फंगल अर्क से बनी जैव सामग्री घावों को भरने में सहायक

वैज्ञानिकों ने एक नई जैव सामग्री (Biomaterial) विकसित की है, जिसका उपयोग घावों को कीटाणुरहित करने और उपचार की प्रक्रिया को तेज करने के लिए किया जा सकता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: इस जैव सामग्री को आईआईटी मंडी, आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (NISER), भुवनेश्वर के वैज्ञानिकों के बीच साझेदारी में विकसित किया गया है।

  • चूहों के घाव पर लगाकर इस जैव सामग्री की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया है।
  • यह जैव सामग्री पॉलीमर 'पुलुलन' (pullulan) से प्राप्त होती है, जो फंगस 'ऑरियोबैसिडियम पुलुलन' (Aureobasidium pullulans) द्वारा स्रावित होती है।
  • 'पुलुलन' एक एक्सोपॉलीसेकेराइड (exopolysaccharide) है, यानी यह बहुलक कवक द्वारा स्वयं उस माध्यम में स्रावित होता है, जिस पर यह बढ़ रहा (growing) है।
  • पुलुलन मूल रूप से ग्लूकोज की एक बहुलक शृंखला है। पुलुलन एक जैव सामग्री के रूप में पहले से ही सफल है और व्यापक रूप से व्यावसायिक रूप से उपयोग की जाती है।
  • इसके गैर-विषैले, गैर-उत्परिवर्तजन (non-mutagenic) और गैर-इम्यूनोजेनिक (non-immunogenic) गुणों के कारण भोजन, सौंदर्य प्रसाधन और दवा उद्योग में इसका उपयोग किया जाता है।

इन्हें भी जानें

एल्गोरिदम

  • इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी की मात्रा में लगातार वृद्धि के साथ, 'सर्च एल्गोरिदम' (search algorithms) तेजी से जटिल होते जा रहे हैं, निजता और अन्य चिंताओं को बढ़ा रहे हैं और नियामकों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।
  • एक एल्गोरिथ्म निर्देशों की एक शृंखला है। इसका उपयोग गणना करने, किसी प्रश्न का उत्तर खोजने या किसी समस्या को हल करने के लिए किया जा सकता है। सर्च इंजन (Search engines) किसी व्यक्ति के सर्च रिक्वेस्ट के लिए प्रासंगिक परिणाम प्रदर्शित करने से पहले विभिन्न क्रियाओं के लिए कई एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं। 'गूगल सर्च इंजन' प्रौद्योगिकी दिग्गज अल्फाबेट इंक के गूगल का प्रमुख उत्पाद है, जो सर्च बाजार में सबसे अग्रणी है। एल्गोरिदम अक्सर ऐतिहासिक डेटा का उपयोग करके और विशिष्ट कार्यों के लिए विकसित किए जाते हैं। एक बार विकसित होने के बाद, इनकी गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कंपनियों द्वारा लगातार इनको अपडेट किया जाता है। फर्म इन एल्गोरिदम का उपयोग वेबसाइटों पर उत्पादों को रैंक करने के तरीके को बदलने के लिए कर सकते हैं, अपने स्वयं के उत्पादों को प्राथमिकता दे सकते हैं और प्रतिस्पर्धियों को बाहर कर सकते हैं। इनमें से कुछ चिंताओं ने नियामकों का ध्यान खींचा है।