मॉडल किरायेदारी अधिनियम
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2 जून, 2021 को किराये की संपत्तियों पर कानून बनाने या कानूनों में संशोधन के लिए राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा प्रयोग में लाए जाने वाले मॉडल किरायेदारी अधिनियम को मंजूरी दी।
- महत्वपूर्ण तथ्यः यह देश भर में किराये के आवास के संबंध में कानूनी ढांचे को दुरुस्त करने में मदद करेगा।
- मॉडल अधिनियम, यदि राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों द्वारा पारित किया जाता है, तो यह पट्टा समझौतों, जमा, विवाद निपटान और किराये की संपत्तियों के अन्य पहलुओं के मानदंडों को निर्धारित करेगा।
- मॉडल अधिनियम किराये के आवास उद्देश्यों के लिए खाली पड़े घरों को खोलने की सुविधा प्रदान करेगा।
- मॉडल अधिनियम में प्रावधानः आवासीय परिसरों के लिए किरायेदारों को अधिकतम दो महीने के किराये के रूप में सुरक्षा जमा राशि देनी होगी। वाणिज्यिक संपत्ति के मामले में छः महीने का किराया जमा करना होगा।
- प्रत्येक जिले में विवादों को निपटाने के लिए एक किराया प्राधिकरण की नियुक्ति की जाएगी।
- अधिनियम संपत्ति के मालिक और किरायेदार के बीच एक लिखित समझौते को भी अनिवार्य बनाता है।
राष्ट्रीय परिदृश्य
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- 2 देविका नदी परियोजना
- 3 स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण की राष्ट्रीय योजना अनुमोदन समिति
- 4 दिव्यांग बच्चों के लिए ई-सामग्री विकसित करने संबंधित दिशा-निर्देश
- 5 2022 तक उत्तर-पश्चिम भारत में सभी घरों को पानी का नल कनेक्शन
- 6 बच्चों के लिए पार-दिव्यांगता शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र
- 7 2019 आम चुनावों पर एटलस
- 8 अदालती कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग और रिकॉर्डिंग हेतु नियमों का मसौदा
- 9 देश में सबसे कम बाल लिंगानुपात उत्तराखंड में
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- 15 युवा
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