कोयला युक्त क्षेत्र अधिनियम के तहत अधिग्रहित भूमि उपयोग नीति

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 13 अप्रैल, 2022 को कोयला युक्त क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम, 1957 के तहत अधिग्रहीत भूमि के उपयोग की नीति को मंजूरी दे दी है।

उद्देश्य: खनन की जा चुकी या व्यावहारिक रूप से खनन के लिए अनुपयुक्त भूमि के उपयोग को सुविधाजनक बनाना और कोयला क्षेत्र में निवेश तथा रोजगार सृजन को बढ़ाना।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस नीति के तहत कोयला और ऊर्जा से संबंधित अवसंरचना के विकास तथा स्थापना के उद्देश्य से ऐसी भूमि के उपयोग का प्रावधान है।

  • कोयला युक्त क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम, 1957 के तहत अधिग्रहीत ये भूमि सरकारी कोयला कंपनियों, जैसे- कोल इंडिया लिमिटेड के स्वामित्व में बनी रहेगी।
  • जिस सरकारी कंपनी के पास भूमि है, वह ऐसी भूमि को नीति के तहत दी गई विशिष्ट अवधि के लिए पट्टे पर देगी।
  • पट्टे के लिए संस्थाओं का चयन पारदर्शी, निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा।

आर्थिक परिदृश्य