प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 फरवरी, 2020 को ‘प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण विधेयक 2020’ (Major Ports Authority Bill 2020) को मंजूरी दे दी। यह विधेयक 1963 के कानून का स्थान लेगा जो देश के 12 बड़े बंदरगाहों का संचालन करता है।
- उल्लेखनीय है कि 1963 के एक्ट के तहत सभी प्रमुख बंदरगाहों का प्रबंधन संबंधित बंदरगाह ट्रस्ट बोर्ड द्वारा किया जाता है जिसके सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त होते हैं।
विधेयक की आवश्यकता
- निजी कंपनियों और पीपीपी ऑपरेटरों के साथ विवादों में लगातार वृद्धि हुई है, परन्तु 1963 के मौजूदा कानून में उनसे निपटने के लिए कोई प्रावधान ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 स्पॉट फॉरेक्स मार्केट
- 2 भारत का व्यापार संतुलन और निवेश प्रवाह
- 3 निवेशक दीदी पहल के दूसरे चरण की शुरुआत
- 4 इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स के लिए नया इंट्राडे मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क
- 5 IPO ने वायमाडा का पेटेंट रद्द किया
- 6 MOIL ने मैंगनीज अयस्क का निर्यात शुरू किया
- 7 प्रधानमंत्री मोदी द्वारा विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास
- 8 जल सुरक्षा पर राष्ट्रीय पहल का शुभारंभ
- 9 महत्वपूर्ण एवं रणनीतिक खनिजों के अन्वेषण हेतु साझेदारी
- 10 साइबर अपराध में टेलीकॉम संसाधनों के दुरुपयोग को रोकने हेतु समझौता