ईएसजी फ्रेमवर्क : सहभागी एवं धारणीय कॉरपोरेट शासन का स्तंभ
पिछले कई दशकों से कॉरपोरेट क्षेत्र को लेकर उपभोक्ता, पर्यावरण तथा लाभ के बीच संतुलन बनाने की बहस होती रही है, हालांकि इसको लेकर अभी भी इच्छित परिणाम देखने को नहीं मिले हैं तथा कॉरपोरेट क्षेत्र सामाजिक तथा पर्यावरणीय दायित्वों के बजाय अपने मुनाफे को ही प्राथमिकता देता है। इस संदर्भ में भारत में एक महत्वपूर्ण विकास वर्ष 2013 में देखने को मिला था जब 'कंपनी अधिनियम, 2013' (Company Act ,2013)के माध्यम से 'कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व' (CSR - Corporate Social Responsibility) को वैधानिक स्वरूप प्रदान किया गया। किंतु कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व की अवधारणा एक प्रभावी ‘ई एस जी फ्रेमवर्क’ (ESG ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 भारत की साइबर प्रतिरोधक क्षमता का सुदृढ़ीकरण एक राष्ट्रीय सुरक्षा अनिवार्यता - संपादकीय डेस्क
- 2 पुनरुत्थान के मार्ग पर बिम्सटेक भारत के लिए रणनीतिक एवं आर्थिक अवसर - आलोक सिंह
- 3 डिजिटलीकरण: सामाजिक परिवर्तन का उत्प्रेरक - संपादकीय डेस्क
- 4 अमेरिका की नई टैरिफ नीति वैश्विक व्यापार युद्ध की दस्तक - डॉ. उदय भान सिंह
- 5 पीटलैंड्स का संरक्षण वैश्विक तापमान वृद्धि से निपटने का सतत समाधान - संपादकीय डेस्क
- 6 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम संभावनाएं, चुनौतियां एवं समाधान - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 7 हिंद महासागर क्षेत्र परिवर्तनशील भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत की आर्थिक एवं रणनीतिक अनिवार्यताएं - आलोक सिंह
- 8 भारत में उच्च शिक्षा सुधार रोज़गार क्षमता और अनुसंधान मानकों में वृद्धि आवश्यक - डॉ. अमरजीत भार्गव
- 9 भारत में कौशल अंतराल
- 10 अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बनाम विनियामक निगरानी : भारत में डिजिटल मीडिया का विनियमन - आलोक सिंह

- 1 डिजिटल शासन में ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी भूमिका, जोखिम एवं रणनीति
- 2 भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिक तंत्र अवसर, चुनौतियां एवं विकास हेतु प्रयास
- 3 महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु : आलोचनात्मक विश्लेषण
- 4 भू-विरासत स्थल: महत्व तथा संरक्षण के प्रयास
- 5 बदलती विश्व व्यवस्था में भारत-रूस संबंध
- 6 डेटा संरक्षण कानून : औचित्य तथा चुनौतियां