आर्थिक सुधार व वृद्धि दर - वर्तमान भारतीय परिदृश्य
नवीन
आर्थिक सुधारों को सतर्कतापूर्वक तथा समुचित पूर्व योजना के साथ लागू करना एक बेहतर रणनीति होगी। इससे नीतियों के कार्यान्वयन में अनावश्यक विसंगतियों व परिचालन की समस्याओं से बचा जा सकेगा, जिसका लाभ सरकार के साथ-साथ नागरिकों को भी होगा। |
भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था तथा बदलते समाज के लिए सुधारों की स्पष्ट अनिवार्यता है। समय-समय पर सामाजिक, वैधानिक व आर्थिक सुधार होते रहें हैं जो एक गतिशील समाज, राष्ट्र व आर्थिक व्यवस्था के लिए प्रासंगिक है। समयानुकूल निरंतर सुधार होते रहने से ऐतिहासिक व तकनीकी विसंगतियां कम होती हैं तथा समाज व राष्ट्र ....
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