भारत में स्टार्टअप विकास हेतु उठाए गए कदम

विनियामक सुधारः ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ाने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए 2016 से सरकार ने 52 विनियामक सुधार किए।

  • बौद्धिक संपदा संरक्षण के लिए सहायताः स्टार्टअप को पेटेंट फाइल करने में 80% और व्यापार चिन्ह फाइल करने में 50% की छूट दी जाती है।
  • आयकर में छूटः 1 अप्रैल, 2016 या उसके बाद शुरू हुए स्टार्टअप को 3 वर्षों के लिए आयकर में छूट दी जाती है।
  • स्टार्टअप इंडिया हबः स्टार्टअप इंडिया ऑनलाइन हब में निवेशक, फंड, इंक्यूबेटर, कारपोरेट और सरकारी निकाय एक ही जगह उपलब्ध हैं।
  • क्रेडिट गारंटी स्कीमः स्टार्टअप को क्रेडिट गारंटी देने वाली स्कीम में एक निर्धारित राशि तक मान्यता प्राप्त स्टार्टअप को लोन की गारंटी दी जाती है।

स्टार्टअप इंडिया आगे की राहः 16 जनवरी, 2021 से शुरू इस कार्यक्रम विभिन्न सुधारों को लागू करने में प्रौद्योगिकी की बड़ी भूमिका और डिजिटल आत्मनिर्भर भारत को सक्षम बनाना शामिल है।

GeM पर विशेष प्रावधानः स्टार्टअप को बाजार देने के लिए भारत सरकार के GeM पोर्टल पर किए विशेष प्रावधान, अभी 15 हजार से अधिक स्टार्टअप पोर्टल पर आए।

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीमः वर्ष 2021-2022 से 4 वर्ष के लिए 945 करोड़ रुपये के कॉर्पस फंड के साथ योजना शुरू।

  • स्टार्टअप के लिए निधियों का कोषः स्टार्टअप की निधियों की हर स्तर पर जरूरत को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के साथ कोष शुरू।

स्टार्टअप इंडियाः भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।

  • स्टार्टअप इंडिया योजना एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना है।
  • 16 जनवरी 2016 को बैंक वित्त प्रदान करके भारत में स्टार्टअप को बढ़ावा देने और समर्थन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।

आर्थिक परिदृश्य