिंजल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा- पेन्नार और पेन्नार-कावेरी नाम से पांच नदी जोड़ो परियोजनाओं के डीपीआर मसौदे को अंतिम रूप दिया गया है।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम

  • उद्यम, ई-श्रम, नेशनल करियर सर्विस और असीम पोर्टल को आपस में जोड़ा जाएगा।
  • 130 लाख एमएसएमई को आपातकालीन क्रेडिट लिंक्ड गारंटी योजना (Emergency Credit Linked Guarantee Scheme: ECLGS) के तहत अतिरिक्त ऋण प्रदान किया है। ECLGS को मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा।
  • ECLGS के तहत गारंटी कवर को 50000 करोड़ रुपए बढ़ाकर कुल 5 लाख करोड़ रुपए कर दिया जाएगा।
  • सूक्ष्म और लघु उद्यमों को ‘सूक्ष्म और लघु उद्यम क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट’(CGTMSE) के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा।
  • रेजिंग एंड एसिलेरेटिंग एमएसएमई परफोर्मेंस (Raising and Accelerating MSME Performance: RAMP) कार्यक्रम 6000 करोड़ रुपए के परिव्यय से शुरू किया जाएगा।

कौशल विकास

  • राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NiQSF) का गतिशील उद्योग की जरूरतों के अनुरूप नवीनीकरण किया जाएगा।
  • ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्यम से नागरिकों के कौशल सशत्तफ़ीकरण के लिए ‘डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एंड लाइवलीहुड’(DESH-Stack e-portal) शुरू किया जाएगा।
  • ड्रोन शक्ति’ की सुविधा और ‘सेवा के रूप में ड्रोन’(ÙkQone-As-A-Service: ÙkQAAS) के लिए स्टार्टप्स को बढ़ावा दिया जाएगा।

शिक्षा

  • पीएम ई-विद्या के ‘एक कक्षा-एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम का विस्तार 12 से 200 टीवी चैनलों तक किया जाएगा। इससे सभी राज्य कक्षा 1- कक्षा 12 के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे।
  • व्यावसायिक पाठड्ढक्रमों में, महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में विज्ञान और गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाएं और प्रभावी शिक्षण वातावरण के लिए 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
  • डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली ई. शिक्षण सामग्री विकसित की जाएगी।
  • देश भर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्यक्तिगत सीखने के अनुभव के साथ विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा प्रदान करने के लिए एक डिजिटल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।

स्वास्थ्य

  • राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम’के लिए खुला मंच शुरू किया जाएगा।
  • गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं के लिए ‘राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम’ शुरू किया जाएगा।
  • 23 ‘टेली-मानसिक स्वास्थ्य उत्कृष्टता केंद्रों’का एक नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, जिसमें राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान (NIMHANS) नोडल केंद्र होगा और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-बैंगलोर तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

सक्षम आंगनवाड़ी

  • मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान किए जाएंगे।।
  • सक्षम आंगनवाड़ी नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी हैं, जिनके पास बेहतर बुनियादी ढांचा और ऑडियो-विजुअल सुविधाएं हैं।
  • दो लाख आंगनवाडि़यों का सक्षम आंगनवाडि़यों में उन्नयन किया जाएगा।

हर घर, नल से जल

  • हर घर, नल से जल के तहत 2022-23 में 3-8 करोड़ परिवारों को कवर करने के लिए 60,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

सभी के लिए आवास

  • पीएम आवास योजना के तहत 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों में 80 लाख घरों को पूरा करने के लिए 48,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए।

पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल

  • पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे एवं सामाजिक विकास परियोजनाओं के वित्त पोषण के लिए नई योजना ‘पूर्वाेत्तर क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री की विकास पहल’(Prime Minister's Development Initiative for North-East Region: PM-DevINE) शुरू की गई।
  • इस योजना के तहत युवाओं और महिलाओं को आजीविका गतिविधियों में समर्थ बनाने के लिए 1500 करोड़ रुपए के शुरूआती आवंटन की व्यवस्था की गई है।

आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (Aspirational Blocks Programme)

  • आकांक्षी 112 जिलों में से 95 फीसदी ने स्वास्थ्य, पोषण, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रें में महत्वपूर्ण प्रगति की है
  • हालांकि, उन जिलों में कुछ ब्लॉक (विकासखंड) अभी भी पिछड़ रहे हैं। 2022-23 में यह कार्यक्रम उन जिलों के ऐसे ब्लॉकों पर केंद्रित होगा।

जीवंत ग्राम कार्यक्रम

  • देश की उत्तरी सीमा पर विरल आबादी (sparse population), सीमित संपर्क एवं बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए नया जीवंत ग्राम कार्यक्रम (Vibrant Villages Programme) शुरू किया जाएगा।

बैंकिंग

  • शत-प्रतिशत 1-5 लाख डाकघरों को कोर बैंकिंग प्रणाली (core banking system) में शामिल किया जाएगा।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
3. उत्पादकता संवर्धन एवं निवेश, सनराइज अवसर, ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
(a) उत्पादकता वृद्धि और निवेश
  • ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0 और ईज ऑफ लिविंग
  • अमृत काल के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस 2.0’ और ‘ईज ऑफ लिविंग का अगला चरण’शुरू किया जाएगा।

पर्यावरणीय मंजूरी

  • सभी पर्यावरणीय मंजूरी के लिए 2018 में लॉन्च किया गया एक सिंगल विंडो पोर्टल, ‘परिवेश’ (PARIVESH) आवश्यक समय लेने की प्रक्रिया को कम करने में सहायक रहा है। आवेदकों को जानकारी प्रदान करने के लिए अब इस पोर्टल के दायरे का विस्तार किया जाएगा।

ई-पासपोर्ट

  • 2022-23 में एम्बेडेड चिप और भावी प्रौद्योगिकी के उपयोग वाले ई-पासपोर्ट शुरू किए जाएंगे।

शहरी नियोजन

  • भवन उपनियमों का आधुनिकीकरण, टाउन प्लानिंग स्कीम और पारगमन उन्मुखी विकास (Transit Oriented Development) का कार्यान्वयन किया जाएगा।
  • शहरी क्षेत्र की नीतियों, क्षमता निर्माण, नियोजन (planning), क्रियान्वयन और गवर्नेंस पर सिफारिशें करने के लिए प्रतिष्ठित शहरी नियोजकों, अर्थशास्त्रियों और संस्थानों को शामिल कर एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा।
  • बड़े पैमाने पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए शहरी क्षेत्रें में जगह की कमी को ध्यान में रखते हुए, एक ‘बैटरी अदला-बदली नीति’(battery swapping policy) लाई जाएगी।

भूमि अभिलेख प्रबंधन

  • भूमि अभिलेख के आईटी आधारित प्रबंधन को सुगम बनाने के लिए राज्यों को ‘विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या’(Unique Land Parcel Identification Number) अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

त्वरित कॉर्पाेरेट बहिर्गमन (Accelerated Corporate Exit)

  • कंपनियों को तेजी से बंद करने (winding-up of companies) के लिए ‘सेन्टर फॉर प्रोसेसिंग एक्सिलरेटिड कॉरपोरेट एक्जिट’(Centre for Processing Accelerated Corporate Exit: C-PACE) की स्थापना की जाएगी।

एवीजीसी संवर्द्धन कार्य बल

  • एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र की संभावना का पता लगाने के लिए एक ‘एवीजीसी संवर्द्धन कार्य बल’(AVGC Promotion Tska Force) की स्थापना की जाएगी।

दूरसंचार क्षेत्र

  • उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के एक हिस्से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम स्थापित करने के लिए ‘डिजाइन आधारित विनिर्माण योजना’शुरू की जाएगी।

निर्यात संवर्धन

  • राज्यों को ‘उद्यम और सेवा केंद्रों के विकास’ में भागीदार बनने में समर्थ बनाने के लिए ‘विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम’को एक नए कानून से बदला जाएगा।

रक्षा में आत्मनिर्भरता

  • 2022-23 में घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीदारी बजट का 68% निर्धारित किया गया है, जो 2021-22 में 58% के मुकाबले अधिक है।
  • 25% रक्षा अनुसंधान विकास बजट के साथ उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षा के लिए रक्षा अनुसंधान विकास खोला जाएगा।
  • जांच और प्रमाणीकरण जरूरतों को पूरा करने के लिए स्वतंत्र नोडल अम्ब्रेला निकाय (Independent nodal umbrella body) स्थापित किया जाएगा।
(b) सनराइज अवसर (Sunrise Opportunities)
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भू-स्थानिक प्रणाली और ड्रोन, सेमीकंडक्टर और इसके इको-सिस्टम, अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जीनोमिक्स और फार्मास्युटिकल्स हरित ऊर्जा और स्वच्छ परिवहन प्रणालियों जैसे सनराइज अवसरों में अनुसंधान एवं विकास के लिए सरकारी योगदान उपलब्ध कराया जाएगा।
(c) ऊर्जा संक्रमण और जलवायु कार्रवाई
  • जलवायु परिवर्तन के जोखिम सबसे मजबूत नकारात्मक बाहरी कारक हैं, जो भारत और अन्य देशों को प्रभावित करते हैं। ‘कम कार्बन विकास रणनीति’(low carbon development strategy) सतत विकास के प्रति सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब है। यह रणनीति रोजगार के विशाल अवसर खोलती है। बजट में कई अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों का प्रस्ताव किया गया है।

सौर विद्युत

  • वर्ष 2030 तक स्थापित सौर विद्युत का 280 गीगावॉट लक्ष्य हासिल करने के लिए उच्च दक्षता के सौर मॉडड्ढूल्स के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा।

कार्बन न्यूट्रल अर्थव्यवस्था में परिवर्तन (Transition to Carbon Neutral Economy)

  • ताप विद्युत संयंत्रें में 5 से 7% बायोमास पैलेट्स (biomass pellets) फॉयर किए जाएंगे। जिसके परिणामस्वरूप सालाना 38 मीट्रिक मिलियन टन कार्बन डाई-ऑक्साइड की बचत होगी, किसानों को अतिरिक्त आय और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और खेतों में पराली जलाने से रोकने में मदद मिलेगी।
  • कोयला गैसीकरण और उद्योग के लिए कोयले को आवश्यक रसायनों में परिवर्तित करने के लिए चार पायलट परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।
  • कृषि वानिकी अपनाने वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
4. निवेश का वित्तपोषण (Financing of Investments)

सार्वजनिक पूंजीगत निवेश

  • 2022-23 में निजी निवेश और मांग को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक निवेश को जारी रखना।
  • केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को एक बार फिर से 35.4% बढ़ाकर चालू वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपए से 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपए किया जा रहा है।
  • 2022-23 में यह परिव्यय सकल घरेलू उत्पाद का 2.9% होगा।

प्रभावी पूंजीगत व्यय

  • केंद्र सरकार का ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’10-68 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। 2022-23 में, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.1% है।

जीआईएफटी-आईएफएससी

  • जीआईएफटी-सिटी में विश्व स्तरीय विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों को अनुमति दी जाएगी।
  • अधिकांश अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के तहत विवादों के तेजी से निपटान के लिए जीआईएफटी-सिटी में एक अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

बुनियादी ढांचे का दर्जा (Infrastructure Status)

  • डेटा सेंटर और ऊर्जा भण्डार प्रणालियों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिया जाएगा।

उद्यम पूंजी और निजी इक्विटी निवेश

  • उद्यम पूंजी (वेंचर कैपिटल) और निजी इक्विटी ने पिछले साल 5-5 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया और एक सबसे बड़े स्टार्टअप और विकास इको-सिस्टम में सुविधा प्रदान की। इस निवेश को बढ़ाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

मिश्रित वित्त (Blended Finance)

  • जलवायु कार्रवाई, डीप-टेक, डिजिटल अर्थव्यवस्था, फार्मा और एग्री-टेक जैसे महत्वपूर्ण सनराइज सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मिश्रित वित्त (Blended Finance) के लिए विषयगत निधियों (thematic funds) को बढ़ावा देगी।

ग्रीन बॉन्ड

  • हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी किए जाएंगे।

डिजिटल रुपी

  • 2022-23 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) ‘डिजिटल रुपी’(Digital Rupee) की शुरुआत की जाएगी। यह डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन तथा अन्य तकनीकों का उपयोग करेगी।

पूंजी निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता

  • पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता की योजना’के लिए परिव्यय बजट अनुमानों में 10,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर चालू वर्ष के लिए संशोधित अनुमानों में 15,000 करोड़ रुपए कर दिया गया।
  • अर्थव्यवस्था में समग्र निवेश को प्रोत्साहित करने में राज्यों की सहायता के लिए 2022-23 में 1 लाख करोड़ रुपए का आवंटन और सामान्य ऋण के अतिरिक्त पचास वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा।
  • 2022-23 में, राज्यों को सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 4% राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी, जिसका 0-5% विद्युत क्षेत्र सुधारों में उपयोग किया जाएगा।

राजकोषीय प्रबंधन

  • बजट अनुमान (2021-22) में अनुमानित 34-83 लाख करोड़ रुपए के कुल व्यय के मुकाबले, संशोधित अनुमान (2021-22) 37-70 लाख करोड़ रुपए है।
  • वर्ष 2022-23 में कुल अनुमानित व्यय 39-45 लाख करोड़ रुपए है।
  • 2022-23 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां 22-84 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
  • चालू वर्ष में संशोधित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.9% रहने का अनुमान है, जबकि बजट अनुमान में यह 6.8% था। 2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4% अनुमानित है।

भाग- 2

1. प्रत्यक्ष कर
  • बजट में प्रस्ताव किया गया है- स्थिर और संभावित कर व्यवस्था की नीति को आगे जारी रखना_ एक विश्वसनीय कर व्यवस्था स्थापित करने का विजन_ और कर प्रणाली को और सरल बनाना और मुकदमेबाजी को कम करना।

नया ‘अद्यतन रिटर्न’ दाखिल करने का प्रावधान

  • अतिरिक्त कर की अदायगी करके ‘अद्यतन रिटर्न’(Updated return) दाखिल करने के लिए नया प्रावधान।
  • करदाता को आय के आकलन में की गई गलतियों को सुधार कर ‘अद्यतन रिटर्न’ दाखिल करने का अवसर दिया जाएगा।
  • अद्यतन रिटर्न संबंधित आकलन वर्ष के अंत से दो वर्षों के भीतर दाखिल किया जा सकता है।

सहकारी समितियां

  • सहकारी समितियों और कंपनियों को एक समान अवसर प्रदान करने के लिए सहकारी समितियों द्वारा भुगतान किया जाने वाला वैकल्पिक न्यूनतम कर 18.5% से घटाकर 15% किया गया है।
  • उन सहकारी समितियों के लिए अधिभार की मौजूदा दर को 12% से घटाकर 7% किया गया है, जिनकी कुल आमदनी एक करोड़ रुपए से अधिक और 10 करोड़ रुपए तक है।

दिव्यांगजनों को कर राहत

  • दिव्यांग आश्रितों को उनके माता-पिता/अभिभावकों के जीवनकाल के दौरान बीमा योजनाओं से वार्षिकी और एकमुश्त राशि की अदायगी की अनुमति दी गई है। हालांकि, ऐसा तभी होगा जब माता-पिता/अभिभावक की आयु 60 साल हो जाएगी।

राष्ट्रीय पेंशन योजना योगदान में समानता

  • राज्य सरकारों के कर्मचारियों को मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा लाभों को बढ़ाने और इन्हें केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समतुल्य करने के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) खाते में नियोक्ता के अंशदान पर कर कटौती की सीमा 10% से बढ़ाकर 14% कर दी गई है।

स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहन

  • कर प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र स्टार्ट-अप के लिए निगमन की अवधि एक वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक कर दी गई है। पहले निगमन की अवधि 31 मार्च, 2022 तक वैध थी।

रियायती कर व्यवस्था के तहत प्रोत्साहन

  • धारा 115बीएबी के तहत विनिर्माण या उत्पादन शुरू करने की अंतिम तिथि एक वर्ष यानी 31 मार्च, 2023 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दी गई है।

वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के कराधान के लिए योजना

  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्तियों के लिए विशेष कर प्रणाली लागू की गई। किसी भी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के अंतरण से होने वाली आय पर कर की दर 30% होगी। इस प्रकार की आय की गणना करते समय अधिग्रहण लागत को छोड़कर किसी भी खर्च अथवा भत्ते के लिए कटौती नहीं होगी।
  • वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के अंतरण से हुए नुकसान की भरपाई किसी अन्य आय से नहीं की जा सकती।
  • लेन-देन के विवरण को दर्ज करने के लिए वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के अंतरण के संबंध में किए गए भुगतान पर एक मौद्रिक सीमा से ऊपर की रकम के लिए 1% की दर से टीडीएस देय होगा।
  • किसी वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति को उपहार के रूप में देने पर भी कर लगाने का प्रस्ताव है। यह कर उपहार लेने वाले को देना होगा।

मुकदमा प्रबंधन

  • यदि किसी मामले में कानून उसी तरह का हो, जिससे संबंधित कोई मामला उच्च न्यायालय अथवा सर्वाेच्च न्यायालय में लंबित हो तो विभाग द्वारा अपील दायर करने की प्रक्रिया को अदालत द्वारा उस कानून के संबंध में फैसला दिये जाने तक टाल दिया जाए।
  • करदाताओं और विभाग के बीच दोहरायी जाने वाली मुकदमेबाजी को कम करने में इससे काफी मदद मिलेगी।

आईएफएससी को कर प्रोत्साहन

  • अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) को बढ़ावा देने के लिए निर्धारित शर्तों के साथ इन्हें कर से छूट प्रदान की गई है- ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट (offshore derivative instruments), या किसी ऑफशोर बैंकिंग इकाई द्वारा जारी ओवर द काउंटर डेरिवेटिव (over the counter derivatives) से होने वाली किसी प्रवासी की कोई आमदनी_ रॉयल्टी तथा जहाज की लीज पर ब्याज से आय_ तथा आईएफएससी में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाओं से प्राप्त आय।

अधिभार का यौक्तिकीकरण (Rationalçation of Surcharge)

  • एओपी (अनुबंध के निष्पादन के लिए गठित कंसोर्टियम) पर अधिभार की उच्चतम सीमा 15% निर्धारित की गई है।
  • व्यक्तिगत कंपनियों और एओपी के बीच अधिभार में अंतर को कम किया गया है।
  • किसी भी प्रकार की परिसंपत्ति के अंतरण से होने वाले दीर्घावधि पूंजीगत लाभ (long term capital gains) पर अधिभार की अधिकतम सीमा 15% होगी।

स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर

  • आय और मुनाफे पर किसी भी अधिभार अथवा उपकर को कारोबारी खर्च की श्रेणी में रखने की अनुमति नहीं होगी।

कर-वंचन की रोकथाम (Deterrence against tax-evsaion)

  • तलाशी एवं सर्वेक्षपण कार्रवाइयों के दौरान पता लगे अप्रकट/अघोषित आय (नदकपेबसवेमक पदबवउम) के संबंध में किसी भी प्रकार की हानि के प्रति समंजन (।करनेजउमदज) की अनुमति नहीं दी जाएगी।
2. अप्रत्यक्ष कर

जीएसटी में असाधारण प्रगति

  • वैश्विक महामारी के बावजूद जीएसटी राजस्व में उछाल है। इस बढ़ोतरी के लिए करदाता सराहना के पात्र है।

विशेष आर्थिक क्षेत्र

  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड) का सीमा शुल्क प्रशासन पूरी तरह आईटी से संचालित होगा और ‘कस्टम्स नेशनल पोर्टल’पर कार्य करेगा, जिसे 30 सितंबर, 2022 से क्रियान्वित किया जाएगा।

सीमा शुल्क सुधार एवं शुल्क दर में बदलाव

  • फेसलेस सीमा शुल्क पूरी तरह स्थापित कर दिया गया है। कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान सीमा शुल्क संगठनों ने चपलता और संकल्प प्रदर्शित करते हुए सभी मुश्किलों के बावजूद अग्रिम मोर्चे पर असाधारण कार्य किया है।

परियोजनागत आयात एवं पूंजीगत वस्तुएं (Project imports and capital goods)

  • पूंजीगत वस्तुओं और परियोजना आयात में रियायती दरों को धीरे-धीरे समाप्त करना और 7.5% का मध्यम टैरिफ लगाने का प्रस्ताव। इससे घरेलू क्षेत्र और ‘मेक इन इंडिया’के विकास को बढ़ावा मिलेगा।
  • उन उन्नत मशीनरियों के लिए कुछ छूट जारी रहेगी, जिनका देश के भीतर विनिर्माण नहीं किया जाता है।

सीमा शुल्क छूट एवं शुल्क सरलीकरण की समीक्षा (Review of customs exemptions and tariff simplification)

  • 350 से अधिक प्रस्तावित छूट प्रविष्टियों को धीरे-धीरे हटाए जाने का प्रस्ताव है। इनमें कई कृषि उत्पाद, रसायन, वस्त्र, चिकित्सा उपकरण और दवाएं शामिल हैं, जिनके लिए पर्याप्त घरेलू क्षमता मौजूद है।
  • विशेषकर रसायन, कपड़ा और धातु जैसे क्षेत्रें के लिए सीमा शुल्क दर एवं शुल्क दर संरचना सरल हो जाएंगी और विवाद कम हो जाएगा।
3. क्षेत्र विशेष प्रस्ताव

इलेक्ट्रानिक्स

  • देश में पहनने योग्य उपकरणों (wearable devices), सुनने योग्य उपकरणों (hearable devices) और इलेक्ट्रॉनिक्स स्मार्ट मीटरों के निर्माण को सुविधाजनक बनाने हेतु श्रेणीबद्ध दरें तय करने के लिए सीमा शुल्क दरों में संशोधन किया जाएगा।
  • देश में ज्यादा वृद्धि दर वाले इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्माण करने के लिए मोबाइल फोन के चार्जर के ट्रांसफॉर्मर के कलपुर्जों और मोबाइल कैमरा मॉडड्ढूल के कैमरा लेंस और कुछ अन्य वस्तुओं पर शुल्क में छूट दी जाएगी।

रत्न और आभूषण

  • रत्न व आभूषण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों (cut and polished diamonds) और रत्न पत्थरों (gemstones) पर सीमा शुल्क घटाकर 5% किया जा रहा है_ केवल तराशे गए हीरे पर कुछ भी सीमा शुल्क नहीं लगेगा।
  • ई-कॉमर्स के जरिए आभषूण निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए एक सरल नियामकीय रूपरेखा जून 2022 तक लागू की जाएगी।
  • कम मूल्य वाले प्रतिरूप आभूषण (imitation jewellery) के आयात को हतोत्साहित करने के लिए प्रतिरूप आभूषण के आयात पर प्रति किग्रा कम-से-कम 400 रुपए का सीमा शुल्क लगाया जाएगा।

रसायन

  • कुछ महत्वपूर्ण रसायनों जैसे मेथेनॉल, एसिटिक एसिड और पेट्रोलियम शोधन से जुड़े हेवी फीड स्टॉक पर सीमा शुल्क घटाया जा रहा है।
  • देश में पर्याप्त क्षमता वाले सोडियम सायनाइड पर सीमा शुल्क बढ़ाया जा रहा है, इससे देश में मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई)

  • छाते पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 20% किया जा रहा है। छाते के कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को वापस लिया जा रहा है।
  • भारत में निर्मित किए जाने वाले कृषि क्षेत्र से जुड़े कलपुर्जों पर दी जा रही शुल्क छूट को तर्कसंगत बनाया जा रहा है।
  • एमएसएमई से जुड़े द्वितीयक इस्पात उत्पादकों को राहत प्रदान करने के लिए पिछले साल स्टील स्क्रैप पर दी गई सीमा शुल्क छूट अब एक साल और दी जाएगी।

निर्यात

  • निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कुछ वस्तुओं जैसे कि फास्टनर्स (fasteners), बटन (buttons), जिपर (zipper), लाइनिंग मैटेरियल (lining material), विशेष चमड़ा, फर्नीचर फिटिंग्स एवं पैकेजिंग बॉक्स पर छूट दी जा रही हैं।
  • झींगा जलीय कृषि के लिए आवश्यक कुछ कच्चे माल पर शुल्क घटाया जा रहा है, ताकि इसके निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।

ईंधन के सम्मिश्रण को बढ़ावा देने के लिए शुल्क संबंधी उपाय

  • ईंधन के सम्मिश्रण (blending of fuel) को प्रोत्साहित करने के लिए गैर-मिश्रित ईंधन पर 1 अक्टूबर, 2022 से प्रति लीटर 2 रुपए का अतिरिक्त विभेदक उत्पाद शुल्क (differential excise duty) लगेगा।

आर्थिक परिदृश्य