रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस

'द लैंसेट' में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार 'रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस' (Respiratory syncytial virus: RSV) के कारण निचला श्वसन संक्रमण 2019 में दुनिया भर में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में एक लाख से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार था।

महत्वपूर्ण तथ्य: शोध के अनुसार, भारत में वार्षिक घटना दर प्रति 1,000 बच्चों पर 53 है, पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में RSV के लगभग 61,86,500 मामले निचले श्वसन संक्रमण से संबंधित हैं।

  • रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) को ‘ह्यूमन रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस’ (hRSV) और ‘ह्यूमन ऑर्थोन्यूमोवायरस’ (human orthopneumovirus) भी कहा जाता है।
  • यह एक सामान्य संक्रामक वायरस है, जो छोटे बच्चों में 'तीव्र' निचले श्वसन संक्रमण (acute lower respiratory infection) का सबसे आम कारण है।
  • इसके लक्षणों में नाक का बहना, खाँसी, छींक आना तथा बुखार आदि हैं। लेकिन चरम स्थिति में यह निमोनिया और ब्रोंकियोलाइटिस (bronchiolitis) में परिवर्तित हो जाता है।
  • RSV किसी संक्रमित व्यक्ति की सांस (खांसने या छींकने) के संपर्क में आने से फैलता है।
  • गंभीर RSV बीमारी को रोकने के लिए 'पालिविजुमाब' (palivizumab) नामक दवा दी जाती है