भुलाए जाने का अधिकार
- दिल्ली हाईकोर्ट हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसले में यूट्यूब सहित विभिन्न ऑनलाइन मंचों से एक बांग्ला अभिनेत्री के कुछ आपत्तिजनक वीडियो और ऑडियो क्लिप हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि निजता के अधिकार (Right to Privacy) में भुलाए जाने का अधिकार (Right to be Forgotten) और अकेले रहने देने का अधिकार (Right to be Left Alone) शामिल है।
न्यायालय का निर्णय
- न्यायमूर्ति आशा मेनन ने अपने आदेश में कहा कि इस तथ्य के मद्देनजर कि वादी अभिनेत्री ‘अकेले रहने’ और ‘भुलाए जाने’ की हकदार है, वह प्रतिवादियों द्वारा वीडियो लीक करने के कारण ....
क्या आप और अधिक पढ़ना चाहते हैं?
तो सदस्यता ग्रहण करें
इस अंक की सभी सामग्रियों को विस्तार से पढ़ने के लिए खरीदें |
पूर्व सदस्य? लॉग इन करें
वार्षिक सदस्यता लें
सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल के वार्षिक सदस्य पत्रिका की मासिक सामग्री के साथ-साथ क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स पढ़ सकते हैं |
पाठक क्रॉनिकल पत्रिका आर्काइव्स के रूप में सिविल सर्विसेज़ क्रॉनिकल मासिक अंक के विगत 6 माह से पूर्व की सभी सामग्रियों का विषयवार अध्ययन कर सकते हैं |
संबंधित सामग्री
- 1 ‘विकसित भारत स्ट्रैटेजी रूम’ का उद्घाटन
- 2 देश में रक्षा विनिर्माण के अवसरों पर सम्मेलन
- 3 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को स्वीकृति
- 4 राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) की समीक्षा बैठक
- 5 असम सरकार लगाएगी बहुविवाह (Polygamy) पर प्रतिबंध
- 6 धर्म की स्वतंत्रता और निजता का अधिकार परस्पर अंतर्संबंधित
- 7 7 वर्ष के अनुभव वाले न्यायिक अधिकारी जिला न्यायाधीश पद हेतु पात्र
- 8 सिद्दी जनजातीय समुदाय
- 9 पुनर्वास शिक्षा में परिवर्तन हेतु सुधारों की घोषणा
- 10 बोडो समुदाय का बाथौ धर्म
- 1 ट्रिब्यूनल सुधार विधेयक, 2021
- 2 संसद सदस्यों का सदन से निलंबन
- 3 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय: आवश्यकता एवं महत्व
- 4 निवारक निरोध : एक आवश्यक बुराई
- 5 कहीं भी बसने तथा सर्वत्र अबाध संचरण का मौलिक अधिकार
- 6 व्यक्तिगत स्वतंत्रता संविधान का एक महत्वपूर्ण पहलू
- 7 गैर-कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम
- 8 डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज 5.0

