बिलों पर अनुमोदन समय-सीमा: सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुच्छेद 143 के अंतर्गत किए गए संदर्भ पर निर्णय देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 20 नवंबर, 2025 को कहा कि अनुच्छेद 200 और 201 के तहत विधेयकों पर हस्ताक्षर (assent) देने के लिए राष्ट्रपति या राज्यपाल पर कोई समय-सीमा थोपना उसके अधिकार–क्षेत्र में नहीं है।
  • इस फैसले ने 8 अप्रैल 2025 को न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और आर. महादेवन द्वारा दिए गए उस निर्णय को निरस्त कर दिया, जिसके चलते राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट से यह राय मांगी थी कि क्या सर्वोच्च न्यायालय संवैधानिक पदाधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर रहा है।
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