स्टैंड अप इंडिया योजना की छठी वर्षगांठ

5 अप्रैल, 2022 को 'स्टैंड अप इंडिया योजना' की छठी वर्षगांठ मनाई गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत योजना की शुरुआत से अब तक 1,33,995 से अधिक खातों में 30,160 करोड़ रुपए से अधिक स्वीकृत किए जा चुके हैं।

  • स्टैंड-अप इंडिया का उद्देश्य महिलाओं, अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना तथा उन्हें विनिर्माण, सेवा या व्यापार क्षेत्र और कृषि से जुड़ी गतिविधियों में एक ग्रीनफील्ड उद्यम शुरू करने में सहायता प्रदान करना है।
  • योजना अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपए से 1 करोड़ रुपए के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करती है।

ऋण के लिए पात्र कौन हैं? अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी, जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है।

  • योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं। इस संदर्भ में ग्रीन फील्ड का आशय, विनिर्माण, सेवाओं या व्यापार क्षेत्र और कृषि से संबद्ध गतिविधियों में लाभार्थी का पहली बार उद्यम है।

GK/GS तथ्यावलोकन

  • स्टैंड अप इंडिया योजना 5 अप्रैल, 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी। 2019-20 में, स्टैंड अप इंडिया योजना को 2025 तक के लिए विस्तार दिया गया था।

संसद प्रश्नोत्तर सार

डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क

  • डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (Open Network for Digital Commerce: ONDC) डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक पहल है।
  • ONDC किसी भी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र खुले विनिर्देशों और खुले नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए, ओपन-सोर्स पद्धति पर आधारित है। ONDC प्रोटोकॉल इंटरनेट पर सूचना के आदान-प्रदान के लिए हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल(HTTP), ईमेल के लिए सरल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (SMTP) और भुगतान के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) के समान है। प्रदाताओं और उपभोक्ताओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए ओपन रजिस्ट्रियों और ओपन नेटवर्क गेटवे के रूप में सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए इन खुले प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाएगा। ONDC से उपभोक्ताओं के लिए ई-कॉमर्स को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की उम्मीद है।

अधिशेष श्रम बल

  • श्रमिकों के लिए व्यावसायिक सुरक्षा और न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने के लिए, सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, स्वस्थ काम करने की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने कई श्रम कानून अधिनियमित किए हैं।
  • अधिशेष श्रम बल (Surplus Labour Force) का एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास एक सतत प्रक्रिया है और प्रवासी श्रमिक बेहतर आजीविका विकल्पों की तलाश करते रहते हैं। केंद्र सरकार ने अंतर-राज्यीय प्रवासी कामगार (रोजगार और सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम, 1979 अधिनियमित किया था, जो अन्य बातों के साथ-साथ न्यूनतम मजदूरी, यात्रा भत्ता, विस्थापन भत्ता के भुगतान, रहने योग्य आवास, चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षात्मक कपड़ों का प्रावधान करता है। हालाँकि, अंतर-राज्यीय प्रवासी कामगार (रोजगार और सेवा शर्त विनियमन) अधिनियम, 1979 को अब व्यवसायगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियां संहिता, 2020 में शामिल कर दिया गया है। सरकार ने 29 केंद्रीय श्रम कानूनों के सरलीकरण, समामेलन और युक्तिकरण के बाद चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है- मजदूरी संहिता, 2019; औद्योगिक संबंध संहिता 2020; सामाजिक सुरक्षा पर संहिता 2020 और वसायगत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य स्थितियां संहिता, 2020; इन 4 श्रम सहिंताओं का उद्देश्य वैधानिक न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और श्रमिकों की स्वास्थ्य देखभाल के संदर्भ में असंगठित श्रमिकों सहित श्रमिकों के लिए उपलब्ध सुरक्षा को सुदृढ़ करना है।

आर्थिक परिदृश्य